Move to Jagran APP

संकट में सम्मान: टीम इंडिया पर फिर भारी पड़ रहे मेजबान

नई दिल्ली [अभिषेक त्रिपाठी]। न्यूजीलैंड में भारतीय टीम की हालत हमेशा से ही खराब रही है और उसका इतिहास इस काबिल नहीं था कि उससे जीत की उम्मीद की जाती लेकिन वर्तमान दौरे पर टीम ऐसा प्रदर्शन भी नहीं कर पाई जिससे मेजबानों को कुछ चुनौती मिल पाती। टीम इंडिया की गेंदबाजी, बल्लेबाजी और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की रणनीति बुरी तरह फेल रही। हालत यह है कि टीम इंडिया वर्तमान दौरे पर चार वनडे में से तीन हार चुकी है और एक मुकाबले को किसी तरह ट

By Edited By: Published: Wed, 29 Jan 2014 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2014 06:40 PM (IST)
संकट में सम्मान: टीम इंडिया पर फिर भारी पड़ रहे मेजबान

नई दिल्ली [अभिषेक त्रिपाठी]। न्यूजीलैंड में भारतीय टीम की हालत हमेशा से ही खराब रही है और उसका इतिहास इस काबिल नहीं था कि उससे जीत की उम्मीद की जाती लेकिन वर्तमान दौरे पर टीम ऐसा प्रदर्शन भी नहीं कर पाई जिससे मेजबानों को कुछ चुनौती मिल पाती। टीम इंडिया की गेंदबाजी, बल्लेबाजी और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की रणनीति बुरी तरह फेल रही। हालत यह है कि टीम इंडिया वर्तमान दौरे पर चार वनडे में से तीन हार चुकी है और एक मुकाबले को किसी तरह टाई कराने में सफल हो सकी। शुक्रवार को सीरीज का पांचवां मुकाबला होना है जिसमें अब टीम इंडिया से ज्यादा उम्मीदें करना बेमानी होगा।

loksabha election banner

टीम को नहीं समझ में आ रहा कुछ :

भारतीय टीम न्यूजीलैंड दौरे में इस स्थिति में पहुंच गई है जहां पर उसे कुछ नहीं समझ में आ रहा है। गेंदबाज बिना लाइन लेंथ के गेंद फेंक रहे हैं और बल्लेबाज हवा में बल्ला भांज रहे हैं। पहले मैच में भुवनेश्वर कुमार और मुहम्मद शमी के अलावा कोई गेंदबाज नहीं चला। हालत यह रही कि मेजबान टीम ने 50 ओवरों में 292 रन ठोंक दिए। लक्ष्य का पीछा करने में माहिर टीम इंडिया 49वें ओवर में ही ऑलआउट हो गई। दूसरे मैच में भी गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने दुर्दशा कराई और टीम को 15 रनों से मैच गंवाना पड़ा। वह तो शुक्र हो कि तीसरे मैच में रवींद्र जडेजा चल गए और रोमांचक मुकाबला टाई हो गया। नहीं तो अब तक सीरीज में भारतीय टीम 4-0 से पीछे होती। चौथे मैच में पूरी टीम फेल साबित हुई। रोहित को छोड़कर बल्लेबाजी का ऊपरी क्रम तो फेल हुआ ही गेंदबाजी भी चौपट दिखाई दी। इस हाल को देखते हुए पांचवें मैच में टीम इंडिया के प्रदर्शन का अंदाजा लगाया जा सकता है।

धौनी की रणनीति पूरी तरह से फेल :

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की रणनीति दक्षिण अफ्रीकी दौरे से ही फेल नजर आ रही है। वह अपने गलत फैसले को साबित करने के लिए लगातार वही फैसले लेते रहते हैं जो टीम इंडिया की हार का कारण बनते हैं। धौनी ने इस सीरीज के शुरुआती तीनों मैच में टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण का फैसला किया। जब लगातार तीन हार मिली तो उन्होंने चौथे मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। दक्षिण अफ्रीकी दौरे में भी धौनी ने पहले दो वनडे में टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण का फैसला किया और दोनों मैच हार गए। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रांची और नागपुर मैच, वेस्टइंडीज के खिलाफ कानपुर वनडे में भी धौनी ने ऐसा ही किया। न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले मैच से पूर्व भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला जनवरी 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ कोच्चि में किया था। उसके बाद खेले गए 19 में से 18 वनडे में भारत ने टॉस जीतने पर क्षेत्ररक्षण चुना है। लगातार इस फैसले की आलोचना हुई जिससे धौनी ने मंगलवार को सीरीज के चौथे मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। इससे पहले भारत ने विदेशी सरजमीं पर टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला अगस्त 2012 में श्रीलंका के खिलाफ पल्लीकल में किया था। इससे पहले उपमहाद्वीप के बाहर टीम इंडिया ने टॉस जीतने पर पहले बल्लेबाजी का फैसला 15 जनवरी 2011 को जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किया था। ऐसा लगता है कि भारतीय खेमे का मानना है कि लक्ष्य का पीछा करने का दबाव सहन करना आसान है लेकिन विपक्षी टीमों ने धौनी की इस रणनीति को समझ लिया है। यही नहीं धौनी का अंतिम एकादश का चुनाव भी सवालों को घेरे में है। वह अपने चहेतों को उस हद तक मौका देते हैं जब तक उनकी आलोचना नहीं होने लगती।

न्यूजीलैंड में दोयम दर्जे का प्रदर्शन :

भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड में हमेशा ही दोयम दर्जे का प्रदर्शन किया है। भारत ने न्यूजीलैंड में अभी तक दस वनडे सीरीज खेली हैं जिसमें वह सिर्फ एक बार विजेता ट्रॉफी को अपने पास रख पाई है। 2008-09 में धौनी की ही कप्तानी में गई भारतीय टीम ने पांच मैचों की सीरीज को ने 3-1 से जीता था। इसके अलावा टीम इंडिया कोई भी सीरीज अपने नाम नहीं कर पाई। उसे 1993-94 और 1998-99 में हुई वनडे सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराने में सफलता प्राप्त हुई। 2002-03 में तो टीम इंडिया को सात मैचों की सीरीज में 5-2 से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा 1975-76 और 1980-81 में न्यूजीलैंड में टीम इंडिया सीरीज का एक भी मैच नहीं जीत पाई। 1989-90, 1991-92 और 1994-95 में खेली गई तीन त्रिकोणीय सीरीज में भारतीय टीम सिर्फ एक मैच जीत पाई। न्यूजीलैंड में टीम इंडिया ने 39 वनडे खेले जिसमें से उसे सिर्फ 12 में जीत मिली है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.