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कोलकाता को माही से मिलेगी महाचुनौती, धौनी से पार पाकर जीतना चाहेगी KKR

बल्लेबाजी की बात करें तो चेन्नई ने दो बार 200 रनों का पीछा करके मैच जीते हैं तो दो बार विरोधी टीमों को 200 से अधिक का लक्ष्य देकर हराया है।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Thu, 03 May 2018 11:13 AM (IST)Updated: Thu, 03 May 2018 04:48 PM (IST)
कोलकाता को माही से मिलेगी महाचुनौती, धौनी से पार पाकर जीतना चाहेगी KKR

कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। आइपीएल में टॉस खास मायने नहीं रखता लेकिन सामने महेंद्र सिंह धौनी की चेन्नई सुपरकिंग्स हो तो हरेक विरोधी कप्तान को इस बारे में गंभीरता से सोचना पड़ ही जाता है। ठिठक-ठिठक कर प्लेऑफ की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रही दिनेश कार्तिक की कोलकाता नाइटराइडर्स को गुरुवार को अपने होम ग्राउंड ईडन गार्डेस स्टेडियम में इसी टीम से लोहा लेना है। वैसे पूरी की पूरी चेन्नई टीम इस समय जिस जबरदस्त फॉर्म में है। उसके लिए पहले बल्लेबाजी क्या और लक्ष्य का पीछा करना क्या, दोनों एक बराबर है।

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बल्लेबाजी की बात करें तो चेन्नई ने दो बार 200 रनों का पीछा करके मैच जीते हैं तो दो बार विरोधी टीमों को 200 से अधिक का लक्ष्य देकर हराया है। टीम के साथ-साथ बल्लेबाजी की अगुवाई भी माही खुद कर रहे हैं। वे मौजूदा सत्र में 71.50 की औसत से अब तक तीन अर्धशतक जड़ चुके हैं। चेन्नई के पास शेन वाटसन जैसा उम्दा आलराउंडर भी है, जो रन बरसा रहा है। इन दोनों के अलावा कोलकाता के गेंदबाजों, खासकर सुनील नारायण, कुलदीप यादव और पीयूष चावला की स्पिन तिकड़ी को टी-20 क्रिकेट के उस्ताद सुरेश रैना, अंबाती रायुडु, फाफ डु प्लेसिस और ‘डीजे ब्रेवो’ से भी निपटना होगा।

खामियां भी हैं कुछ 

ऐसा नहीं है कि चेन्नई में खामियां नहीं हैं। उसकी बल्लेबाजी जितनी मजबूत है, गेंदबाजी उतनी धारदार नहीं नजर आ रही लेकिन आठ मैचों में छह जीत में यह पहलू छिप सा गया है। चेन्नई के बल्लेबाजों ने अगर ताबड़तोड़ रन बनाए हैं तो उसके गेंदबाजों ने लुटाए भी हैं। पिछले मैच में दिल्ली उसके 200 से अधिक के लक्ष्य को साधने के करीब पहुंच गई थी। वैसे मेहमानों के पास लुंगी एनगिड़ी जैसा तेज व केएम आसिफ जैसा मध्यम गति का उम्दा गेंदबाज हैं। ब्रेवो व वाटसन पर हमेशा की तरह बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी का भी दारामेदार रहेगा। ईडन की स्पिन फ्रेंडली पिच पर हरभजन सिंह भी कहर ढा सकते हैं।

कोलकाता को जीतने होंगे बाकी छह में से चार मैच 

प्लेऑफ में जगह पक्की करने के लिए कोलकाता में बाकी छह में से चार मैच जीतने ही होंगे। इनमें से तीन मैच उसके होम ग्राउंड में होंगे। कोलकाता का अब तक का प्रदर्शन 50-50 रहा है। आठ मैचों में चार जीत और चार हार। टीम की जीत में क्रिस लिन, सुनील नारायण और आंद्रे रसेल जैसे विदेशी खिलाड़ियों का बड़ा हाथ रहा है। रॉबिन उथप्पा औसत रहे हैं। नीतीश राणा भी ढीले पड़े हैं। कप्तान कार्तिक छोटी-मोटी पारियां ही खेल पाए हैं।

इतिहास कोलकाता के साथ नहीं 

चेन्नई जैसी मजबूत टीम के मामले में तो इतिहास भी कोलकाता का साथ देने से कतरा रहा है। दोनों टीमें अब तक आइपीएल में 19 बार भिड़ी हैं, जिनमें से 12 बार चेन्नई तो सात बार कोलकाता जीती है। कोलकाता ईडन में जीत दर्ज कर न सिर्फ चेन्नई से उसके घर में मिली करारी शिकस्त का बदला चुकता करना चाहेगा, बल्कि प्लेऑफ की तरफ एक और कदम बढ़ना चाहेगा। चेन्नई भी कोलकाता को हराकर प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम की दिशा में एक और कदम बढ़ाना चाहेगी।

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राणा का खेलना तय नहीं 

कोलकाता नाइटराइडर्स के मध्य क्रम के बल्लेबाज नीतीश राणा पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों में ऐंठन से परेशान हैं, जिससे उनके गुरुवार को ईडन में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ खेलने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

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