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World Cup 2019: इंग्लैंड में कमाल का है रोहित का रिकॉर्ड, विश्व कप के लिए हैं बेहद अहम

World Cup 2019 इंग्लैंड में रोहित शर्मा का औसत 65 से उपर है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 06 Jun 2019 07:32 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 12:17 AM (IST)
World Cup 2019: इंग्लैंड में कमाल का है रोहित का रिकॉर्ड, विश्व कप के लिए हैं बेहद अहम
World Cup 2019: इंग्लैंड में कमाल का है रोहित का रिकॉर्ड, विश्व कप के लिए हैं बेहद अहम

अभिषेक त्रिपाठी, साउथैंप्टन। 'लॉर्ड ऑफ द लॉ‌र्ड्स' दिलीप वेंगसरकर जब इंग्लैंड में बल्लेबाजी करने उतरते थे तो बादलों के नीचे बलखाती गेंदों पर उनके शॉट देखने के लिए अंग्रेज प्रशंसक भी बेताब हो जाते थे। शुरुआत में उनका फुटवर्क कुछ हिलता हुआ नजर आता था, लेकिन एक बार वह जम जाते थे तो फिर कैसा भी मौसम हो, गेंदबाज उन्हें आउट नहीं कर सकता था। इस समय विश्व कप में खेल रही भारतीय टीम के ओपनर रोहित शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में कुछ ऐसे ही प्रदर्शन का मुजाहिरा किया।

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रोहित न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच में क्रमश: दो और 19 रन पर आउट हो गए थे, जिसके बाद उनके ऊपर बेहतर करने का दबाव था और उन्होंने विश्व कप के पहले ही मुकाबले में नाबाद 122 रनों की पारी खेलकर खुद को तो दबाव से निकाला ही, साथ ही टीम इंडिया को भी आत्मविश्वास दिया, क्योंकि अगर भारत को यह विश्व कप जीतना है तो उसके शुरुआती तीन बल्लेबाजों को रन बनाने होंगे। दूसरे ओपनर शिखर धवन अभी भी इंग्लैंड की पिच में डरे-डरे हैं और बाहर जाती गेंदों से छेड़छाड़ के जुर्म में पवेलियन में कैद होने को मजबूर हैं। रोहित ने अभ्यास मैच की पारियों से सबक लेते हुए इंग्लैंड में वेंगसरकर स्टाइल में खेल दिखाया। वेंगसरकर और रोहित का स्टाइल लगभग एक जैसा है। दोनों ही शुरुआत में थोड़ा धीमे खेलते हैं और मैदान पर जमने की कोशिश करते हैं। जब दोनों जम जाते हैं तो फिर उन्हें कोई नहीं रोक सकता है। रोहित का यह शतक 12 पारियों के बाद आया है। इससे पहले उन्होंने शतक इस साल 12 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में लगाया था। हालांकि, इन 12 पारियों में उन्होंने चार अर्धशतक लगाए, लेकिन शतक तक नहीं पहुंच सके।

इंग्लैंड में दोनों का शानदार रिकॉर्ड : वेंगसरकर ने अपने शुरुआती 17 टेस्ट मैचों में कुछ खास नहीं किया, लेकिन एक बार उन्होंने रफ्तार पकड़ी तो उन्हें कोई रोक नहीं पाया। रोहित ने भी अपना पहला वनडे शतक 42वें वनडे में मारा था और उसके बाद वह रुके नहीं। वह वनडे में तीन दोहरे शतक लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं। वेंगसरकर ने इंग्लैंड के लगातार तीन दौरों में (1979, 1982, 1986) लॉ‌र्ड्स में शतक ठोके, इसीलिए उन्हें लॉर्ड ऑफ द लॉ‌र्ड्स भी कहा जाता है। कोई भी विदेशी बल्लेबाज यहां ऐसा नहीं कर पाया है। वेंगसरकर इंग्लिश सरजमीं पर वनडे में भले ही कुछ ना कर पाएं हों, लेकिन इस कंडीशन में टेस्ट में उनसे अच्छा बल्लेबाज कोई नहीं था। इंग्लैंड में 10 वनडे में 23 के औसत से 184 रन बनाने वाले वेंगसरकर ने यहां 13 टेस्ट में 48 के औसत से 960 रन बनाए। इसमें चार शतक भी शामिल हैं। वेंगी का ओवरऑल टेस्ट औसत सिर्फ 42.13 का है। जब भारतीय बल्लेबाज यहां डरते थे तब वेंगसरकर कहर बरपाते थे। कुछ वैसा ही हाल रोहित का यहां वनडे में है। रोहित ने यहां 16 वनडे खेले हैं और 67.41 के अद्भुत औसत से 809 रन बनाए हैं। इसमें तीन शतक शामिल हैं। रोहित का ओवरऑल वनडे औसत 48.11 का ही है।

