टीम इंडिया को बदलने होंगे अपने तेवर, अब तो अजेय बनना ही पड़ेगा
खिताब जीतने के लिए टीम इंडिया को लगातार तीन मैच जीतने होंगे।
लंदन, अभिषेक त्रिपाठी। चैंपियंस ट्रॉफी में अपने दूसरे मुकाबले में ही श्रीलंका से सात विकेट से हारने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली कह रहे हैं कि हम अजेय नहीं हैं, लेकिन हालात के हिसाब से उन्हें यह समझना होगा कि बहानों से अब काम नहीं चलेगा। अब उन्हें अजेय बनना ही होगा।
गतविजेता भारत को अगर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखनी है तो उसे अपने अगले तीनों मैच जीतने होंगे। भारतीय प्रशंसकों को उनसे काफी उम्मीदें हैं और वह उसे हल्के में नहीं ले सकते। पाकिस्तान को हराकर जो भारतीय टीम सबसे आगे दिख रही थी वही टीम अब श्रीलंका के खिलाफ आसानी से हारकर अगर-मगर की डगर में फंस गई है।
अब टीम इंडिया को रविवार को दक्षिण अफ्रीकी टीम से भिड़ना है जो श्रीलंका व पाकिस्तान से अपेक्षाकृत मजबूत है। यह मुकाबला अब वास्तविक क्वार्टर फाइनल बन गया है। इसमें जीत दर्ज करने के बाद ही टीम सेमीफाइनल में जगह बना पाएगी। खिताब जीतने के लिए उसे इसके बाद सेमीफाइनल और फाइनल जीतने होंगे।
दक्षिण अफ्रीका है मजबूत
श्रीलंका के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज उम्मीद पर खरे उतरे, लेकिन गेंदबाज 321 रन के स्कोर का बचाव भी नहीं कर सके। श्रीलंका ने आठ गेंद बाकी रहते भारत को हरा दिया। अगर अगले प्रतिद्वंद्वी की बात करें तो वनडे रिकॉर्ड में दक्षिण अफ्रीका भारी दिखती है। दोनों टीमों के बीच कुल 76 वनडे हुए, जिसमें दक्षिण अफ्रीका ने 45 और भारत ने 28 जीते हैं। हालांकि चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने इस टीम के खिलाफ खेले अपने तीनों मैच जीते हैं। निश्चित तौर पर श्रीलंका के खिलाफ मिली हार से भारतीय टीम का मनोबल नीचे हो गया है और उसने शुक्रवार को अभ्यास भी नहीं किया। श्रीलंका ने साबित किया कि अगर ओवल जैसी पिच पर कोई डटकर खेले तो वह टीम इंडिया को बिखेर सकता है। निश्चित तौर पर जब श्रीलंकाई बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों को धुन रहे थे विराट पूरी तरह से योजनाहीन दिखाई दे रहे थे।
विवादों की हवा भी घुली
भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ जिस तरह मुकाबला हारी और विराट कोहली जिस तरह आउट हुए उससे यह भी सवाल उठने लगे कि कहीं टीम पर हालिया विवादों का असर तो नहीं हो रहा है? कोच कुंबले और कप्तान कोहली के बीच अनबन की खबरें हैं और अगर टीम लगातार हारती है तो कोच को निकालना आसान हो जाएगा। हालांकि कोहली किसी भी विवाद से इनकार कर चुके हैं। भारतीय टीम को विवादों से ध्यान हटाकर अपना क्षेत्ररक्षण भी दुरुस्त करना चाहिए। श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने कुशल मेंडिस और परेरा के कैच टपकाए। टीम ने रन आउट करने के भी कई मौके गंवाए। पाकिस्तान के खिलाफ भी टीम ने कई कैच टपकाए थे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऐसी गलती बहुत भारी पड़ सकती है।
गेंदबाजी फेल तो होगी दिक्कत
वैसे तो हमेशा भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर भारत को कमजोर माना जाता था, लेकिन हाल में ही उसके पास काफी अच्छे तेज गेंदबाज आ गए जिससे विदेशों में भी इस टीम का प्रदर्शन ठीक हुआ। वर्तमान में भी भारत के पास उमेश यादव, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी के रूप में चार तेज गेंदबाज हैं। टीम के पास एक पेसर ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या भी हैं। भारत के तेज गेंदबाजों ने इंग्लैंड में दोनों अभ्यास मैच और पाकिस्तान के खिलाफ मैच में अच्छा प्रदर्शन किया जिससे उसे आसान जीत मिली। लेकिन जहां यह तेज गेंदबाज ओवल की पाटा पिच पर फेल हुए, वहीं श्रीलंका जैसी टीम ने भी उन्हें धूल चटा दी। श्रीलंका के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी कमजोरी यही तेज गेंदबाज साबित हुए। निश्चित तौर पर इन्हें फिर से मजबूत कड़ी बनना होगा।
टीम में बदलाव पर भी होगा विचार
भारत को अगला मैच भी ओवल में ही खेलना है। अभी तक अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को टीम में जगह नहीं मिल सकी है। निश्चित तौर पर उनमें विकेट लेने की क्षमता है। उन्हें अगले मैच में खिलाया जा सकता है, क्योंकि पाकिस्तान और श्रीलंका की अपेक्षा दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को स्पिनरों को खेलने में दिक्कत होती है। हालांकि इस टीम के खिलाफ खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड भी खास नहीं है। अश्विन ने अफ्रीका के खिलाफ छह वनडे में सिर्फ पांच विकेट लिए हैं।