इंडियन प्रीमियर लीग में 8 की जगह दिखेंगी 10 टीमें, दो नई टीमें हो सकती हैं शामिल !
भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए ये बड़ी खबर है कि आइपीएल में आठ की जगह दस टीमें खेल सकती हैं। यानी क्रिकेट को डोज बढ़ने वाला है।
नई दिल्ली, जेएनएन। अब भारतीय क्रिकेट फैंस आइपीएल में आठ की जगह दस टीमों को खेलते देख सकते हैं। दो वर्ष के बाद यानी 2021 तक दुनिया की सबसे बड़ी लीग में आठ की जगह दस टीमें खेलती हुई नजर आ सकती है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड में दो नई टीमों को शामिल करने को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं और इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। पुणे, अहमदाबाद और रांची या जमशेदपुर में से किसी दो टीमों को 2021 आइपीएल में शामिल किया जा सकता है। इसमें पुणे के लिए आरपीजी-संजीव गोयनका ग्रुप, अहमदाबाद के लिए अडाणी ग्रुप और रांची या जमशेदपुर में से किसी एक शहर के लिए टाटा ग्रुप रेस में है। गौरतलब है कि बीसीसीआई ने 2011 यानी आठ वर्ष पहले भी टीमों की संख्या को दस कर दिया था लेकिन कई विवाद खड़े हो गए थे और तीन वर्ष के बाद दो नई टीमों को हटा दिया गया था।
खबरों की मानें तो दो नई टीमों को शामिल करने की तैयारियां जोरों पर है। इसके लिए योजना पूरी तरह से तैयार की जा चुकी है और इसकी टेंडर प्रक्रिया पर काम चल रहा है। इसे लेकर लंदन में एक बैठक भी की गई है और माना जा रहा है कि दो नई टीमों के आने से आइपीएल को फायदा होगा। बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने भी इसके लिए हामी भरी है लेकिन बैठक के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया।
आपको बता दें कि 2011 में पुणे प्रेंचाइजी को सहारा ग्रुप ने हासिल की थी और ये टीम पुणे वॉरियर्स के नाम से खेली भी थी। बाद में 2013 में ये टीम आइपीएल से हट गई थी। इसके बाद 2016 में चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो साल के लिए बैन किया गया था तब संजीव गोयनका की कंपनी आरपीजी ग्रुप ने राइजिंग पुणे सुपरजाएंट के नाम से टीम बनाई थी। उनकी टीम 2 साल तक रही थी और अब वह पूरी तरह से आईपीएल से जुड़ना चाहते हैं। गोयनका की आइपीए में कोलकाता फ्रेंचाइजी है और वह पिछले कुछ साल से दिल्ली कैपिटल्स व राजस्थान रॉयल्स से जुड़ना चाह रहे थे लेकिन उन्हें वहां कामयाबी नहीं मिली थी। ऐसे में अब वह नई फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाने को तैयार है।
टाटा ग्रुप भी कुछ वर्ष पहले ही आईएसएल में जमशेदपुर फ्रेंचाइजी खरीदी थी। माना जा रहा है कि रतन टाटा का ग्रुप अब यहां भी हाथ आजमा सकता है। इसके अलावा कुछ ग्रुप ऐसी भी हैं जो यूपी में कानपुर या फिर लखनऊ फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं। यानी अगर सब कुछ ठीक रहा तो आइपीएल में आठ की जगह दस टीमों खेलती नजर आ सकती हैं।