कोहली ने भी इस कमी को माना, क्या यही है सबसे बड़ी कमजोरी?
पाकिस्तान के खिलाफ हार के बाद भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के लिए सफाई देना एक कड़ी चुनौती थी, एक कप्तान के तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ उनका पहला मैच जो था। कोहली ने अपनी टीम की गलतियां तो कबूल कीं लेकिन एक चीज उन्होंने ऐसी भी कही जो शायद कहीं ना कहीं टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी बनती
(शिवम् अवस्थी, नई दिल्ली)। पाकिस्तान के खिलाफ हार के बाद भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के लिए सफाई देना एक कड़ी चुनौती थी, एक कप्तान के तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ उनका पहला मैच जो था। कोहली ने अपनी टीम की गलतियां तो कबूल कीं लेकिन एक चीज उन्होंने ऐसी भी कही जो शायद कहीं ना कहीं टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी बनती जा रही है। क्या है ये कमजोरी आइए जानते हैं।
टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका दौरे से लेकर न्यूजीलैंड दौरे तक और फिर अब एशिया कप में भी सिर्फ एक ही वनडे जीतने में सफलता हासिल की है। पिछले 10 मुकाबलों में सिर्फ भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ ही जीत हासिल की है और उसमें भी बांग्लादेशी बल्लेबाजों ने टीम इंडिया की जमकर क्लास लगाई थी। इसका एक बड़ा कारण जो नजर आ रहा है वो है अनुभव की कमी। टीम में इस समय कोई ऐसा खिलाड़ी मौजूद नहीं है जो एक सीनियर खिलाड़ी होने की भूमिका को सही से अंजाम दे सके। टीम में अब ना सचिन हैं, ना वीरू, ना गंभीर, ना युवराज, ना जहीर और ना हरभजन। ऊपर से नियमित कप्तान धौनी भी टीम से दूर हैं। विराट ने भी मैच के बाद अपने बयान में कहा, 'हम लगातार मैच में तीन-चार गलतियां कर रहे हैं, जो हमें अंत में काफी महंगी साबित हो रही हैं। लेकिन इंसान गलतियों से ही सीखता है। मैं उम्मीद करूंगा कि हम इन गलतियों को दोहराएं नहीं। टीम में अनुभव की कमी है। हालांकि इसके बावजूद टीम ने मैदान में जोरदार जज्बा दिखाया। मुझे अपनी टीम पर गर्व है।'
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गौरतलब है कि श्रीलंका के खिलाफ मैच में उनके सबसे अनुभवी खिलाड़ी कुमार संगाकारा ने भी भारत की क्लास लगाई थी और पाकिस्तान के खिलाफ भी अंतिम ओवर में दबाव के बावजूद उनके सबसे अनुभवी खिलाड़ी शाहिद आफरीदी ने ही अपनी टीम का बेड़ा पार लगाया था। भारत को भा ऐसे ही एक एंकर की जरूरत है। लंबे समय से टीम इंडिया धौनी की कप्तानी में एक युवा रूप लेती देखी जा सकती थी। जिस बीच भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी खिताब भी जीता, लेकिन उसके बाद सरहद पार की पिचों पर प्रदर्शन में जो ढलान देखने को मिली उसका कारण भी वही वजह बनी, 'टीम का युवा रूप'। दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर भी मेजबान टीम के पास कई अनुभवी चेहरे थे, न्यूजीलैंड के पास भी कई अनुभवी नाम थे और पाकिस्तान और श्रीलंका के पास भी, लेकिन भारतीय टीम में एक दो खिलाड़ियों को छोड़ दें तो शायद ही कोई ऐसा खिलाड़ी जो समय आने पर अपने अनुभव से मैच का रुख पलटने में योगदान दे सके।