Move to Jagran APP

क्या खत्म होगा सात दशकों का इंतजार या विराट भी करेंगे भारतीय फैंस को मायूस !

चार साल पहले विराट ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में चार शतक लगाकर दिखा दिया था कि वह कितने शानदार बल्लेबाज हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 06:49 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 08:50 PM (IST)
क्या खत्म होगा सात दशकों का इंतजार या विराट भी करेंगे भारतीय फैंस को मायूस !
क्या खत्म होगा सात दशकों का इंतजार या विराट भी करेंगे भारतीय फैंस को मायूस !

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। विराट ने अपनी टेस्ट कप्तानी की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया से ही की थी। भारत ने 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था, लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धौनी अनफिट होने के कारण पहले मुकाबले के लिए टीम के साथ नहीं गए। ऐसे में विराट कोहली ने पहली बार टेस्ट में कप्तानी की। चार साल बाद यह भारतीय खिलाड़ी उसी देश में पूर्णकालिक कप्तान के तौर पर पहली बार सीरीज जीतने का दावेदार है। धौनी ने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर ही टेस्ट से संन्यास ले लिया था और सीरीज के चौथे मैच में भी विराट ने कप्तानी की थी। इसके बाद उन्हें भारत का पूर्णकालिक टेस्ट कप्तान बना दिया गया था। इन चार वर्षो में विराट ने भारत को दर्जनों सीरीज में जीत दिलाई, लेकिन दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड जैसे कठिन दौरे पर वह भारत को टेस्ट सीरीज में जीत दिलाने में नाकाम रहे। भारत अभी तक ऑस्ट्रेलिया में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है, जबकि आठ में उसे हार मिली हैं और तीन ड्रॉ रही हैं।

loksabha election banner

ऑस्ट्रेलिया दौरा है महत्वपूर्ण : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट संबंध करीब-करीब उतने ही साल पुराने हैं जितने साल हमें आजादी मिले हो गए। आजादी के दो महीने बाद आजाद भारत की पहली क्रिकेट टीम लाला अमरनाथ की कप्तानी में टेस्ट सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। तब से लगभग सात दशक का समय बीत चुका है, लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा कभी किसी मुश्किल चुनौती से कम साबित नहीं हुआ। अब कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है और उसके पास सबसे बड़ा मौका है, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि यह दौरा भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती भी है।

कैरी पैकर के दौर में भी हारे : भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने का सबसे आसान मौका 1977-78 में आया था, लेकिन भारतीय टीम उसे भी भुनाने में नाकाम रही। उस समय क्रिकेट जगत कैरी पैकर की विश्व सीरीज क्रिकेट से प्रभावित था। पैकर ऑस्ट्रेलिया के मीडिया टायकून थे जिन्होंने अपने चैनल को आगे बढ़ाने के लिए खेलों का सहारा लिया। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं था, लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पैकर के चैनल को प्रसारण के अधिकार नहीं दिए। इस पर पैकर ने इयान चैपल की मदद से ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के उस दौर के कई बेहतरीन खिलाडि़यों को अच्छी खासी रकम देकर अपने साथ जोड़ लिया और विश्व क्रिकेट सीरीज शुरू की, जिसका सीधा प्रसारण उन्होंने अपने चैनल पर करवाया। हालांकि, पैकर के साथ कोई भी भारतीय खिलाड़ी नहीं जुड़ा था। उस दौर में पैकर के लिए खेले क्रिकेटरों को उनकी राष्ट्रीय टीमों में जगह नहीं दी गई। इन क्रिकेटरों में चैपल बंधु इयान और ग्रेग भी शामिल थे। ग्रेग तो भारत के खिलाफ सीरीज से पहले तक ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे। पैकर ने लगभग पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को अनुबंधित कर लिया था। इनमें चैपल बंधु सहित डेनिस लिली, रॉड मार्श, गैरी गिलमोर, डग वॉल्टर, एलन टर्नर और कैरी ओ कीफ जैसे कई अनुभवी खिलाड़ी शामिल थे। ऐसे में जब बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में भारतीय टीम 1977-78 में पांच टेस्ट की सीरीज खेलने ऑस्ट्रेलिया गई तो उसके लिए वहां सीरीज जीतने का सबसे सुनहरा मौका माना गया।

