श्रीलंका पर जीत दर्ज करने के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया
किसी ने कहा है, खेल में जीत-हार मायने नहीं रखते.। यह बात उसने जरूर हारने के बाद कही होगी, क्योंकि मैदान पर खिलाड़ी सिर्फ जीतने के लिए उतरता है। एक समय टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर खड़ी टीम इंडिया यदि यह सोच कर मैदान पर उतरती की हार-जीत मायने नहीं रखते तो वह गुरुवार को पोर्ट ऑफ स्पेन में हो
नई दिल्ली [जेएनएन]। किसी ने कहा है, खेल में जीत-हार मायने नहीं रखते.। यह बात उसने जरूर हारने के बाद कही होगी, क्योंकि मैदान पर खिलाड़ी सिर्फ जीतने के लिए उतरता है। एक समय टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर खड़ी टीम इंडिया यदि यह सोच कर मैदान पर उतरती की हार-जीत मायने नहीं रखते तो वह गुरुवार को पोर्ट ऑफ स्पेन में होने वाले त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में नहीं होती। चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर त्रिकोणीय सीरीज खेलने वेस्टइंडीज पहुंची भारतीय टीम को पहला झटका तब लगा जब मेजबान ने उसे पहले मुकाबले में ही धराशाई कर दिया। दूसरा झटका लकी कप्तान एमएस धौनी के चोटिल होने पर लगा और तीसरी चोट श्रीलंकाई टीम ने दूसरे मुकाबले में मात देकर दी। अब फाइनल में उसके पहुंचने की संभावना बेहद क्षीण हो गई थी, जो उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली बात थी।
सम्मान की लड़ाई में विश्व चैंपियन टीम इंडिया ने बोनस अंकों के साथ जीत दर्ज करते हुए अंक तालिका में शीर्ष पर जगह बनाई और फाइनल का टिकट कटाया। उधर श्रीलंकाई टीम ने भी वेस्टइंडीज से पहले मैच में मिली हार के बाद अपने प्रदर्शन का स्तर ऊंचा किया और अंक तालिका में वेस्टइंडीज के बराबर अंक जुटाए। आखिर में वह नेट रनरेट के मामले में मेजबान को पछाड़ते हुए एक बार फिर फाइनल में भारत से टकराने पहुंच गया।
पिछली कुछ सीरीज चाहे वह विश्व कप हो या चैंपियंस ट्रॉफी श्रीलंकाई टीम भारत के खिलाफ अहम मुकाबले में बाधा के रूप में सामने उतरी है। लेकिन भारतीय टीम ने हर बार उसे धूल चटाते हुए आगे का सफर तय किया है। इस सीरीज में अभी तक दोनों ने एक-एक बार एक दूसरे को मात दी है। दोनों टीमों ने कई बाधाओं को पार करके फाइनल तक का सफर तय किया है, लेकिन असली लड़ाई अभी बाकी है और सिकंदर वही कहलाएगा जो इस आखिरी बाधा को पार कर लेगा।
इन पर रहेगी नजर :
भारत : विराट कोहली : चोटिल धौनी की अनुपस्थिति में कप्तानी संभाल रहे विराट कोहली ने साबित कर दिया है कि वह यह जिम्मेदारी संभालने में सक्षम हैं। विराट के नेतृत्व में टीम ने पिछले दो मुकाबलों में जोरदार प्रदर्शन किया है। एक मैच में उन्होंने नाबाद शतक भी जड़ा। अब फाइनल में वह टीम की जोरदार अगुआई करते हुए अपनी कप्तानी में भारत को पहली सफलता दिलाने को बेताब होंगे।
भुवनेश्वर कुमार : श्रीलंका के खिलाफ पिछले मैच में अपनी करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करने वाले भुवी फाइनल में भी यादगार गेंदबाजी करना चाहेंगे। शुरुआती विकेट दिलाने का जिम्मा एक बार उनके कंधों पर होगा।
श्रीलंका : कुमार संगकारा : बायें हाथ के इस अनुभवी बल्लेबाज को भारत के खिलाफ खेलने का अच्छा अनुभव है। पिछले कुछ समय से श्रीलंकाई टीम बड़े मौकों पर भारत से हमेशा पिछड़ती रही है और मजबूत इरादों वाले संगकारा इस सिलसिले को तोड़ने की प्रबल इच्छा के साथ मैदान पर उतरेंगे।
एंजेलो मैथ्यूज : टीम के कप्तान और बेहतरीन ऑलराउंडर। बड़े शॉट्स खेलते हुए तेजी से रन बनाने में माहिर। इनका प्रदर्शन टीम के लिए बहुत मायने रखेगा। भारतीय टीम को मैथ्यूज पर अंकुश लगाने के लिए रणनीति के साथ उतरना होगा।
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