क्या इस तरह की विदाई का हकदार है ये महान क्रिकेटर ?
वेस्टइंडीज के 40 वर्षीय क्रिकेटर शिवनारायण चंद्रपॉल को आधिकारिक तौर पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया। इसके पीछे दलील ये है कि पिछले दिनों चंद्रपॉल का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और उनकी जगह टीम में नए युवा खिलाड़ियों को मौका गया है।
नई दिल्ली, (संजय सावर्ण)। वेस्टइंडीज के 40 वर्षीय क्रिकेटर शिवनारायण चंद्रपॉल को आधिकारिक तौर पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया। इसके पीछे दलील ये है कि पिछले दिनों चंद्रपॉल का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और उनकी जगह टीम में नए युवा खिलाड़ियों को मौका गया है। इसके बाद अब कयास ये लगाया जा रहा है कि चंद्रपॉल का क्रिकेट करियर लगभग खत्म हो चुका है। मगर सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इतने अनुभवी क्रिकेटर की विदाई इस तरह से होनी चाहिए।
वेस्टइंडीज के लिए 21 वर्षों से खेल रहे हैं टेस्ट क्रिकेट
शिवनारायण चंद्रपॉल ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 17 मार्च 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ की थी। उन्होंने अब तक के अपने 21 वर्ष के टेस्ट करियर में वेस्टइंडीज के लिए 164 टेस्ट मैच खेले हैं। इनमें उन्होंने 51.37 की औसत से 11867 रन बनाए हैं। अपने टेस्ट करियर में उन्होंने 30 शतक लगाए हैं और 203 (नॉट आउट) उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। हाल की में इस वर्ष मई में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला है।
चंद्रपॉल का हालिया प्रदर्शन
चंद्रपॉल ने अपना आखिरी टेस्ट शतक महज छह टेस्ट पहले ही बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था। बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की थी और दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 101 (नॉट आउट) रन की पारी खेली थी। इसके बाद साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए तीन-तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में उनका प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा था।
अधूरा रह जाएगा रिकॉर्ड
वेस्टइंडीज की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड पूर्व क्रिकेटर ब्रायन लारा (11953) के नाम पर है। चंद्रपॉल उनसे महज 86 रन पीछे हैं। ऐसे में अगर उन्हें मौका मिलता तो शायद वो वेस्टइंडीज की तरफ से सबसे ज्यादा टेस्ट बन बनाने वाले बल्लेबाज बन जाते।
सम्मानजनक विदाई के हकदार
वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर ब्रायन लारा ने चंद्रपॉल का पक्ष लेते हुए कहा कि इस क्रिकेटर को सम्माजनक विदाई मिलनी चाहिए। मगर फिलहाल तो ऐसा नहीं हुआ है। इसके अलावा चंद्रपॉल ने भी इच्छा जताई है कि उन्हें अपने घरेलू दर्शकों के सामने क्रिकेट से सम्मानजनक विदाई लेने के अधिकार दिया जाना चाहिए था। उन्होंन कहा कि मुझे संन्यास के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।