माही ने कहीं इन वजहों से तो नहीं लिया संन्यास ?
भारतीय टीम को टेस्ट में नंबर वन बनाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने पर पूरा देश हैरान है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर धौनी ने आस्ट्रेलिया सीरीज के बीच में ही संन्यास का ऐलान क्यों किया? एक मीडिया रिपोर्ट में इसकी
नई दिल्ली। भारतीय टीम को टेस्ट में नंबर वन बनाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने पर पूरा देश हैरान है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर धौनी ने आस्ट्रेलिया सीरीज के बीच में ही संन्यास का ऐलान क्यों किया?
एक मीडिया रिपोर्ट में इसकी वजह का खुलासा किया गया है, जिसके मुतबाकि धौनी के संन्यास लेने की एक वजह विराट कोहली और टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री के बीच बढ़ती नजदीकी भी हो सकती है जिसके चलते धौनी और डंकन फ्लेचर का टीम पर असर कम हो गया था। हालांकि धौनी संन्यास लेने जा रहे हैं, इस बात का अंदाजा उनके करीबियों, यहां तक कि उनकी पत्नी साक्षी को भी नहीं था।
खत्म होते असर से थे निराश
खबरों के मुताबिक, कुछ लोगों का कहना है कि रवि शास्त्री के टीम डायरेक्टर बनने के बाद धौनी का उन्हें टीम का बॉस न मानना भी उनके संन्यास की वजह बना। धौनी ने कहा था कि उनके कोच डंकन फ्लेचर हैं। आस्ट्रेलिया सीरीज के पहले टेस्ट के लिए जब कोहली की कप्तानी का ऐलान हुआ था, तब शास्त्री ने कोहली की जमकर तारीफ की थी और उनके प्रदर्शन पर भरोसा जताया था।
इसके अलावा भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में बदलते समीकरण भी संन्यास की वजहों में से एक हैं। इसकी शुरूआत हुई एडिलेड टेस्ट में कप्तानी करने वाले कोहली और टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री की नजदीकियों से, इन नजदीकियों से कोच डंकन प्लेचर का प्रभाव कम हुआ, जिनके धौनी से अच्छे रिश्ते थे। फ्लेचर के साइडलाइन होने के बाद शास्त्री ने टीम के अहम फैसलों में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी। ये धौनी के लिए बिल्कुल नया माहौल था।
आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामला
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में भी धौनी पर सवाल उठे हैं। एन श्रीनिवासन को सुप्रीम कोर्ट के फरमान पर बीसीसीआइ के कामकाज से अलग किया गया है। श्रीनिवासन की ही कंपनी इंडिया सीमेंट्स में धौनी वाइस प्रेसीडेंट हैं। इसी कंपनी की आइपीएल टीम के वे कप्तान भी हैं।
धौनी पर सवाल उठने पर श्रीनिवासन खुद कह चुके हैं कि वे धौनी से कप्तानी छोडऩे या इंडिया सीमेंट्स में पद छोडऩे के लिए नहीं कहेंगे। धौनी ने मुद्गल कमेटी के समक्ष दिए बयान में भी गुरुनाथ मयप्पन का कथित तौर पर बचाव किया था।
विदेशी जमीन पर लगातार नाकामी
धौनी की कप्तानी में भारत विदेश में 6 टेस्ट सीरीज गंवा चुका था। धौनी पर दवाब तब बढ़ा, जब 2012-13 में भारतीय टीम अपने ही घर में इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज 1-2 से गंवा बैठी। मौजूदा टेस्ट सीरीज में मिली हार 2014 में भारत की विदेशी जमीं पर लगातार तीसरी हार भी थी।
दूसरी तरफ, धौनी पर टेस्ट में बतौर कप्तान ही नहीं, बल्कि बल्लेबाज के तौर पर भी परफॉर्मेंस का काफी दवाब था। 2014 में खेले टेस्ट मैचों में धौनी ने 17 इनिंग्स में मात्र 33 की एवरेज से रन बनाए। अगर धौनी अभी फैसला नहीं लेते तो पूरी संभावना थी कि भारतीय टीम की विदेशों में अगली टेस्ट सीरीज में धौनी को कप्तानी से हटा दिया जाता।
खुद टेस्ट में कप्तानी नहीं चाहते थे धौनी
धौनी अपने वनडे करियर को लंबा खींचना चाहते थे। वनडे में उनका बतौर कप्तान रिकॉर्ड भी अच्छा है। उन्होंने 166 वनडे में कप्तानी की, जिसमें भारत को 93 में जीत और 59 में हार मिली। धौनी पर वनडे में कप्तानी को लेकर सवाल भी कम उठते हैं, लिहाजा, उन्होंने वनडे और टी-20 जैसे शॉर्ट फॉर्मेट में ही फोकस रखने का फैसला किया होगा।