IPL 2018: लगातार हार रही दिल्ली को घरेलू मैदान पर जीत की तलाश, पंजाब के खिलाफ मुकाबला
दिल्ली का मुकाबला पंजाब के साथ होगा।
निखिल शर्मा, नई दिल्ली। आइपीएल-11 शुरू होने से पहले ही दो मुकाबले घर से बाहर शिफ्ट करने से नाराज दिल्ली डेयरडेविल्स का लीग में अब तक का सफर बेहद निराशाजनक रहा है। अब तक खेले पांच मुकाबलों में दिल्ली ने सिर्फ एक में जीत दर्ज की है और वह अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर मौजूद है। ऐसे में दिल्ली की टीम जब सोमवार को फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में अंक तालिका में दूसरे नंबर पर मौजूद किंग्स इलेवन पंजाब का सामना करने उतरेगी तो उसकी नजर घर में खोई प्रतिष्ठा को पाने पर होगी।
कप्तान गंभीर का सिरदर्द गेंदबाजी : दिल्ली के कप्तान गौतम गंभीर का सबसे बड़ा सिरदर्द टीम की गेंदबाजी है। तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट के अलावा कोई भी गेंदबाज अब तक अपनी छाप नहीं छोड़ पाया है। टीम ने अब तक पांच मुकाबलों में ऑलराउंडर क्रिस मौरिस, मुहम्मद शमी, डेन क्रिश्चियन, हर्षल पटेल जैसे तेज गेंदबाजों को आजमाया है, लेकिन किसी में भी विकेट लेने की कुव्वत दिखाई नहीं दी। वहीं, दिल्ली के राहुल तेवतिया ना तो विकेट निकाल पा रहे हैं और ना ही बल्लेबाजों पर दबाव बना पा रहे हैं, जबकि बायें हाथ के स्पिनर शादाब नदीम भी साधारण दिख रहे हैं। ऐसे में दिल्ली राहुल या नदीम की जगह पर अमित मिश्रा को मौका दे सकती है। बल्लेबाजी की बात करें तो कप्तान गंभीर पहले मैच को छोड़कर अब तक अच्छी शुरुआत दिलाने में विफल साबित हुए हैं। पहले दो मैचों में कोलिन मुनरो के विफल रहने के बाद टीम ने जेसन रॉय को तीसरे मैच में मौका दिया, जिसकी बदौलत दिल्ली ने टूर्नामेंट में अब तक अपनी इकलौती जीत हासिल की, लेकिन इसके बाद अगले दो मैचों में रॉय का भी बल्ला शांत रहा। विस्फोटक बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल भी अपने नाम के साथ न्याय नहीं कर पाए हैं, जिससे दिल्ली की टीम को नुकसान झेलना पड़ा है। श्रेयस अय्यर और रिषभ पंत जैसे युवाओं ने जरूर टीम को थोड़ी हिम्मत दी है, जिन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के खिलाफ पिछले मैच में अर्धशतक जमाए थे। रिषभ पर अपने घरेलू मैदान पर टीम को आइपीएल में वापसी दिलाने की जिम्मेदारी होगी।
पंजाब के तूफान को रोकना मुश्किल : दूसरी ओर, भारत के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज और मेंटर वीरेंद्र सहवाग के मार्गदर्शन में किंग्स इलेवन पंजाब ने आइपीएल में धमाकेदार शुरुआत की है। दिल्ली के खिलाफ पिछले मुकाबले में सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने 14 गेंदों में आइपीएल इतिहास का सबसे तेज अर्धशतक लगाकर पंजाब को छह विकेट से जीत दिलाने में अहम योगदान दिया था। पहले दो मैचों के बाद अंतिम-11 में क्रिस गेल की वापसी से पंजाब की टीम और भी ज्यादा आक्रामक हो गई है। गेल अब तक खेले तीन मुकाबलों में एक शतक और दो अर्धशतक की बदौलत 229 रन बनाकर दूसरे पायदान पर मौजूद हैं। मध्य क्रम में एरोन फिंच और युवराज सिंह ने जरूर निराश किया है। फिंच ने चार मैचों में 14, जबकि युवराज ने पांच मैचों में 36 ही रन बनाए हैं। गेंदबाजी की बात करें तो अफगानिस्तान के युवा स्पिनर मुजीब उर रहमान के नेतृत्व में पंजाब के गेंदबाजों ने संतोषजनक प्रदर्शन किया है। तेज गेंदबाज एंड्रयू टाई पंजाब की ओर से पांच मैचों में सबसे ज्यादा सात विकेट ले चुके हैं, जबकि टाई का तेज गेंदबाज मोहित शर्मा अच्छा साथ दे रहे हैं, जिन्होंने पांच विकेट लिए हैं। मुजीब और कप्तान रविचंद्रन अश्विन की स्पिन जोड़ी भी बल्लेबाजों पर लगाम कसने में अब तक कामयाब रही है।