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विदर्भ ने रचा इतिहास, पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में बनाई जगह, ये खिलाड़ी बना जीत का हीरो

विदर्भ पहली बार रणजी ट्राफी फाइनल में पहुंचा है और अब उसके सामने खिताबी मुकाबले में दिल्ली की चुनौती होगी।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Thu, 21 Dec 2017 03:25 PM (IST)Updated: Thu, 21 Dec 2017 04:52 PM (IST)
विदर्भ ने रचा इतिहास, पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में बनाई जगह, ये खिलाड़ी बना जीत का हीरो
विदर्भ ने रचा इतिहास, पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में बनाई जगह, ये खिलाड़ी बना जीत का हीरो

कोलकाता, आइएएनएस। रजनीश गुरबानी (68 रन पर सात विकेट) के करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की बदौलत विदर्भ ने जीत की दावेदार मानी जा रही कर्नाटक को रणजी ट्राफी सेमीफाइनल के आखिरी दिन गुरूवार को पांच रन से हराकर इतिहास रच दिया। पांच दिनों तक चले विदर्भ और अनुभवी कर्नाटक के बीच रोमांचक मुकाबले में गैर अनुभवी टीम की जीत हुई। विदर्भ पहली बार रणजी ट्राफी फाइनल में पहुंचा है और अब उसके सामने इंदौर में 20 दिसंबर से दो जनवरी तक चलने वाले खिताबी मुकाबले में दिल्ली की चुनौती होगी जिसने बंगाल को तीन दिन में ही पारी और 26 रन से शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया था।

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198 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही कर्नाटक को मैच के पांचवें और अंतिम दिन विदर्भ ने 59.1 ओवर में 192 रन पर ढेर कर पांच रन से रोमांचक जीत दर्ज की। विदर्भ को कल ही जीत की सुगंध मिल गयी थी और कर्नाटक के मात्र तीन विकेट ही शेष थे। लेकिन अंतिम दिन कर्नाटक के कप्तान आर विनय कुमार ने 48 गेंदों में पांच चौके और एक छक्का लगाकर 36 रन तथा अभिमन्यु मिथुन ने 33 रन की पारी खेल मैच को पलट दिया वहीं बाद में श्रेयस गोपाल ने नाबाद 24 रन की पारी खेली और मैच लगभग कर्नाटक की पहुंच में आ गया। लेकिन गुरबानी ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए विदर्भ को पहली बार फाइनल का टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई। गुरबानी ने विनय, मिथुन और अरविंद के एक के बाद एक विकेट निकाले और कर्नाटक को जीत से मात्र पांच रन पहले 192 पर ढेर करते हुये अपनी टीम के लिये इतिहास रच दिया।

अपूर्व वानखेड़े ने कर्नाटक के आखिरी बल्लेबाज़ अरविंद का कैच जैसे ही लपका विदर्भ की पूरी टीम पहली बार फाइनल में पहुंचने के जश्न में डूब गयी। कर्नाटक ने 41 बार की चैंपियन मुंबई के खिलाफ पारी और 20 रन से शानदार जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी जबकि वह 14 बार फाइनल में पहुंच चुकी है। उसने अपना आखिरी फाइनल वर्ष 2014-15 सत्र में खेला था और विजेता भी रही थी। लेकिन इस बार गैर अनुभवी टीम विदर्भ उस पर भारी पड़ गयी। कर्नाटक कुल आठ बार रणजी ट्राफी खिताब अपने नाम कर चुकी है। विदर्भ की इस जीत के हीरो रहे गुरबानी ने 23.1 ओवर में 68 रन पर सर्वाधिक सात विकेट निकाले जो उनके प्रथम श्रेणी करियर का भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। गुरबानी को मैन ऑफ द मैच चुना गया। सिद्धेश नेराल को दो और तेज़ गेंदबाज़ उमेश यादव को एक विकेट मिला।

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