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भारत ने द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली तो पाकिस्तान का लालच सामने आया, ICC से कर दी बड़ी मांग

पीसीबी ने आइसीसी से कहा कि भारत द्वारा द्विपक्षीय सीरीज खेलने से मना करने के बाद उन्हें काफी नुकसान हुआ है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 09:35 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 10:07 PM (IST)
भारत ने द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली तो पाकिस्तान का लालच सामने आया, ICC से कर दी बड़ी मांग

कराची, प्रेट्र। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी से कहा है कि उसे कोई बड़ा टूर्नामेंट आयोजित करने का राइट दिया जाए। पीसीबी ने इसके पीछे ये कारण दिया कि भारत ने उसके साथ द्विपक्षीय सीरीज खेलने से मना कर दिया था और इसकी वजह से उसे काफी नुकसान हुआ। अब पीसीबी आइसीसी के किसी बड़े टूर्नामेंट का आयोजन करके उस नुकसान की भरपाई करना चाहता है। पीसीबी के चीफ एक्जक्यूटिव वसीम जाफर ने कहा कि पाकिस्तान साल 2023 में आइसीसी के एक बड़े आयोजन की मेजबानी करने के लिए तैयार है। 

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पाकिस्तान में टूर्नामेंट आयोजित करने को लेकर वसीम खान ने कहा कि मुझे अब ऐसा नहीं लगता कि पाकिस्तान में इंटरनेशनल क्रिकेट आयोजित करने में कोई संकट है क्योंकि अब यहां की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा पुख्ता और मजबूत है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि हमने इस साल पाकिस्तान सुपर लीग का आयोजन सफलता पूर्वक किया तो वहीं दो टीमें जैसे कि श्रीलंका और बांग्लादेश हमारे यहां टेस्ट सीरीज भी खेली। वहीं दूसरे अन्य छोटे-मोटे इवेंट्स और सीरीज का सफलता पूर्वक आयोजन अब ये दर्शाता है कि हम आइसीसी के बड़े इवेंट की मेजबानी करने में सक्षम हैं। 

वसीम खान ने साफ तौर पर कहा कि भारत ने हमारे साथ पाकिस्तान में या अन्य कहीं भी द्विपक्षीय सीरीज खेलने से मना कर दिया था जिसकी वजह से हमें भारी नुकसान हुआ है। यही नहीं भविष्य में ऐसा लगता नहीं है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की कोई सीरीज खेले जाने की संभावना है। यानी साफ तौर पर भारत और पाकिस्तान के मैच खेलने की संभावना बहुत कम है और हमें पहले ही लाखों डॉलर का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ विश्व टी 20 कप, एशिया कप और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप पर चर्चा करने के लिए आइसीसी के साथ एक वीडियो सम्मेलन होगा।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण हर बोर्ड को अपने वित्तीय घाटे को कम करने के लिए एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। हम सभी एक ही नाव में हैं। हमारे समान हित हैं। जब यह सम्मेलन होगा तो हम उसमें क्रिकेट के भविष्य के बारे में चर्चा करेंगे। 


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