स्टेन के आगे फीकी नहीं पड़ी भुवी की चमक
रवि शास्त्री स्ट्रेट ड्राइव दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में बाहर बैठाए जाने के बाद भुवनेश्वर कुमार ने बांग्लादेश में हुए एशिया कप और टी-20 विश्व कप दोनों में ध्यान खींचा। यूएई में भी जबरदस्त डेल स्टेन के सामने उनकी चमक फीकी नहीं पड़ी। आमतौर पर वह पहला और अंतिम ओवर फेंकने आते और ऐसा एक भी मौका नहीं
(रवि शास्त्री का कॉलम)
दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में बाहर बैठाए जाने के बाद भुवनेश्वर कुमार ने बांग्लादेश में हुए एशिया कप और टी-20 विश्व कप दोनों में ध्यान खींचा। यूएई में भी जबरदस्त डेल स्टेन के सामने उनकी चमक फीकी नहीं पड़ी। आमतौर पर वह पहला और अंतिम ओवर फेंकने आते और ऐसा एक भी मौका नहीं आया जब उन्होंने अपनी टीम सनराइजर्स हैदराबाद को निराश किया।
भुवनेश्वर ने यूएई में स्विंग और सीम गेंदबाजी का जमकर लुत्फ उठाया। उन्होंने लय से गेंदबाजी की, क्रीज का अच्छा इस्तेमाल किया और इस तरह का एंगल बनाया जिससे गेंद बायें हाथ के बल्लेबाजों के लिए बाहर निकले। इसके अलावा स्लोअर बॉल, बाउंसर, स्ट्रेटर बॉल की विविधताओं ने बल्लेबाजों के लिए उन्हें खेलना मुश्किल कर दिया।
वास्तव में यूएई में उन पर काफी दबाव था। अमित मिश्रा मध्य ओवरों में अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे। युवा लेग स्पिनर कर्ण शर्मा भी लय में नहीं दिखे। इशांत शर्मा को जल्द ही बाहर बैठना पड़ा। रेगिस्तान में सैमी नौ ओवर से अधिक नहीं फेंक सके। ऐसे में सारा दारोमदार स्टेन और भुवी पर था, इसलिए उनके आठ ओवर अति महत्वपूर्ण हो गए।
इस गेंदबाजी संयोजन ने हैदराबाद को यह विश्वास दिलाया कि वे भारत में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। उम्मीद है कि मिश्रा भी लय हासिल कर लेंगे, धवन उछाल लेती गेंदों पर नियंत्रण से खेल सकेंगे, लोकेश राहुल और बेहतर बल्लेबाज बनेंगे। ऐसा हुआ तो बाकी बचे नौ मैचों में से टीम छह जीत सकती है।
यूएई में भारतीय तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा। मोहित, संदीप, ईश्वर और एरोन जैसे युवाओं ने लंबी छलांग लगाई। जबकि जहीर खान और विनय कुमार ने भी अपनी उपयोगिता साबित की। चयनकर्ता निश्चित रूप से उनके प्रदर्शन पर पैनी नजर रख रहे होंगे। जहीर पहले से फिट और तेज दिख रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे उनके तरकश में अभी कई तीर हैं। इस पुराने घोड़े को आप अपने जोखिम पर ही खारिज करें। (टीसीएम)