मेरा सिर शर्म से झुक गया: खेल मंत्री
खेलमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के कारण उनका सिर शर्म से झुक गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कड़ा कानून होने से क्रिकेट को विश्वसनीयता के इस संकट से बचाया जा सकता था। जितेंद्र ने कहा, 'यह काफी शर्मनाक है। एक युवा, खेलप्रेमी और देश का खेलमंत्री होने के नाते मेरा सिर शर्म से झुक
नई दिल्ली। खेलमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के कारण उनका सिर शर्म से झुक गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कड़ा कानून होने से क्रिकेट को विश्वसनीयता के इस संकट से बचाया जा सकता था।
जितेंद्र ने कहा, 'यह काफी शर्मनाक है। एक युवा, खेलप्रेमी और देश का खेलमंत्री होने के नाते मेरा सिर शर्म से झुक गया है। ऐसी कोई व्यवस्था होनी चाहिए कि यह दोबारा ना होने पाए। यह सिर्फ क्रिकेट की बात नहीं है। हम क्रिकेट के बारे में इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि इसका खुलासा हुआ है लेकिन दूसरे खेल भी हैं।' आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के मद्देनजर कानून मंत्रालय फिक्सिंग विरोधी कानून लाने पर विचार कर रहा है।
खेलमंत्री ने कहा, 'हम इस कानून के बारे में गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय के संपर्क में हैं। आगे बढ़ने से पहले अटार्नी जनरल से राय ली जाएगी।' उन्होंने कहा, 'यह जरूरी है कि ऐसा कोई कानून हो। इसकी कोई गारंटी नहीं है कि दूसरे खेलों में ऐसा नहीं हो रहा है। कौन जानता है कि दूसरे खेलों में भी इसकी शुरूआत हो चुकी हो।' उन्होंने सटोरियों और आइपीएल टीम मालिकों के बीच ताल्लुकात की खबरों पर टिप्पणी से इन्कार कर दिया। जितेंद्र ने कहा, 'जांच चल रही है। मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता।'
यह पूछने पर कि क्या 2000 में क्रिकेट में फिक्सिंग का भंड़ाफोड़ होने के बाद ही सरकार को इसके खिलाफ कोई कानून बना लेना चाहिए था, उन्होंने कहा, 'जो अतीत में हो चुका है, मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता लेकिन आज सरकार काफी सक्रिय है। कानून पहले ही बन जाना चाहिए था लेकिन देर आए, दुरुस्त आए।'
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