India vs England सीरीज के आयोजन स्थलों के चयन पर खड़े हुए सवाल, जानिए वजह
India vs England Series भारत और इंग्लैंड के बीच अगले साल की शुरुआत में तीनों फॉर्मेट की सीरीज होनी है। इस सीरीज का कार्यक्रम तय हो गया है। पांच मैचों की टी20 सीरीज और एक डे-नाइट टेस्ट अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला जाएगा।
नई दिल्ली, आइएएनएस। India vs England Series: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने इंग्लैंड के साथ होने वाली टेस्ट, वनडे और टी20 सीरीज के लिए कार्यक्रम तय कर दिया और आयोजन स्थलों के साथ-साथ पूरे शेड्यूल का भी ऐलान कर दिया है। बीसीसीआइ ने जो चयन किया है, उससे उसके सभी राज्य संघ खुश नहीं हैं। ऐसे में इस सीरीज के आयोजन स्थलों पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कई राज्य संघों ने आयोजन स्थलों के इस चयन को इस महीने होने वाले बीसीसीआइ चुनावों से जोड़कर देखना शुरू कर दिया है। यहां तक कि बीसीसीआइ के प्रमुख सौरव गांगुली के घरेलू राज्य के संघ ने आयोजन स्थलों के चयन पर आपत्ति जताई है और कहा है कि सीरीज के 12 मैचों में से एक भी मैच उसे एलॉट नहीं किया है। मोटेरा, पुणे और चेन्नई में ही तीनों फॉर्मेट की सीरीज खेली जानी है।
मुंबई क्रिकेट संघ यानी एमसीए ने तो इस फैसले पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा है कि उसे एक भी मैच की मेजबानी नहीं मिली है, जबकि गुजरात क्रिकेट संघ को 12 में से कुल सात मैचों की मेजबानी मिली है। इसके अलावा पुणे और चेन्नई को भी भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज की मेजबानी करने का मौका मिला है। चेन्नई में दो टेस्ट मैच खेले जाएंगे, जबकि पुणे में तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जानी है।
एमसीए का कहना है कि उसे चार साल में एक भी टेस्ट की मेजबानी नहीं मिली है और यह काफी हैरान करने वाला फैसला है। मजेदार बात यह भी है कि बीसीसीआइ के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सितंबर में कहा था कि मुंबई और कोलकाता को इंग्लैंड के साथ होने वाली सीरीज के मैचों की मेजबानी मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। अहमदाबाद में बने दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम को सबसे ज्यादा मैचों की मेजबानी का मौका मिला है।
बीसीसीआइ के इस फैसले के बाद बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) और मुंबई क्रिकेट संघ (MCA) के अधिकारियों ने सीधे बीसीसीआइ को कटघरे में खड़ा किया है। सीएबी के अध्यक्ष अभिषेक डालमिया ने कहा है कि उन्हें यह बताया जाए कि आखिरकार उनके संघों को इस सीरीज के मैचों की मेजबानी क्यों नहीं मिली? ठीक इसी तरह की प्रतिक्रिया एमसीए की कार्यकारी समिति के सदस्य नदीम मेनन की ओर से भी आई है।
सीएबी और एमसीए के अलावा कई अन्य संघों ने महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के मुख्यालय पुणे को मेजबानी दिए जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि क्या इसे 24 दिसंबर को होने वाले बीसीसीआइ चुनावों से जोड़कर देखा जाए। संघों की चिंता यह भी है कि अगर उन्हें लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी नहीं मिलेगी तो उनकी वित्तीय स्थिति खराब हो जाएगी, क्योंकि बोर्ड एक टेस्ट के लिए संघ को 2.5 करोड़ रुपये और सीमित ओवरों की क्रिकेट के लिए 1.5-1.5 करोड़ रुपये देता है।