जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलने की दी धमकी
जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।
नई दिल्ली। जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। टीम के खिलाड़ियों बोर्ड से कहा है कि अगर 25 जून तक लंबे वक्त से लंबित उनकी मैच फीस का भुगतान नहीं किया गया तो वो ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ टी 20 ट्राई सीरीज में हिस्सा नहीं लेंगे। जिम्बाब्वे टीम के खिलाड़ियों को पिछले वर्ष जुलाई में श्रीलंका दौरे के बाद से मैच फीस के साथ-साथ पिछले तीन महीनों की सैलरी नहीं दी गई है। टीम के खिलाड़ियों ने विरोध के तौर पर ट्राई सीरीज से पहले होने वाले प्रैक्टिस में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
इस मामले में जिम्बाब्वे बोर्ड की तरफ से मीडिया को कहा गया है कि इस समस्या का समाधान जल्दी ही कर लिया जाएगा। बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि इस वक्त जिम्बाब्वे बोर्ड के पास पैसों की कमी है और इसकी वजह से खिलाड़ियों की मैच फीस के अलावा सपोर्ट स्टाफ की सैलरी देने में वक्त लग रहा है। हालांकि ये मामला कापी उंचे लेवल का है और इसके निपटारे के लिए काम किया जा रहा है। हमारे चेयरमैन ने खिलाड़ियों से वादा किया है कि इस सप्ताह से उन्हें भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
हालांकि इस मामले पर जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों का कुछ अलग ही कहना है। टीम के एक खिलाड़ी ने कहा कि ये हमारे साथ मजाक किया जा रहा है। टीम के कुछ खिलाड़ी इंजर्ड हैं। टीम के बड़े खिलाड़ी उपलब्ध नहीं हैं ऐसे में हमें नहीं पता कि किस तरह से आगे काम होगा। वहीं टीम के नए अंतरिम कोच पूर्व भारतीय खिलाड़ी लालचंद राजपूत जिम्बाब्वे के साथ दस जून से जुड़ेंगे। हालांकि ऐसा लगा रहा है कि जब तक खिलाड़ियों को उनका पैसा नहीं मिल जाता वो शायद ही नेट्स पर अभ्यास के लिए आएं।
जिम्बाब्वे क्रिकेट के सामने ये समस्या लगभग दो दशक से है। ऐसी ही परिस्थिति में राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से टीम के कई बड़े खिलाड़ियों का करियर बर्बाद हो गया जिसमें हीथ स्ट्रीक, एंडी फ्लावर, हेनरी ओलांगा और तायबू जैसे खिलाड़ी शामिल है्ं। हालांकि वर्ष 2008 से लेकर वर्ष 20012 तक स्थिति में थोड़ी सुधार जरूर आई थी लेकिन एक बार फिर से वैसी ही स्थिति सामने आई है और बोर्ड खिलाड़ियों की बकाया राशि भुगतान नहीं कर पा रहा है। जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ऐसी स्थिति से निपटने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है लेकिन इसका समाधान फिलहाल तो मिलता नहीं दिख रहा।