स्पॉट फिक्सिंग : रणजी क्रिकेटर भी गिरफ्तार, दामन दागदार
स्पॉट फिक्सिंग में एक और खुलासा। पूर्व क्रिकेटर अथवा क्लबों की लिए खेल रहे खिलाड़ी ही कुछेक लाख रुपयों के लिए भद्र लोगों के खेल को कलंकित करने पर तुले हैं। ये वे खिलाड़ी हैं, जो पूर्व में बड़े खिलाड़ियों के साथ खेल चुके हैं या फिर उनके गहरे दोस्त रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। स्पॉट फिक्सिंग में एक और खुलासा। पूर्व क्रिकेटर अथवा क्लबों की लिए खेल रहे खिलाड़ी ही कुछेक लाख रुपयों के लिए भद्र लोगों के खेल को कलंकित करने पर तुले हैं। ये वे खिलाड़ी हैं, जो पूर्व में बड़े खिलाड़ियों के साथ खेल चुके हैं या फिर उनके गहरे दोस्त रहे हैं। खिलाड़ियों से नजदीकी का लाभ उठाकर वह पहले उनको मौजमस्ती के समुंदर में गोते लगवाते है, फिर मौका देख रुपयों का लालच देकर स्पॉट फिक्सिंग के लिए तैयार कर लेते हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ऐसे ही एक पूर्व रणजी खिलाड़ी मनीष गुडेवा को औरंगाबाद से और दो फिक्सरों को नागपुर से गिरफ्तार किया है। वहीं, रेलवे के लिए खेल चुके रणजी खिलाड़ी बाबूराव यादव की तलाश की जा रही है।
तीनों को दिल्ली की साकेत कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। इस बीच, तमिलनाडु पुलिस ने 3 क्रिकेट बुकी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। उधर, केंद्र सरकार क्रिकेट में सट्टेबाजी को रोकने के लिए जल्द ही कड़ा कानून ला सकती है।
दाउद के गुर्गे देते थे खिलाड़ियों को धमकी
पकड़े गए लोगों में सुनील भाटिया व किरण डोले उर्फ मुन्ना भी शामिल हैं। विशेष पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव (स्पेशल सेल) के अनुसार, ये दोनों आरोपी दिल्ली के बड़े सट्टेबाज अश्रि्वनी अग्रवाल उर्फ टिंकू मंडी के सहयोगी हैं। गुड़गांव में बाकायदा ऑफिस खोलकर सट्टे में करोड़ों का कारोबार करने वाले टिंकू को उसके चार सहयोगियों के साथ पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार, स्पॉट फिक्सिंग में गिरफ्तार खिलाड़ी अजीत चंदीला सट्टेबाजों के चार अलग-अलग ग्रुप के साथ जुड़ा हुआ था। इनमें से दो ग्रुप मुंबई का चंद्रेश पटेल उर्फ ज्यूपिटर और टिंकू मंडी के हैं। बाकी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता तथा अहमदाबाद में छापेमारी कर रही हैं।
इस बीच, तमिलनाडु पुलिस ने 3 क्रिकेट बुकी प्रशांत, संजय बाफना और किटी उर्फ विजय कुमार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।
उधर, कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने खेल मंत्री जितेंद्र सिंह से बात की। जिसमें क्रिकेट में फिक्सिंग और सट्टेबाजी के खिलाफ नए कानून पर चर्चा की। दोनों के बीच इस मसले को लेकर सोमवार को एक बैठक होगी।
दुबई से लगता था सट्टा
सुनील भाटिया का प्रॉपर्टी का काम है जबकि किरण डोले सट्टेबाज है। खिलाड़ी मनीष गुडेवा अजीत चंदीला का दोस्त है। ये तीनों मिलकर चंदीला को स्पॉट फिक्सिंग के लिए तैयार करते थे। वे उसकी तरफ से दिए जाने वाले सिग्नल के बारे में दिल्ली में बैठे टिंकू मंडी को सूचित करते थे। इसके बाद टिंकू दुबई में बैठे आकाओं की मदद से मैच पर सट्टा लगवाता था। बाबूराव यादव नामक एक अन्य खिलाड़ी को भी पुलिस तलाश रही है। मनीष और बाबू दोनों दोस्त हैं। एक आला अधिकारी के अनुसार, सट्टेबाजी का खेल बेशक अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की 'डी कंपनी' की शह पर चलता है। लेकिन खिलाड़ियों से सीधा संपर्क अंडरवर्ल्ड के लोग नहीं करते।
भारत में मौजूद डी कंपनी के एजेंट बड़े सट्टेबाज इस काम में ऐसे 'फिक्सरों' की तलाश करते हैं, जो खिलाड़ियों को इस काम के लिए तैयार कर सकें। इस काम के लिए खिलाड़ियों के साथ साथ फिक्सरों को भी मोटा कमीशन दिया जाता था। सट्टा माफिया ऐसे लोगों को खोजता है, जो खिलाड़ियों से स्पॉट फिक्सिंग की बात कर सकें। टॉस्क को पूरा करने के लिए इन लोगों को भरपूर रुपया दिया जाता है, जिसमें खिलाड़ियों को घुमाना-फिराना, पांच सितारा होटलों में पार्टियां आयोजित कराना और उन्हें महंगी शॉपिंग कराना शामिल होता है।
अंडरवर्ल्ड की धमकी नहीं
स्पेशल सेल ने खिलाड़ियों को अंडरवर्ल्ड द्वारा धमकियां देकर स्पॉट फिक्सिंग के लिए तैयार करने संबंधी मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है। विशेष आयुक्त एसएन श्रीवास्तव के अनुसार, अभी तक की पूछताछ में ऐसी कोई बात अब तक सामने नहीं आई है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि पकड़े गए खिलाड़ियों की रिमांड समाप्त होने पर उन्हें कोर्ट से दोबारा रिमांड पर लिया जाएगा।
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