सट्टेबाजी को मंजूरी देने के पक्ष में खेल मंत्रालय
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने स्पॉट फिक्सिंग और खेलों में अन्य तरह की अनुचित गतिविधियों की रोकथाम के लिए लाए जा रहे कानून के प्रारंभिक मसौदे में व्यापक बदलाव की जरूरत बताई है। खेल मंत्रालय ने कड़े प्रावधानों के साथ देश में संट्टेबाजी को कानूनन मंजूरी देने की हिमायत भी की है।
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने स्पॉट फिक्सिंग और खेलों में अन्य तरह की अनुचित गतिविधियों की रोकथाम के लिए लाए जा रहे कानून के प्रारंभिक मसौदे में व्यापक बदलाव की जरूरत बताई है। खेल मंत्रालय ने कड़े प्रावधानों के साथ देश में सट्टेबाजी को कानूनन मंजूरी देने की हिमायत भी की है।
खेल सचिव पीके देब ने मंगलवार को प्रस्तावित कानून का मसौदा मिलने की पुष्टि करने के साथ ही इसमें व्यापक सुधार के संकेत भी दिए। देब के मुताबिक, खेल मंत्रालय ड्राफ्ट में जरूरी बदलाव कर रहा है और कवायद पूरी होने के बाद इसे बुधवार को कानून मंत्रालय को वापस भेज दिया जाएगा। कानून मंत्री कपिल सिब्बल के अवलोकन के बाद प्रस्तावित कानून के मसौदे की प्रति विधायी विभाग द्वारा खेल मंत्रालय, खेल प्रशासकों, पूर्व खिलाड़ियों और खेल विशेषज्ञों को भेजी गई है। देब ने कड़े कानूनी प्रावधानों के साथ संट्टेबाजी को मंजूरी देने का पक्ष लिया। खेल मंत्रालय दूसरे देशों में खेलों में अनुचित गतिविधियों पर बने कानून का भी अध्ययन कर रहा है ताकि सबसे बेहतर अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों को शामिल किया जा सके। आइपीएल-6 में स्पॉट फिक्सिंग के बवंडर के बाद खिलाड़ियों के अनुचित क्रियाकलापों पर अंकुश लगाने के लिए विधि मंत्रालय ने कानून लाने की कवायद शुरू की है।
मंत्रालय का कहना है कि अनुचित क्रियाकलाप का मतलब सिर्फ घूसखोरी, सटोरियों से संबंध होने से नहीं है, ऐसा कोई भी कार्य जो मैच या टूर्नामेंट का नतीजा बदलता है, नए कानून के तहत अपराध माना जाएगा।
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