IND vs AUS Final: अहमदाबाद में कंगारू बल्लेबाजों के लिए क्यों 'काल' बनेंगे Jasprit Bumrah? बचपन के कोच ने बताई वजह
बुमराह सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में 18 विकेट के साथ पांचवें स्थान पर हैं। हालाँकि टूर्नामेंट में किसी अन्य गेंदबाज ने उनके जितना प्रभाव नहीं डाला है। उन्होंने इस टूर्नामेंट में कुल 497 गेंदें फेंकी हैं जिनमें से 335 गेंदें खाली गई हैं। यानी 67.40% डॉट बॉल। सीधे शब्दों में कहें तो बुमराह हर 10 में से 6 डॉट बॉल फेंकते हैं।
मनन वाया, अहमदाबाद। क्रिकेट एक नंबर गेम है। अंत में स्कोरबोर्ड पर रन ही तय करते हैं कि कौन सी टीम जीतती है और कौन सी टीम हारती है। हमे आंकड़ों से कुछ ज्यादा ही लगाव है। सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा शतक, सबसे ज्यादा विकेट - ये वो चीजें हैं जो तय करती हैं कि किसका प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा।
खैर, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हालाँकि, ऐसा करते समय, कभी-कभी उन नायकों का कोई उल्लेख नहीं होता है जो चुपचाप आते हैं और अपना काम करते रहते हैं। टीम इंडिया के साइलेंट वॉरियर हैं जसप्रीत बुमराह, वर्ल्ड कप 2023 में भारत के लिए गेंद से ऐसा ही कर रहे हैं प्रदर्शन, आंकड़े तो यही कहते हैं।
बुमराह रहे हैं प्रभावशाली
सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में 18 विकेट के साथ जसप्रीत बुमराह पांचवें स्थान पर हैं। हालाँकि, टूर्नामेंट में किसी अन्य गेंदबाज ने उनके जितना प्रभाव नहीं डाला है। उन्होंने इस टूर्नामेंट में कुल 497 गेंदें फेंकी हैं, जिनमें से 335 गेंदें खाली गई हैं। यानी 67.40% डॉट बॉल। सीधे शब्दों में कहें तो बुमराह हर 10 में से 6 डॉट बॉल फेंकते हैं। उन्होंने 10 मैचों में कुल 30 चौके लगाए हैं, जिसका मतलब है कि एक टीम प्रति मैच 10 ओवरों में उनके खिलाफ केवल 3 चौके ही लगा सकती है।
हालाँकि, पिछले डेढ़ साल में जसप्रीत चोटों से जितना जूझ थे, छह महीने पहले भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशंसक उनके फिट होने और विश्व कप के लिए फिट रहने की प्रार्थना कर रहे थे। इसमें कोई संदेह नहीं कि वह भारतीय पेस बॉलिंग ऐटके के लीडर हैं।
अब अपने करियर के सबसे बड़े मुकाबले में वर्ल्ड कप के फाइनल में बुमराह का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के सामने खुद के घर पे होगा। उनसे कैसे प्रदर्शन की उम्मीद की जाए, इस बारे में गुजराती जागरण ने उनके कोच किशोर त्रिवेदी से खास बातचीत की। आगे का अंश उन के साथ की गई बातचीत पर आधारित।
बुमराह विपक्षी टीमों पर दबाव बना रहे हैं
हो सकता है कि बुमराह के पास अन्य गेंदबाजों जितने विकेट न हों। लेकिन वह जो दबाव बना रहा है वह अन्य टीमों को बैकफुट पर ला देता है। जब कोई गेंदबाज इतने घातक फॉर्म में होता है तो बल्लेबाज पर दबाव बढ़ जाता है। बेट्समेन नेगेटिव स्पेस में चले जाते है। वह सोचते है, मैं उनकी गेंदबाजी पर रन नहीं बनाना चाहता। तब बल्लेबाज दूसरे गेंदबाजों के प्रति अत्यधिक आक्रामक हो जाते हैं और अपना विकेट उपहार में दे देते हैं।
बुमराह का दिमाग बर्फ की तरह ठंडा है
बुमराह की गेंदबाजी में अगर कोई लगातार बाउन्ड्री मारे तो वे नर्वस नहीं होता है और अगर उसे लगातार विकेट मिलता है तो वह उत्साहित भी नहीं होता है। वह हमेशा बल्लेबाज को रीड करता है और उसके गेमप्लान के मुताबिक गेंदबाजी करता है। वह गेंद को वहीं पिच करेगा जहां वह चाहता है कि बल्लेबाज खेले।
अहमदाबाद की पिच के बारे में तो सब जानते हैं
बुमराह ने अपना सफर सरदार पटेल स्टेडियम से शुरू किया था, अब वह नरेंद्र मोदी स्टेडियम में वर्ल्ड कप फाइनल खेलने जा रहे हैं। स्वाभाविक रूप से वह विकेट के बारे में सब कुछ जानता है। वह सब कुछ जानते हैं, विकेट कैसे बिहेव करेगा, इससे तेज गेंदबाज को कैसे और कितनी मदद मिलेगी। चूंकि वह घर पर खेलेंगे इसलिए उनका आत्मविश्वास और भी बढ़ेगा।
बुमराह बल्लेबाजों को सेट करने में माहिर हैं
आपने न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच देखा होगा कि कैसे उन्होंने ग्लेन फिलिप्स को आउट किया था। पूरी गति से बैक-टू-बैक फुल लेंथ गेंदें फेंकी - जिनमें से एक यॉर्कर थी। फिर, जैसे ही फिलिप्स ऐसी ही एक और गेंद के लिए तैयार थे, बुमरा ने बैक ऑफ द लेंथ धीमी गेंद फेंकी, जिसे फिलिप्स टाइम करने में असफल रहे और कैच आउट हो गए। वह बल्लेबाजों को सेट करने में काफी अच्छा है।
मैक्ग्रा ने 2003 में ऑस्ट्रेलिया के लिए जो भूमिका निभाई
बुमराह इस समय अपने करियर के शिखर पर हैं। जब तक वह फिट रहेंगे तब तक वह अपने चरम पर रहेंगे। बुमराह इस बार भारत के लिए वही कर रहे हैं जो ग्लेन मैक्ग्रा 2003 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के लिए कर रहे थे। मैक्ग्रा एक ही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी कर रहे थे।
बल्लेबाज के पास केवल दो विकल्प थे - या तो डॉट पर डॉट बॉल खेलें या अपना शेप लूज़ करके शॉट खेले और आउट हो जाये। यहां तक कि बुमराह भी विकेट लेने के लिए उत्साहित नहीं होते। यह बस अपनी लाइन और लेंथ बनाए रखता है। वह गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराते हैं और बल्लेबाजों को लगातार उलझन में रखता हैं।
बुमराह के कोच घर से ही फाइनल देखेंगे
मैं इस फाइनल के लिए बहुत उत्साहित हूं।' अपने छात्र जसप्रीत के जादू से टीम इंडिया को चैंपियन बनते देखने का इंतजार कर रहा हूं। मैं शायद ही कभी स्टेडियम जाता हूं क्योंकि कभी-कभी गेंद मिस हो जाती है। इसलिए मैं टीवी पर ही मैच देखना पसंद करता हूं।' मुझे घर पर भी रीप्ले देखने को मिलता है। इसलिए मैं ज्यादातर मैच टीवी पर देखता हूं।