ऑस्ट्रेलियाई टीम उस सीरीज में कितनी कमजोर स्थिति में थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि भारत के खिलाफ सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड ने बॉब सिंपसन को ना सिर्फ टीम में शामिल किया, बल्कि उन्हें कप्तानी भी दी। सिंपसन को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिए एक दशक से भी ज्यादा समय बीत चुका था और इस दौरान उन्होंने कोई प्रथम श्रेणी मैच भी नहीं खेला था। भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलियाई टीम के कमजोर होने का फायदा उठाना चाहिए था, लेकिन उसने अच्छी स्थिति में होने के बावजूद शुरुआती दो टेस्ट मामूली अंतर से गंवा दिए। ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिसबेन में खेला गया पहला टेस्ट 16 रन से और पर्थ में खेला गया दूसरा टेस्ट दो विकेट से जीता। इसके बाद भारतीय टीम ने जोरदार वापसी करते हुए अगले दोनों टेस्ट जीतकर सीरीज में 2-2 से बराबरी हासिल की, लेकिन एडिलेड में खेला गया पांचवां टेस्ट भारतीय टीम लाख कोशिशों के बावजूद 47 रन से गंवा बैठी और सीरीज 2-3 से हार गई। इस टेस्ट को जीतने के लिए भारतीय टीम को 493 रन का विशाल लक्ष्य मिला था, लेकिन वह 445 रन पर ऑलआउट हो गई।

बदल गए हैं विराट : चार साल पहले विराट ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में चार शतक लगाकर दिखा दिया था कि वह कितने शानदार बल्लेबाज हैं। उस सीरीज के बाद से उनके सितारे और ज्यादा चमक गए। इस चार साल के सफर में वह टीम इंडिया के कप्तान ही नहीं बने, बल्कि उनके नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश जैसी टीम को घर में टेस्ट सीरीज में मात दी। टीम ने श्रीलंका और वेस्टइंडीज में जाकर भी टेस्ट सीरीज जीतीं, लेकिन दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड में वह चूक गए। इस साल की शुरुआत में भारत को दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-2 से, जबकि इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-4 से पराजय का समाना करना पड़ा। विराट एक खिलाड़ी के तौर पर अद्भुत हैं। उन्होंने 33 शतक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सभी प्रारूपों को मिलाकर कप्तान के तौर पर जड़े हैं। इस मामले में सबसे आगे ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग हैं, जिनके नाम कप्तान के तौर पर 41 शतक हैं। अपने 10 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कोहली ने 73 टेस्ट में 6,331 और 216 वनडे मैचों में 10232 रन बनाए हैं। वह 62 टी-20 मुकाबलों में 2,102 रन बना चुके हैं।

क्यों खास हैं विराट : भारतीय कप्तान ने 2014 में इंग्लैंड में 10 टेस्ट पारियों में 13.4 के औसत से सिर्फ 134 रन बनाए थे। उन्हें स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन ने अपनी स्विंग से खूब परेशान किया, लेकिन इस साल जब वह इंग्लैंड गए तो उनकी तैयारी इतनी बेहतर थी कि वही गेंदबाज उनके सामने पानी भरने लगे। उन्होंने इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 500 से ज्यादा रन बनाए और वह दोनों टीमों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। वहीं ऑस्ट्रेलिया विराट को खूब भाता है। उन्होंने पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार टेस्ट में चार शतक की मदद से 692 रन जड़े थे। उनसे आगे सिर्फ तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ थे जिन्होंने चार शतक की मदद से 769 रन बनाए थे। बॉल टेंपरिंग में फंसने के कारण स्मिथ पर प्रतिबंध लगा है और वह इस सीरीज में नहीं खेलेंगे। ऐसे में विराट के पास सीरीज जीतने के साथ यहां पर सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बनने का भी मौका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.