रणजी फाइनल: 5वें दिन का खेल नहीं देख पाएंगे दर्शक, मजूमदार ने बंगाल की उम्मीदें कायम रखी
Viewers will not be able to watch the game on the 5th day of Ranji final बोर्ड की तरफ से ये साफ कर दिया गया है कि फाइनल मैच का आखिरी दिन खाली स्टेडियम में खेला जाएगा।
राजकोट, प्रेट्र। अनुष्तुप मजूमदार के नाबाद 58 रन की मदद से बंगाल रणजी ट्रॉफी फाइनल के चौथे दिन सौराष्ट्र के खिलाफ पहली पारी में बढ़त हासिल करके खिताब हासिल करने की दौड़ में बना हुआ है। तो वहीं दूसरी तरफ फाइनल के पांचवें और अंतिम दिन शुक्रवार का खेल कोरोना वायरस के कारण खाली स्टेडियम में खेला जाएगा। बीसीसीआइ ने इसकी जानकारी दी। बीसीसीआइ महाप्रबंधक सबा करीम ने कहा कि अंतिम दिन दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं होगी। केवल खिलाडि़यों, मैच अधिकारियों और मीडिया को ही अनुमति दी जाएगी।' यह फैसला खेल मंत्रालय के परामर्श के बाद लिया गया है।
बंगाल को पहली पारी की बढ़त हासिल करने के लिए 72 रन की दरकार है और उसके चार विकेट बाकी हैं। बंगाल ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक पहली पारी में छह विकेट पर 354 रन बना लिए थे जिसमें मजूमदार ने अर्णब नंदी (नाबाद 28) के साथ सातवें विकेट के लिए नाबाद 91 रन की साझेदारी निभा ली है। जयदेव उनादकट की गेंद अंगुली में लगने के बावजूद नंदी क्रीज पर डटे रहे। मजूमदार को नंदी से पूरा सहयोग मिला जिन्होंने शाम के पूरे सत्र में बल्लेबाजी करते हुए पांचवें दिन मैच को बराबर की टक्कर में ला दिया।
घरेलू टीम को खराब क्षेत्ररक्षण का खामियाजा भुगतना पड़ा जिसने अंतिम सत्र में बंगाल को आसानी से रन जुटाने दिए और मेहमान टीम ने 90 रन जोड़ लिए थे। हार्विक देसाई ने पहली स्लिप में मजूमदार का आसान कैच गिरा दिया तब वह 10 रन पर थे जो टीम के लिए महंगा साबित हुआ। चौथे दिन बंगाल ने सुबह और शाम के सत्र में कब्जा जमाया जबकि दोपहर के सत्र में सौराष्ट्र ने तीन विकेट चटकाए।
बंगाल ने तीन विकेट पर 134 रन से खेलना शुरू किया। सुदीप चटर्जी (81) और रिद्धिमान साहा (64) ने 101 रन की साझेदारी की जिसके लिए दोनों ने 49 ओवर तक बल्लेबाजी की। उन्होंने सुबह के सत्र में सौराष्ट्र के गेंदबाजों को काफी हताश किया और 29 ओवरों में 89 रन जोड़े। गेंद नीची रह रही थी जिससे सौराष्ट्र के गेंदबाजों ने स्टंप को निशाना बनाने की रणनीति अपनाई लेकिन 47 रन पर बल्लेबाजी के लिए उतरे चटर्जी ने अच्छा रक्षात्मक खेल दिखाया और साहा ने भी उनका साथ निभाया।
भारतीय टेस्ट विकेटकीपर का यह सत्र का पहला रणजी मैच है। जब वह 46 रन पर थे तो गली में कैच छूटने से उन्हें जीवनदान मिला। यह गेंद चौके के लिए चली गई जिससे उनका अर्धशतक पूरा हुआ। डीआरएस फिर चर्चा का विषय रहा, जिसमें दोनों फैसले गेंदबाज उनादकट के खिलाफ रहे जबकि दोनों अवसरों पर बल्लेबाज साहा ही थे।
सौराष्ट्र को लंच के बाद आठवें ओवर में सफलता चटर्जी के रूप में मिली जिन्हें धमर्ेंद्र सिंह जडेजा ने आउट किया। सौराष्ट्र ने इसके बाद बंगाल पर दबदबा बनाना शुरू किया। इसके बाद साहा भी मध्यम गति के गेंदबाज प्रेरक मांकड़ को विकेट दे बैठे। दोपहर के सत्र के अंत में चेतन सकारिया ने शाहबाज अहमद के स्टंप उखाड़े जिससे स्कोर छह विकेट पर 263 रन हो गया। इस तरह से सौराष्ट्र ने 28 ओवर में केवल 46 रन देकर तीन अहम विकेट झटके।