आइपीएल 2018 में भारतीय युवा बल्लेबाज विदेशी बल्लेबाजों पर हैं हावी
आइपीएल के इस सीजन में भारतीय युवा बल्लेबाजों का प्रदर्शन काफी शानदार रहा है।
संजय मांजरेकर का कॉलम
विदेशी खिलाडिय़ों के लिए आइपीएल का यह सत्र उतना अच्छा नहीं रहा, खासतौर पर उनके लिए जो बिग बैश में बेहतरीन प्रदर्शन कर विस्फोटक बल्लेबाज की प्रतिष्ठ के साथ यहां आए थे। उदाहरण के लिए डी आर्ची शॉर्ट को देखिए। उन्हें यहां आकर आइपीएल के भारतीय पहलू से दो-चार होना पड़ा। वह राजस्थान रॉयल्स के लिए ओपनिंग करते हैं, लेकिन उन्होंने तेज गेंदबाजी से ज्यादा स्पिनरों का सामना किया है जिससे बड़े हिट लगाने की उनकी क्षमता को बांध दिया गया। कुछ अन्य खिलाडिय़ों के साथ भी ऐसा ही हुआ।
स्पिन के खिलाफ इनका स्टाइक रेट इनके करियर स्टाइक रेट और तेज गेंदबाजी के खिलाफ स्ट्राइक रेट से कहीं कम है। दरअसल, तेज गेंदबाजी के खिलाफ आपको गेंद की गति भी मिल जाती है। यहां तक कि धीमी गति से फेंकी गई तेज गेंद भी करीब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आती है, जिस पर बल्ले का किनारा लग जाए तब भी रन बनने की उम्मीद रहती है। तेज गति और उछाल से आई गेंद पर आप पुल करने जाते हैं तो किनारा लगकर गेंद विकेटकीपर के उपर से चौके या छक्के के लिए जा सकती है मगर स्पिन गेंदों के खिलाफ आपको यह लाभ नहीं मिलता। आपको अंदाजा लगाना होता है कि कौन सी गेंद कितना टर्न लेगी क्योंकि गेंद में गति नहीं होती, ऐसे में बल्ले का किनारा लगकर गेंद शॉर्ट थर्ड मैन या शॉर्ट फाइन लेग के पास जा सकती है। जो खिलाड़ी स्पिन खेलने में इतने अधिक अच्छे नहीं है, उनके लिए स्थिति और खराब होती है। टी-20 के बेहतरीन स्पिनर गेंदों को अधिक टर्न नहीं कराते बल्कि अपनी विविधता से बल्लेबाजों की जिंदगी मुश्किल कर देते हैं। ऐसे में स्पिन को कम अच्छा खेलने वालों के लिए इन गेंदों पर रन बनाना बेहद मुश्किल होता है। विदेशी विस्फोटक बल्लेबाजों के लिए यह आइपीएल जगाने वाला समय है। अगर आपको आइपीएल स्टार बनना है और इसका आनंद उठाना है तो स्पिन के खिलाफ बेहतर करना ही होगा। आइपीएल के इस सत्र से भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक अच्छी खबर आई है। युवा भारतीय खिलाड़ी, खासकर बल्लेबाज विदेशी खिलाडिय़ों की छाया से निकलकर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। और यहां मैं भारतीय क्रिकेट के बड़े नामों की बात नहीं कर रहा हूं। श्रेयस, सूर्य कुमार यादव, रिषभ पंत, करुण नायर, नीतीश राणा ऐसे ही कुछ खिलाड़ी हैं। इस क्लब में पृथ्वी शॉ भी हाल ही में शामिल हो गए हैं। उन्होंने अपने आइपीएल करियर की बेहतरीन शुरुआत की है। उनकी सबसे खास बात हर गेंद पर रन बनाने की क्षमता है। फिर उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि गेंदबाजी किस तरह की हो रही है। उनके पास शॉट लगाने की विविधता है जो उन्हें बेहद खतरनाक बनाती है। सीमित ओवर प्रारूप में वह बेहद अहम है।
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