एक साल बाद भी रणजी ट्रॉफी के खिलाड़ियों को मुआवजे का इंतजार, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने दी सफाई
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि कोविड-19 के कारण रद हुए 2020 रणजी ट्रॉफी सत्र के बाद देश के प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों को जिस मुआवजे का वादा किया गया था वह अभी तक वितरित नहीं किया गया है ।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि कोविड-19 के कारण रद हुए 2020 रणजी ट्रॉफी सत्र के बाद देश के प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों को जिस मुआवजे का वादा किया गया था, वह अभी तक वितरित नहीं किया गया है क्योंकि राज्य संघों ने अभी तक जरूरी विवरण नहीं भेजा है।
एक रिपोर्ट में सामने आया था कि बीसीसीआइ ने अभी तक भारतीय महिला टीम को टी-20 विश्व कप उप विजेता की 550000 अमेरिकी डॉलर (करीब चार करोड़) की पुरस्कार राशि नहीं दी है। बोर्ड ने इसके जवाब में इस हफ्ते यह राशि देने का वादा किया। इसमें ही शामिल रणजी ट्रॉफी मुआवजे में देरी की घटना पर धूमल ने स्वीकार किया कि सभी के लिए एक स्वीकार्य फॉर्मूला तैयार करना इतना आसान और सीधा नहीं है।
धूमल ने कहा, 'हमें राज्यों से चर्चा करनी होगी क्योंकि उन्हें ही हमें बताना होगा कि कौन से खिलाड़ी कितने मैच खेलते और कौन रिजर्व खिलाड़ी होते हैं। किसी भी राज्य ने मुआवजे पैकेज के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।' हालांकि 700 के करीब खिलाड़ियों के पास आइपीएल अनुबंध नहीं है और वे पूरे घरेलू सत्र में 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक कमाई करते हैं, जिसमें से ज्यादातर राशि रणजी ट्रॉफी से आती है। उन्हें एक मैच के लिए 1.40 लाख रुपये की फीस मिलती है।
धूमल ने कहा कि इस साल के विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का भुगतान (35,000 रुपये प्रति मैच) कर दिया गया है। बीसीसीआइ के एक पूर्व अधिकारी और राज्य इकाई के अनुभवी अधिकारी ने कहा, 'कोषाध्यक्ष सही है। बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली ने मुआवजे की घोषणा की है लेकिन आप यह कैसे तय करेंगे कि कौन से खिलाड़ी एक सीजन में 8 या 10 मैच खेलेंगे? रिजर्व खिलाड़ियों को आधी राशि मिलेगी, तो आप उसकी गणना कैसे करेंगे?आप हर खिलाड़ी को एक समान राशि नहीं दे सकते। राज्यों को एकमुश्त राशि देना एक विकल्प है, लेकिन आप राज्यों की निगरानी कैसे करेंगे?'