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बेहतर गेंदबाजी के लिए बुमराह को नो बॉल की समस्या से निपटना होगा

बुमराह ने कई बार यह दिखाया है कि वह अपनी गलतियों से जल्दी सीखते हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 11 Apr 2018 06:54 PM (IST)Updated: Thu, 12 Apr 2018 03:23 PM (IST)
बेहतर गेंदबाजी के लिए बुमराह को नो बॉल की समस्या से निपटना होगा
बेहतर गेंदबाजी के लिए बुमराह को नो बॉल की समस्या से निपटना होगा

नई दिल्ली, जेएनएन। गत चैंपियन मुंबई इंडियंस के पास आइपीएल के उद्घाटन मैच में मिली हार पर मंथन करने के लिए कुछ दिन बाकी थे। हालांकि वानखेड़े में मुकाबला जितना करीबी हुआ, उससे बहुत ज्यादा कुछ सीखा नहीं जा सकता क्योंकि यह किसी भी ओर जा सकता था। अक्सर ऐसा होता है जब एक ड्वेन ब्रावो जैसा कोई खिलाड़ी अद्भुत पारी खेल जाता है या कोई गेंदबाज एक ऐसा ओवर डाल देता है, जिससे मैच का रुख ही बदल जाता है।

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मुंबई को एक बात यह सुनिश्चित करनी चाहिए कि जिस ढंग की उनके पास बल्लेबाजी है, उससे उन्हें कम से कम 200 रन तो जरूर बनाने चाहिए। इसके बाद उनके गेंदबाज विपक्षी टीम को रोकने की कोशिश कर सकते हैं। पहले मैच में उनके प्रमुख गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को ब्रावो की आक्रमकता झेलनी पड़ी। ऐसा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के साथ भी हो सकता है, लेकिन बुमराह को नो बॉल करने से बचना चाहिए।

टेस्ट मैच में यह समझ में आता है कि तेज गेंदबाज अत्यधिक प्रयास में लाइन पार कर जाता है। कभी-कभी सपाट पिच पर भी तेज गेंदबाज जानबूझकर लाइन से आगे बढ़ जाते हैं ताकि बल्लेबाज शॉट खेलने में जल्दी कर जाए मगर सीमित ओवरों में गेंदबाज का ध्यान बल्लेबाज को पिच से मिलने वाली गति का फायदा नहीं उठाने देने पर होता है। ऐसे में यह बहुत जरूरी हो जाता है कि गेंदबाज क्रीज के पीछे रहकर ही गेंदबाजी करे।

नो बॉल से न सिर्फ एक अतिरिक्त रन मिलता है बल्कि फ्री हिट भी मिलती है, जो मैच का पासा पलट सकती है। बुमराह ने कई बार यह दिखाया है कि वह अपनी गलतियों से जल्दी सीखते हैं। जिस ढंग से उन्होंने सीमित ओवरों के क्रिकेट से खुद को एक टेस्ट गेंदबाज के रूप में ढाला है, वह काबिल-ए-तारीफ है। इसी वजह से यह समझना थोड़ा मुश्किल है कि आखिर वह क्यों अपनी इस कमी को सुधार नहीं पा रहे हैं। यह सही है कि ऐसा नियमित तौर पर नहीं होता है, सीमित ओवरों के क्रिकेट में तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए।

अगर गेंदबाज अपने रन अप को अच्छे तरह से माप ले तो उसका पांव क्रीज के पीछे ही रहेगा। यह ऐसी चीज है, जिस पर सभी गेंदबाजी कोच को ध्यान देना चाहिए और अगर गेंदबाज नो बॉल करता है, तो कोच को उससे बात करनी चाहिए। लेग साइड पर वाइड बॉल या यॉर्कर की कोशिश में कमर से उपर उठी बॉल पर मिलने वाला अतिरिक्त रन समझ में आता है, लेकिन लाइन से बाहर पांव पर नो बॉल के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता क्योंकि आज आधुनिक तकनीक और टेप्स उपलब्ध हैं, जिससे आप अपने रन अप को सही ढंग से माप सकते हैं।

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सनराइजर्स को उम्मीद होगी कि उनके गेंदबाज पहले मैच की तरह ही अच्छी गेंदबाजी करें, जहां उन्होंने राजस्थान रॉयल्स को छोटे स्कोर पर रोक दिया था, लेकिन आइपीएल में धीमी शुरुआत के लिए जानी जाने वाली मुंबई बिल्कुल अलग साबित हो सकती है।

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