बीसीसीआइ बना क्रिकेट बोर्ड ऑफ श्रीनिवासन
तमिलनाडु क्रिकेट संघ के अध्यक्ष से बीसीसीआइ के सचिव और फिर अध्यक्ष तक का सफर तय करने वाले इंडिया सीमेंट्स के मालिक एन श्रीनिवासन अब देश के सर्वोच्च क्रिकेट संघ पर कब्जा जमाए हुए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड वर्तमान में क्रिकेट बोर्ड ऑफ श्रीनिवासन के तौर पर काम करता दिखाई दे रहा है। श्
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। तमिलनाडु क्रिकेट संघ के अध्यक्ष से बीसीसीआइ के सचिव और फिर अध्यक्ष तक का सफर तय करने वाले इंडिया सीमेंट्स के मालिक एन श्रीनिवासन अब देश के सर्वोच्च क्रिकेट संघ पर कब्जा जमाए हुए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड वर्तमान में क्रिकेट बोर्ड ऑफ श्रीनिवासन के तौर पर काम करता दिखाई दे रहा है।
शशांक मनोहर के बाद 2011 में श्रीनिवासन ने बीसीसीआइ अध्यक्ष का पद संभाला था और जबसे वह भारतीय क्रिकेट के सर्वेसर्वा बने हैं तबसे बोर्ड की सारी गतिविधियां चेन्नई से ही चलने लगी हैं। पिछले दो साल में बोर्ड की वार्षिक आम सभा और कुछ बैठकों को छोड़कर अधिकतर बैठकें चेन्नई में ही की गईं जबकि बीसीसीआइ का मुख्यालय मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में है। 19 मई को स्पॉट फिक्सिंग मसले को लेकर हुई अहम बैठक भी चेन्नई में आयोजित की गई थी।
श्रीनिवासन बीसीसीआइ अध्यक्ष के साथ आइपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के भी मालिक हैं। बीसीसीआइ अध्यक्ष और सीएसके के मालिक होने पर हितों के टकराव का मामला बनता है। इसको लेकर अदालत में याचिका भी दाखिल है। यही नहीं भारतीय टीम के चयन से लेकर आइपीएल तक में श्रीनिवासन का हस्तक्षेप दिखाई देता है। विदेशी धरती पर लगातार आठ टेस्ट मैच हारने वाली भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी बचाने के पीछे भी श्रीनिवासन का ही हाथ था। हालांकि नियमों के मुताबिक चयनसमिति के कामकाज में बीसीसीआइ अध्यक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता लेकिन ऐसा किया गया।
इसका विरोध करने पर चयनसमिति में शामिल मोहिंदर अमरनाथ को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। धौनी की कप्तानी इसलिए बचाई गई क्योंकि वह श्रीनिवासन के खास हैं और छह साल से चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान हैं।
यही नहीं टीम इंडिया में भी चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ियों का दखल दिखाई देता है। छह मार्च से इंग्लैंड में शुरू होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में सीएसके के ओपनर मुरली विजय को जगह दी गई है जबकि न ही वह इस आइपीएल में चले हैं और न ही वह टीम चयन के साथ अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे।
आइपीएल में भी श्रीनिवासन का पूरा दखल है। 2011 में बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने के साथ ही इस टूर्नामेंट का ओपनिंग मैच चेन्नई में कराया गया। यही नहीं क्वालीफाइंग-2 और फाइनल मुकाबला भी चेन्नई को दिया गया। इसके साथ ही आइपीएल की बोली में भी जरूरत से ज्यादा हस्तक्षेप किया गया। 2012 में ललित मोदी ने आरोप लगाया कि 2009 में हुई बोली प्रक्रिया में भी छेड़छाड़ हुई थी। चेन्नई सुपर किंग्स ने एंड्रयू फ्लिंटॉफ को शामिल करने के लिए गलत तरीका अपनाया था जबकि तब के आइपीएल कमिश्नर मोदी यह सब नहीं होने देना चाहते थे। मुंबई इंडियंस दूसरी टीम थी जो फ्लिंटॉफ को खरीदना चाहती थी।
पूर्व आइपीएल कमिश्नर ललित मोदी कहते हैं कि श्रीनिवासन एंड कंपनी ने भारतीय क्रिकेट पर कब्जा जमा लिया है। स्पॉट फिक्सिंग विवाद में श्रीनिवासन के दामाद गुरु मयप्पन के गिरफ्तार होने के बाद उन पर सारी बंदूकें तन गईं हैं। मोदी ने कहा कि मयप्पन के गिरफ्तार होने के बाद आइपीएल और बीसीसीआइ के नियमों के तहत चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी को बर्खास्त कर देना चाहिए।
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