दिग्गज भी मान रहे वीरू को चाहिए ब्रेक, चेन्नई से घमासान आज
[मोहिंदर अमरनाथ] टूर्नामेंट अब अपने बेहद ही रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। अंतिम चार में पहुंचने के लिए छह टीमों में दिलचस्प लड़ाई चल रही है। मैं यहां चेन्नई, मुंबई, राजस्थान, हैदराबाद और बेंगलूर के साथ कोलकाता की टीम को भी इस दौड़ में मान रहा हूं, जिसने बेंगलूर को हराकर अभी तक उम्मीद का दामन थामे रखा है। टूर्नामेंट
[मोहिंदर अमरनाथ] टूर्नामेंट अब अपने बेहद ही रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। अंतिम चार में पहुंचने के लिए छह टीमों में दिलचस्प लड़ाई चल रही है। मैं यहां चेन्नई, मुंबई, राजस्थान, हैदराबाद और बेंगलूर के साथ कोलकाता की टीम को भी इस दौड़ में मान रहा हूं, जिसने बेंगलूर को हराकर अभी तक उम्मीद का दामन थामे रखा है।
टूर्नामेंट में अगला मुकाबला दिल्ली डेयरडेविल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच है। अंक तालिका पर नजर डाली जाए तो इस मैच में विजेता कौन होगा यह कोई भी आसानी से बता सकता है। लेकिन टी-20 क्रिकेट में कुछ भी प्रत्याशित नहीं होता और चेन्नई जो टूर्नामेंट की सबसे मजबूत टीमों में से एक है कि पिछली दो हार (मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ) ने मुझे थोड़ा निराश किया है। मुंबई के खिलाफ यह टीम अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट हो गई, जबकि इस टीम के बैटिंग लाइनअप की कोई दूसरी टीम बराबरी नहीं कर सकती। राजस्थान के खिलाफ भी अच्छा स्टार्ट मिलने के बावजूद बड़ा स्कोर नहीं कर पाना चिंताजनक है।
लीग चरण अपने अंतिम पड़ाव पर है और हर टीम शीर्ष दो में रहना चाहती है, ताकि फाइनल में जगह बनाने के लिए उसके पास एक अतिरिक्त मौका हो। ऐसे में चेन्नई का यह ढीलापन उसे भारी पड़ सकता है। दिल्ली भले ही प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी है। लेकिन उसे कमजोर नहीं समझा जाना चाहिए, क्योंकि खिलाड़ी मैदान पर केवल जीतने के लिए ही उतरते हैं।
दिल्ली के स्टार वीरेंद्र सहवाग के लिए बहुत बातें कही जा रही हैं। सहवाग जिस दौर से गुजर रहे हैं, उससे हर खिलाड़ी कभी न कभी गुजरता है। मैं भी गुजरा हूं। सहवाग बड़ा खिलाड़ी है और यदि वह वापसी करते हैं तो राष्ट्रीय टीम को फायदा होगा। मुझे लगता है कि उन्हें एक ब्रेक की जरूरत है। कभी-कभी खेल से थोड़े समय के लिए खुद को दूर करना भी अच्छा होता है। टूर्नामेंट के बाद उन्हें इसका मौका मिलेगा।
कुछ वक्त क्रिकेट से दूर वह अपने परिवार व दोस्तों के साथ बिताएं और फिर ट्रेनिंग के लिए मैदान पर लौटें। टूर्नामेंट के दौरान भी वह कुछ अलग करने की कोशिश कर सकते हैं। मेरे ख्याल से सबसे पहले तो उन्हें अपना बल्लेबाजी क्रम बदलना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं कि सहवाग को असली सफलता ओपनर के रूप में ही मिली, लेकिन अभी उन्हें बल्लेबाजी में थोड़ा नीचे उतरना चाहिए। शायद यह तरीका काम कर जाए। (फॉरच्युना सिंडिकेट)
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