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BCCI के निशाने पर आए सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़, पर क्यों?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त क्रिकेट प्रशासक अब सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ से उनकी कई भूमिकाओं के लिए सवाल पूछ सकते हैं।

By Bharat SinghEdited By: Published: Thu, 09 Feb 2017 10:54 AM (IST)Updated: Thu, 09 Feb 2017 03:53 PM (IST)
BCCI के निशाने पर आए सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़, पर क्यों?

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट में लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासनिक समिति (COA) के निशाने पर अब भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ आ सकते हैं। COA गांगुली और द्रविड़ से पूछताछ करने की तैयारी में है। भारतीय क्रिकेट में अहम योगदान देने वाले इन खिलाड़ियों से कई भूमिकाएं निभाने और हितों के टकराव के मामले पर सवाल पूछे जाएंगे।

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द्रविड़ आइपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम के मेंटॉर होने के साथ ही भारत की अंडर-19 और भारत 'ए' के कोच भी हैं। वहीं गांगुली क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष, बीसीसीआइ की तकनीकी समिति के अध्यक्ष और आइपीएल की गर्वनिंग काउंसिल के सदस्य भी हैं। हालांकि वह नए नियमों के मुताबिक एसोसिएशन के सदस्य नहीं रह सकेंगे। इसके अलावा गांगुली आइपीएल फ्रेंचाइजी के एक मालिक के साथ दूसरे खेल में बिजनस पार्टनर भी हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक COA इनसे सवाल पूछ सकती है।

आपको बता दें कि ये मुद्दे पहले भी उठते रहे हैं। हालांकि, द्रविड़ की दोहरी जिम्मेदारी पर सवाल नहीं उठा और जब शशांक मनोहर बीसीसीआइ के अध्यक्ष थे तब गांगुली को इन सब भूमिकाओं के लिए ग्रीन सिग्नल दिया गया था। हालांकि अब नए प्रशासकों का मानना है कि इस मुद्दे पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। द्रविड़ 2017 के आइपीएल सीजन के लिए भी डेयरडेविल्स के साथ हैं। गांगुली के केस की पिछले साल लोकपाल में सुनवाई हुई थी और इसमें 'हितों के टकराव' की बात नहीं मानी गई थी।

आपको बता दें कि गुरुवार को ही बीसीसीआइ ने 12 अधिकारियों को निकाल दिया था। ये अधिकारी बोर्ड के दिल्ली और पुणे ऑफिस में काम कर रहे थे। इनमें टीम इंडिया के मीडिया मैनेजर भी शामिल थे। इन सब अधिकारियों को बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और पूर्व सचिव अजय शिर्के ने नियुक्त किया था।

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हालांकि, द्रविड़ जहां कोच और मेंटॉर के तौर पर अच्छा काम कर रहे हैं वहीं गांगुली ने भी प्रशासक के तौर पर बढ़िया काम किया है। वहीं बीसीसीआइ के पास हितों के टकराव के नियमों को लेकर कोई लिखित दस्तावेज नहीं है। देखना होगा कि नए क्रिकेट प्रशासकों का गांगुली और द्रविड़ को लेकर क्या रुख रहता है।

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