IPL 2019 DC vs SRH Eliminator: एक नजर दिल्ली और हैदराबाद की कमजोरियों और ताकत पर!
आइपीएल-12 के एलीमिनेटर मुकाबले में कहीं दिल्ली और हैदराबाद पर भारी न पड़ा जाएं उनकी ये कमजोरियां।
नई दिल्ली, जेएनएन। आइपीएल (IPL) के 12वें सीजन के एलिमिनेटर मुकाबले में बुधवार को दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच जबरदस्त भिड़ंत होगी। ये मजेदार मुकाबला विशाखापट्टनम के डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी क्रिकेट स्टेडियम पर खेला जाना है। इस मैच को हारने वाली टीम टू्र्नामेंट से बाहर हो जाएगी। जबकि फाइनल में जगह बनाने के लिए जीतने वाली टीम का मुकाबला दूसरे क्वालीफायर में चेन्नई सुपर किंग्स से होगा। आपको बता दें कि मंगलवार को पहले क्वालीफायर में चेन्नई को हराकर मुंबई ने आइपीएल 2019 के फाइनल में जगह बना ली है।
दिल्ली कैपिटल्स आज तक आइपीएल के फाइनल में जगह नहीं बना पाई है। टीम 7 साल बाद प्लेऑफ में पहुंची है। जबकि इस सीजन में दिल्ली का प्रदर्शन शानदार रहा है। दूसरी तरफ, सनराइजर्स हैदराबाद की टीम पिछले साल टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी। जहां उसे चेन्नई सुपर किंग्स के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
क्या कहते हैं विशाखापट्टनम के आंकड़े
विशाखापट्टनम में आइपीएल के अब तक कुल 11 मुकाबले हुए हैं। जिसमें से पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 7 मैच में जीती है। हैदराबाद ने इस मैदान पर 5 में से 3 मैच जीते हैं, जबकि 2 में उसे हार मिली है। वहीं दिल्ली ने यहां 3 मैच खेले हैं और जिसमें दो जीते, जबकि एक में हार झेली। वैसे यह मैदान हैदराबाद का दूसरा होम ग्राउंड भी है लेकिन, साल 2016 के बाद से यहां पहली बार आइपीएल का कोई मैच खेला जाएगा।
विशाखापट्टनम में दिल्ली का शानदार रिकॉर्ड
आइपीएल में दिल्ली और हैदराबाद के बीच अब तक कुल 14 मैच हुए हैं। जिसमें से हैदराबाद ने 9 तो दिल्ली ने 5 मैच अपने नाम किए हैं। हालांकि, विशाखापट्टनम के इस मैदान पर दोनों टीमों के बीच एक ही मुकाबला खेला गया है। इसी मैदान पर साल 2015 में दिल्ली ने हैदराबाद को 6 विकेट से हराया था।
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ये खिलाड़ी हैं दिल्ली की ताकत
1. दिल्ली के ओपनिंग बल्लेबाज शिखर धवन और कप्तान श्रेयस अय्यर टीम की बड़ी ताकत हैं। दोनों बल्लेबाजों ने अभी तक 14-14 मैच खेले हैं। जिसमें धवन ने 486 और अय्यर 442 रन बनाए हैं। धवन इस सीजन 5 अर्धशतक लगा चुके हैं जबकि अय्यर ने तीन फिफ्टी जड़ी हैं। इनके अलावा रिषभ पंत, पृथ्वी शॉ जैसे बल्लेबाज भी हैं।
2. टीम की गेंदबाजी बेहद मजबूत है। हालांकि, कागिसो रबाडा चोटिल होने की वजह से वापस देश लौट गए हैं लेकिन उनकी जगह क्रिस मौरिस, ट्रेन्ट बोल्ट, इशांत शर्मा, अमित मिश्रा, अक्षर पटेल जैसे शानदार गेंदबाज हैं।
3. रिकी पोंटिंग और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज क्रिकेटर दिल्ली से कोच और सलाहकार के रूप में जुड़े हैं। इनकी कोचिंग की मदद से दिल्ली 7 साल बाद प्लेऑफ तक पहुंची है।
ये खिलाड़ी हैं हैदराबाद की ताकत
1. हैदराबाद की सबसे बड़ी ताकत है उनके कप्तान केन विलियमसन। उनकी कप्तानी में हैदराबाद ने पिछले साल भी फाइनल तक का सफर तय किया था। विलियमसन ने 8 पारियों में 21.33 की औसत से 128 रन बनाए हैं।
2. टीम के मनीष पांडेय इस वक्त बेहतरीन फॉर्म में हैं। वॉर्नर और बेयरस्टो के बाद वह तीसरे सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने 11 मैच में 44.85 की औसत से 314 रन बनाए।
3. हैदराबाद के लिए गेंदबाजों में खलील अहमद तुरूप का इक्का साबित हुए हैं। उन्होंने 8 मैच में 8.21 के इकोनॉमी से 17 विकेट चटकाए हैं। खलील इस सीजन के ऐसे इकलौते गेंदबाज हैं जिसने 3 मैच में 3-3 विकेट लिए हों।
दिल्ली की तीन बड़ी कमजोरियां
1. वह एक जगह जहां दिल्ली कमजोर पड़े सकती है वह है पेस अटैक। दिल्ली को अपने मैन गेंदबाज कागिसो राबाडा की कमी जरूर खलेगी। रबाडा न सिर्फ दिल्ली कैपिटल्स के बल्कि पूरे सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। रबाडा ने 12 मैचों में 7.82 की इकोनॉमी के साथ 25 विकेट चटकाए हैं।
2. पृथ्वी शॉ ने यूं तो ओपनिंग करते हुए कुछ मैचों में दिल्ली को अच्छी शुरुआत दी। लेकिन ज्यादा मैचों में उन्होंने अपना विकेट जल्दी गंवा दिया। पृथ्वी ने 14 मैच में 292 रन बनाए हैं। वहीं, दूसरी ओर टूर्नामेंट में धमाकेदार शुरुआत करने वाले रिषभ पंत के प्रदर्शन निरंतरता की कमी है। पंत ने 14 मैचों में 401 रन बनाए हैं।
3. दिल्ली की सबसे बड़ी कमजोरी ये भी है कि टीम जीत के करीब पहुंचकर मैच गंवा बैठती है। ऐसा कई मौकों पर देखा गया कि दिल्ली जीत के करीब पहुंच कर ऑलआउट हो गई हो। एक खिलाड़ी के आउट होते ही टीम दबाव में दिखने लगती है और बल्लेबाज ताश के पत्तों की तरह बिखर जाते हैं।
हैदराबाद की तीन बड़ी कमजोरियां
1. टीम को अपने टॉप स्कोरर डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयर्स्टो की बड़ी कमी खलेगी। 12 मैचों में 69.20 की औसत से 692 रन बनाकर वॉर्नर इस सीजन की टॉप स्कोरर हैं। जबकि 10 मुकाबलों में 55.62 की औसत से 445 रन बनाकर बेयर्स्टो टूर्नामेंट 8वें टॉप स्कोरर हैं।
2. पिछले सीजन के स्टार रहे सिद्धार्थ कौल इस बार कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने पिछले साल 17 मैच में 21 विकेट झटके थे। जबकि इस बार 7 मैच में 6 विकेट ही ले पाए हैं।
3. यूसुफ पठान एक समय पर टीम की ताकत हुआ करते थे लेकिन इस सीजन उनका बल्ला पूरी तरह शांत ही रहा है। पठान ने अभी तक 10 मैचों में 13.33 कीक औसत से 40 रन ही बनाए हैं।
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