एक और सच! पैसे लेने के बाद भी सिद्धार्थ ने क्यों नहीं किया काम?
(प्रदीप कुमार सिंह) नई दिल्ली। राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी सिद्धार्थ त्रिवेदी को आरोपी बनाया जाए या गवाह, इस पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में काफी मंथन हुआ था। कई चक्र पकड़े गए खिलाड़ियों व सट्टेबाजों से पूछताछ हुई। सिद्धार्थ त्रिवेदी के सट्टेबाजों से गिफ्ट व रुपये लेने की बात जरूर सामने आई मगर मैच के दौरान उनकी मदद करने
(प्रदीप कुमार सिंह) नई दिल्ली। राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी सिद्धार्थ त्रिवेदी को आरोपी बनाया जाए या गवाह, इस पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में काफी मंथन हुआ था। कई चक्र पकड़े गए खिलाड़ियों व सट्टेबाजों से पूछताछ हुई। सिद्धार्थ त्रिवेदी के सट्टेबाजों से गिफ्ट व रुपये लेने की बात जरूर सामने आई मगर मैच के दौरान उनकी मदद करने के कोई संकेत जांच अधिकारियों को नहीं मिले।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, सिद्धार्थ को ढाई लाख रुपये की एवज में अजीत चंदीला और उसके साथी सट्टेबाजों को साढ़े चार लाख रुपये लौटाने पड़े। महंगे गिफ्ट व रुपये देकर सट्टेबाजों ने उसे अपने जाल में फंसा तो लिया था लेकिन मारे डर के सिद्धार्थ मैच में उनकी मदद नहीं कर पाया। सूत्रों के अनुसार, अजीत चंदीला, अमित सिंह और सिद्धार्थ त्रिवेदी में एयर इंडिया कर्मी होने के कारण पहले से जान-पहचान थी। क्रिकेट मैचों में भी अक्सर वह लोग मिलते थे।
आईपीएल 2011 में अमित सिंह ने सिद्धार्थ को टॉमी नामक एक सट्टेबाज से मिलवाया। टॉमी ने स्पॉट फिक्सिंग के लिए सिद्धार्थ को बतौर एडवांस एक लाख रुपये का भुगतान किया। लेकिन सिद्धार्थ उसका काम नहीं कर पाया और उसने रुपये वापस कर दिए थे।
इस बार भी किया था संपर्क
स्पेशल सेल की पूछताछ में सिद्धार्थ ने बताया कि चंदीला द्वारा दोगुने रुपये वसूले जाने के बाद उसने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी थी। टीम में होने के कारण उसके साथ तो वह रहता था लेकिन स्पॉट फिक्सिंग को लेकर कोई बात नहीं होती। इस साल आईपीएल से पूर्व अमित ने दोबारा उससे मुलाकात कर स्पॉट फिक्सिंग का ऑॅफर दिया, लेकिन उसने मना कर दिया।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर