अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप : कंगारुओं के खिलाफ युवा भारतीय खिलाड़ियों के पास इतिहास रचने का मौका
फाइनल में भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के साथ होगा।
माउंट मौंगानुई (न्यूजीलैंड), प्रेट्र। जीत के अश्वमेधी रथ पर सवार कोच राहुल द्रविड़ की भारतीय टीम आइसीसी अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेगी तो उसकी नजरें चौथा बार खिताब जीतकर इतिहास रचने पर लगी होंगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया टूर्नामेंट के इतिहास की दो सबसे सफल टीमें हैं जो तीन-तीन बार खिताब जीत चुकी हैं।
द्रविड़ की युवा टीम के पास रिकॉर्ड चौथा खिताब जीतकर ऑस्ट्रेलिया को पछाड़ने का मौका होगा। भारतीय क्रिकेट के भावी सितारे पृथ्वी शॉ अगर यह कर पाते हैं तो वह भारत को अंडर-19 खिताब दिलाने वाले मुहम्मद कैफ (2002), विराट कोहली (2008) और उन्मुक्त चंद (2012) की जमात में शामिल हो जाएंगे। मौजूदा फॉर्म को देखते हुए भारत का पलड़ा भारी लग रहा है। भारत ने अभी तक पांचों मैच जीते हैं, जिसमें सेमीफाइनल में पाकिस्तान पर 203 रन से मिली जीत भी शामिल है। पाकिस्तान के खिलाफ 272 रन बनाने के बाद भारत ने उसकी पूरी पारी 69 रन पर समेट दी थी। इसके अलावा भारत ने टूर्नामेंट के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को 100 रन से हराया था। अभी तक हर जीत में टीम का सामूहिक प्रयास रहा है। सभी खिलाडि़यों ने किसी ना किसी रूप में योगदान दिया है।
बल्लेबाजों में पृथ्वी और मनजोत कालरा ने टीम को हमेशा अच्छी शुरुआत दी है। तीसरे नंबर पर शुभमन गिल जबर्दस्त फॉर्म में हैं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में शतक नाबाद जमाया था। ऐसे में वह फाइनल में एक और यादगार पारी खेलना चाहेंगे। गेंदबाजी में शिवम मावी और कमलेश नागरकोटी का प्रदर्शन उम्दा रहा है। दोनों ने 140 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से लगातार गेंदबाजी की है। हालांकि, उनके लिए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रोकना आसान नहीं होगा। अभिषेक शर्मा और अनुकूल रॉय ने स्पिन का मोर्चा संभाला है। अभिषेक निचले मध्य क्रम में उपयोगी बल्लेबाज भी हैं। भारतीय क्षेत्ररक्षण भी टूर्नामेंट में शानदार रहा है। भारतीय अंडर-19 टीम से भविष्य के सितारे निकलते रहे हैं और इस टीम में भी वह माद्दा है।
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया टूर्नामेंट के पहले मैच में मिली हार का बदला चुकता करना चाहेगा। पहला मैच भारत के खिलाफ हारने के बाद उसने शानदार वापसी करके लगातार चार मैच जीते हैं। जेसन संघा की अगुआई वाली इस टीम ने पिछले दो मैचों में जिस तरह का प्रदर्शन किया है उसे इस टीम को हल्के में लेना भारी भूल साबित हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया ने क्वार्टर फाइनल में 127 रन के स्कोर का बचाव करते हुए इंग्लैंड को 31 रन से हराया था और फिर उसके बाद उसने अफगानिस्तान को छह विकेट से मात दी थी।
टीमें-
भारत : पृथ्वी शॉ (कप्तान), शुभमन गिल, मनजोत कालरा, हिमांशु राणा, अभिषेक शर्मा, रियान पराग, हार्विक देसाई, शिवम मावी, कमलेश नागरकोटी, ईशान पोरेल, अनुकूल रॉय, शिवा सिंह, आर्यन जुयाल, अर्शदीप सिंह, पंकज यादव।
ऑस्ट्रेलिया : जेसन संघा (कप्तान), विल सदरलैंड, जेवियर बार्टलेट, मैक्स ब्रायंट, जैक एडवडर्स, जैक इवांस, जैरोड फ्रीमैन, रियान हेडली, बैक्सटर होल्ट, नाथन मैकस्वीनी, जोनाथन मेरलो, लॉयड पोप, परम उप्पल, ऑस्टिन वॉ।