सावधान! रॉयल्स का खेल बिगाड़ सकते हैं डेयरडेविल्स
[मोहिंदर अमरनाथ] टी-20 क्रिकेट में निरंतरता बहुत मायने रखती है। खासकर आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में जहां आपको अंतिम चार में जगह बनाने से पहले काफी मैच खेलने होते हैं। ऐसे बड़े टूर्नामेंट में यदि कोई टीम अच्छी शुरुआत नहीं करती है या फिर अच्छी शुरुआत के बाद लय खो देती है तो अंतिम चार में उसके पहुंचने की उम्मीदें भी कमजोर
[मोहिंदर अमरनाथ] टी-20 क्रिकेट में निरंतरता बहुत मायने रखती है। खासकर आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में जहां आपको अंतिम चार में जगह बनाने से पहले काफी मैच खेलने होते हैं। ऐसे बड़े टूर्नामेंट में यदि कोई टीम अच्छी शुरुआत नहीं करती है या फिर अच्छी शुरुआत के बाद लय खो देती है तो अंतिम चार में उसके पहुंचने की उम्मीदें भी कमजोर पड़ती जाती हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उसके प्रदर्शन में निरंतरता नहीं दिखी और टूर्नामेंट में उसकी शुरुआत भी अच्छी नहीं रही।
मैं यह नहीं कहूंगा कि दिल्ली की टीम कमजोर थी, लेकिन हां, शुरुआती मैचों में कुछ खिलाड़ियों की इंजरी और केविन पीटरसन जैसे बड़े नाम का चोट की वजह से टूर्नामेंट से बाहर हो जाना दिल्ली को अखर गया। सर विवियन रिचर्ड्स के टीम से बतौर सलाहकार जुड़ने के बाद लोगों ने चमत्कार की उम्मीद की, लेकिन सच्चाई यह है कि मैदान पर तो खिलाड़ियों को ही खेलना है।
दिल्ली को अब अपना अगला मैच राजस्थान रॉयल्स से खेलना है। राजस्थान ने पिछले मैच में पुणे वॉरियर्स के खिलाफ जीत दर्ज की थी। उसके पास राहुल द्रविड़ जैसा महान खिलाड़ी है, जिसने अब तक कप्तान, कोच और मेंटर की तिहरी भूमिका सफतलता पूर्वक निभाई है। लोग उनकी सफलता का राज पूछते हैं। मैं तो यही मानता हूं कि द्रविड़ जैसी प्रतिबद्धता, उनके जैसी विनम्रता और सीखने की ललक जिस शख्स के पास भी होगी, वह चाहे किसी भी क्षेत्र में हो सफलता जरूर हासिल करेगा। द्रविड़ एक रोल मॉडल हैं, जिन्हें हर व्यक्ति पसंद करता है।
दिल्ली के खिलाफ राजस्थान के मैच की बात करें तो मेरा मानना है कि दबाव राजस्थान के ऊपर होगा। भले ही वह घर पर अभी तक अजेय रही हो, दिल्ली के पास अब खोने के लिए कुछ भी नहीं। खिलाड़ी अब रिलैक्स्ड माइंडसेट में होंगे और बेफिक्र टीम कभी-कभार बहुत खतरनाक साबित हो जाती है। यहां मिली जीत राजस्थान के प्लेऑफ में पहुंचने के दावे को और मजबूत करेगी, जबकि अंतिम चार की दौड़ से बाहर हो चुकी दिल्ली अब अपने बचे हुए मैचों में जीत हासिल कर अन्य टीमों की गणना को प्रभावित करने का पूरा प्रयास करेगी।
टूर्नामेंट अभी खुला है। कुछ टीमें बेहतर हैं, लेकिन टी-20 प्रारूप में प्रबल दावेदार कोई नहीं होता। खिताब कौन सी टीम जीतेगी यह कहना आसान नहीं। मैदान इसमें अहम भूमिका निभाएंगे। घरेलू मैदान पर लगभग सभी टीमों ने अच्छा किया है और प्लेऑफ में भी मैदान एक बड़ा कारक होगा। (फॉरच्युना सिंडिकेट)
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