इस मोर्चे पर धौनी हैं फेल, Final में चेन्नई एक्सप्रेस कहीं हो न जाए डिरेल
एक ऐसा मोर्चा भी है जहां अनहोनी को होनी करने वाले धौनी को सफलता से ज़्यादा असफलता का सामना करना पड़ा है।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। महेंद्र सिंह धौनी की चेन्नई सुपर किंग्स सातवीं बार आइपीएल का फाइनल खेलने के लिए तैयार है। धौनी का ये आठवां आइपीएल फाइनल होगा क्योंकि पिछले साल पुणे सुपर जाएंट की टीम ने स्टीव स्मिथ की कप्तानी में खिताबी मुकाबला खेला था और धौनी भी इस टीम का हिस्सा थे। पिछले साल धौनी बतौर खिलाड़ी इस टूर्नामेंट का फाइनल खेले थे और इस बार धौनी बतौर चेन्नई के कप्तान ये खिताबी मुकाबला खेलेंगे। धौनी के लिए एक कप्तान के तौर पर ये सातवां फाइनल होगा, लेकिन आइपीएल में एक ऐसा मोर्चा भी है जहां अनहोनी को होनी करने वाले धौनी को सफलता से ज़्यादा असफलता का सामना करना पड़ा है।
'चौका' बढ़ा रहा है चेन्नई की चिंता
धौनी की टीम ने दो बार आइपीएल का खिताब अपने नाम किया है। इस टीम ने 2010 और 2011 में आइपीएल का खिताब जीता था। न्नई की टीम चार बार इस टूर्नामेंट की रनर अप भी रही है। 2008, 2012, 2013 और 2015 में धौनी के धुरंधर आइपीएल के फाइनल में तो पहुंचे, लेकिन वो इस खिताब को अपने नाम नहीं कर सके।यानि की धौनी की कप्तानी में चेन्नई ने अभी तक छह खिताबी मुकाबले खेले हैं। इन छह फाइनल्स में से धौनी की टीम को दो बार जीत मिली और चार बार उसे हार का वार सहकर खिताब से वंचित रहना पड़ा। ये चार हार ही चेन्नई के टीम और उनके कप्तान की चिंता को बढ़ा रही है। अगर चेन्नई को इस बार भी खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा तो उनकी आइपीेएल फाइनल्स में ये पांचवीं हार होगी।
चेन्नई लगाना चाहेगी जीत का 'चौका'
मौजूदा आइपीएल में हैदराबाद और चेन्नई दोनों ही टीमों का अभी तक तीन बार आमना-सामना हुआ है। दो बार लीग मैच में दोनों टीमों की टक्कर हुई और फिर पहले क्वालिफायर में भी दोनों के बीच फाइनल में जगह बनाने की जंग हुई। तीनों ही बार चेन्नई की टीम ने हैदराबाद पर भारी पड़ी है। अब खिताबी मुकाबले में जीत हासिल कर चेन्नई की टीम की नज़र न सिर्फ हैदराबाद से खिताब जीतने पर है बल्कि सनराइजर्स को मात देकर धौनी के धुरंधर इस टीम पर जीत का चौका भी लगाना चाहते हैं।
अनुभव में भी हैदराबाद से आगे है चेन्नई
आइपीएल के खिताबी मुकाबलों के अनुभव की बात करें तो चेन्नई की टीम के पास हैदराबाद के मुकाबले अधिक अनुभव है। चेन्नई की टीम जहां सातवां आइपीएल फाइनल खेल रही है तो वहीं हैदराबाद की टीम का ये दूसरा ही फाइनल है। सनराइजर्स ने 2016 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को हराकर खिताब जीता था लेकिन धौनी की चेन्नई ने तो 2010 और 2011 में ही आइपीएल के खिताब पर कब्ज़ा जमा लिया था।