हार से हताश विराट कोहली का हौसला बढ़ा रहे हैं ये तीन फैक्टर, तीसरे टेस्ट में बदलेगा रिजल्ट?
वांडरर्स की पिच पर तेंज़ गेंदबाज़ों के लिए भरपूर मदद होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, जेएनएन। द. अफ्रीका की टीम ने पिछले दो टेस्ट मैच जीतकर सीरीज़ में 2-0 की अजेय बढ़त बनाते हुए टेस्ट सीरीज़ अपने नाम कर ली है। अब मेजबान टीम की नज़र वांडरर्स में खेले जाने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट में भारतीय टीम को हराकर सीरीज़ क्लीन स्वीप करने पर है। वांडरर्स की पिच पर तेंज़ गेंदबाज़ों के लिए भरपूर मदद होने की उम्मीद है, खास तौर पर दूसरे टेस्ट मैच की पिच को लेकर फाफ डू प्लेसिस के निराशा जताने के बाद तो ये लगभग साफ ही हो गया है कि ये पिच तेज़ गेंदबाजों के लिए मुफीद होगी।
टीम इंडिया का बढ़ा हुआ है हौसला
पहले दो टेस्ट मैचों में भारतीय गेंदबाज़ द. अफ्रीकी बल्लेबाज़ों पर नकेल कसने में कामयाब रहे, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों की नाकामी के चलते टीम इंडिया ने दोनों टेस्ट मैच गंवा दिए। तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया का हौसला बढ़ने की वजह तेज़ गेंदबाज़ तो हैं ही इसके साथ ही साथ वांडरर्स के मैदान पर भारतीय टीम का रिकॉर्ड भी कोहली एंड कंपनी का आत्मविश्वास बढ़ा रहा है।
क्या कहता है वांडरर्स का रिकॉर्ड?
जोहानिसबर्ग के वांडरर्स मैदान पर सफेद कपड़ों की क्रिकेट में टीम इंडिया का रिकॉर्ड बेहद शानदार है। ये द.अफ्रीका का वो गिना-चुना मैदान है जिस पर भारतीय टीम मेजबान टीम के खिलाफ एक भी टेस्ट मैच नहीं हारी है। भारत और द. अफ्रीका के बीच इस मैदान पर 4 टेस्ट मैच खेले गए हैं और इन 4 में से तीन मैच ड्रॉ रहे हैं और एक मैच में भारतीय टीम ने द. अफ्रीका को 123 रन से मात दी थी। ये मुकाबला 2006 में खेला गया था। तेज़ गेंदबाज़ों के लिए मददगार इस पिच पर 2006 में श्रीशांत ने कहर बरपा दिया था। उस मुकाबले में श्रीशांत ने सिर्फ 30 रन देकर 5 द. अफ्रीकी बल्लेबाज़ों के विकेट चटकाए थे।
कोहली का भी बढ़ा हुआ है आत्मविश्वास
पिछले दो टेस्ट में मिली हार और उसके बाद मीडिया से बहस को लेकर ऐसी खबरें आ रही थीं कि विराट कोहली निराश है, लेकिन अब कोहली उस निराशा को पीछे छेड़कर आगे बढ़ गए हैं। वांडरर्स के मैदान पर 2013-14 में किया गया प्रदर्शन इस दिग्गज़ खिलाड़ी का हौसला बढ़ा रहा है। पिछले दौरे पर कोहली ने इस मैदान पर पहली पारी में शतक ठोकते हुए 119 रन बनाए थे और दूसरी पारी में भी विराट ने यहां शानदार पारी खेली थी, लेकिन वो अपने शतक से चूककर 96 रन बनाकर आउट हो गए थे। इस बार भी कोहली इस मैदान पर उसी तरह का प्रदर्शन करना चाहेंगे जैसा उन्होंने पिछले दौरे पर किया था।
पुजारा की भी जुड़ी हैं इस मैदान से अच्छी यादें
सेंचुरियन टेस्ट की दोनों पारियों में रन आउट होने वाले चेतेश्वर पुजारा के लिए भी ये मैदान खास रहा है। पुजारा ने 2013-14 में खेले गए टेस्ट मैच की दूसरी पारी में यहां 153 रन की शानदार पारी खेली थी। मौजूदा दौरे पर पुजारा का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है, क्योंकि नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करने वाले पुजारा से भारतीय फैंस को काफी उम्मीदें हैं। पुजारा ने इस दौरे पर दो टेस्ट की चार पारियों में सिर्फ 49 रन बनाए हैं। सीरीज़ के तीसरे और आखिरी मैच में भारतीय फैंस को इस मैदान पर एक बार फिर से शानदार पारी की उम्मीद है।