यह रोहित की सर्वश्रेष्ठ पारी : विराट

साउथैंप्टन : भारतीय कप्तान विराट कोहली भी अपने उप कप्तान की पारी से काफी खुश हैं। जब उनसे रोहित की पारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जहां तक मेरी बात है तो अगर विश्व कप के पहले मैच के दबाव को देखते हुए कहें तो काफी लंबे समय में यह उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी है। मैं एक बल्लेबाज के तौर पर जानता हूं कि जब बल्लेबाजी करने के लिए जानते हैं और कुछ गेंदें इस तरह से बाउंस करती हैं तो अपने आपको संगठित करके शांति से खेलना आसान नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि कई बार होता है कि बल्लेबाज गेंद को हिट करने लगते हैं, लेकिन वह बहुत शांत रहे। रोहित ने बहुत मैच खेले हैं। हम उनके जैसे व्यक्ति से काफी परिपक्वता और बहुत अधिक समझदारी की उम्मीद करते हैं। मुझे लगता है कि एक छोर पर खूबसूरती से खेल को नियंत्रित करना और दूसरों को अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने का मौका देने के साथ-साथ छोटी-छोटी साझेदारियां करना अद्भुत है।

कलाई के स्पिनर बड़ा फैक्टर : कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्रा सिंह चहल का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रिकॉर्ड शानदार है। जब इनके बारे में विराट से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा फैक्टर है। हमने आपस में बात की कि किस तरह पिछली बार इन दोनों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ उतने विश्वास के साथ नहीं खेलते हैं। हमने अनुभव किया कि वे आसानी से छोर भी नहीं बदल पा रहे थे। वह गेंद को बाहर मारने की कोशिश कर रहे थे। एक कप्तान के तौर पर मैं इस बात से खुश रहूंगा कि बल्लेबाज परेशानी से बाहर निकलने के लिए सिंगल लेने की जगह शॉट मार रहा है, क्योंकि इससे रिस्क बढ़ जाता है। हमारे स्पिनर एक साथ मिलकर इसको समझते हैं और उसके हिसाब से गेंदबाजी करते हैं। मुझे लगता है कि कुलदीप ने बढि़या गेंदबाजी की और खेल को एक तरफ से पकड़कर रखा। चहल शानदार थे। उन्होंने जिस तरह अपनी गति में मिश्रण किया जबकि पिच में उतना टर्न नहीं था लेकिन उन्हें पिच से जितनी भी मदद मिले, उसमें ही वह विकेट निकालने की क्षमता रखते हैं। साझेदारी को तोड़ना और एक ओवर में दो विकेट लेना हमारे लिए मैच बदलने वाला पल था।

बुमराह को लेंथ बॉल पर विश्वास : भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को लेकर विराट ने कहा कि उन्हें लगता है कि लेंथ बॉल ऐसी चीज है जिससे वह बल्लेबाजों को बाहर कर सकते हैं। चाहे वह सपाट पिच हो, गेंदबाजों की मदद कर रही हो या नहीं, वह आपको किसी भी विकेट पर नॉकआउट कर सकता है और उसे इस तरह का विश्वास है। एक बल्लेबाज के तौर पर मुझे पता है कि वह गेंदबाज में कुछ अलग नहीं करने जा रहा है। वह लगातार गेंदबाजी करेगा और फिर भी अच्छी गेंद पर मुझे आउट कर देगा। उसने जिस तरह हाशिम अमला को आउट किया, सच कहूं मैंने उन्हें ऐसे आउट होते हुए नहीं देखा है। नेट पर बुमराह के सामने बल्लेबाजी के सवाल पर उन्होंने कहा कि आपको उसके खिलाफ अच्छा क्रिकेट शॉट खेलना होगा और अपनी तकनीक पर भरोसा करना होगा क्योंकि अगर आप थोड़ा हिचकिचाते हैं तो उसे समझ में आ जाएगा और वह आपके ऊपर चढ़ जाएगा। अगर उसे लगेगा कि नेट पर सामने वाला बल्लेबाज शॉर्ट गेंद पर परेशान हो रहा है तो फिर वह उस पर हावी हो जाएगा। जैसे आप उसे मैदान पर गेंदबाजी करते देखते हो, वह वैसे ही नेट पर करता है। उसे फर्क नहीं पड़ता कि उसके सामने कौन खड़ा है। वह बाउंस करने की कोशिश करेगा, वह आपको बोल्ड करने की कोशिश करेगा, वह नई गेंद से यॉर्कर फेंकेगा और यही उसकी निरंतरता का कारण है। वह अपने खेल को नहीं बदलता है।

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