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विश्व कप डायरी: जब पहली बार श्रीलंका ने उठाई विश्व कप की ट्रॉफी

श्रीलंका ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व कप खिताब जीता।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 10:56 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 10:56 AM (IST)
विश्व कप डायरी: जब पहली बार श्रीलंका ने उठाई विश्व कप की ट्रॉफी

साल 1996 में विश्व कप के छठे संस्करण की मेजबानी भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने संयुक्त रूप से की थी। भारत और पाकिस्तान दूसरी बार विश्व कप की संयुक्त मेजबानी कर रहे थे, जबकि श्रीलंका को पहली बार मेजबानी का मौका मिला था। इस दौरान भारत ने 17, पाकिस्तान ने 16 और श्रीलंका ने चार मैचों की मेजबानी की। श्रीलंका ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व कप खिताब जीता। 12 टीमों श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, भारत, वेस्टइंडीज, जिंबाब्वे, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, यूएई और नीदरलैंड्स ने टूर्नामेंट में शिकरत की थी। 

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जब गुस्से में लारा ने नहीं दिया ऑटोग्राफ

इस विश्व कप के एक मैच में नई टीम केन्या ने दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज की टीम को हराकर बड़ा उलटफेर किया था। वेस्टइंडीज की यह हार क्रिकेट जगत को अचंभित कर देने वाली थी। केन्या की यह टूर्नामेंट में पहली जीत थी। उस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए केन्या की टीम 166 रन पर ढेर हो गई थी। जवाब में वेस्टइंडीज की टीम महज 35.2 ओवर और 93 रन ही आउट होकर मैच हार गई। इस हार ने वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों को झकझोर कर रख दिया था। हार से बौखलाए ब्रायन लारा से जब केन्या के एक क्रिकेटर ने ऑटोग्राफ मांगा तो उन्होंने साफ मना कर दिया। उस मैच के बाद केन्या की टीम ने ऐसा जश्न मनाया मानो विश्व कप ही जीत लिया हो। तब पूरी टीम ने नाचते हुए मैदान का चक्कर लगाया था।

हमारा प्रदर्शन

सचिन तेंदुलकर (नाबाद 127) के दम पर भारत ने पहले मैच में केन्या को सात विकेट से शिकस्त दी। फिर दूसरे मैच में सचिन तेंदुलकर (70) की मदद से भारत ने वेस्टइंडीज को पांच विकेट से हराया। तीसरे मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 16 रन से हार मिली। इस मैच में भी सचिन ने 90 रन बनाए। चौथे मैच में सचिन के 137 रनों के बावजूद भारत को श्रीलंका ने छह विकेट से हराया। पांचवें मैच में विनोद कांबली के 106 रन के दम पर भारत ने जिंबाब्वे को 40 रन से मात दी। क्वार्टर फाइनल में भारत और पाकिस्तान का आमना-सामना हुआ। भारत ने नवजोत सिंह सिंद्धू (93) की पारी से 50 ओवर में आठ विकेट पर 287 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान 248/9 का स्कोर कर मैच हार गया और भारत ने सेमीफाइनल में जगह बनाई।

पहला सेमीफाइनल : कोलकाता के ईडन गार्डेस पर श्रीलंका ने भारत के खिलाफ 50 ओवरों में आठ विकेट पर 251 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही और उसने 120 रन पर आठ विकेट गंवा दिए। भारतीय टीम को इस कदर हारता देख दर्शकों ने मैदान में बोतल फेंकनी शुरू कर दीं। यहां तक कि एक जगह स्टैंड में आग भी लगा दी। बाद में मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया। श्रीलंका के तरफ से अरविंद डिसिल्वा को उनकी 66 रनों की पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' दिया गया।

दूसरा सेमीफाइनल : ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 50 ओवरों में आठ विकेट पर 208 रन बनाए। जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 49.3 ओवरों में 202 रनों पर आउट होकर मैच हार गई। ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न (4/36) को 'मैन ऑफ द मैच' दिया गया।

फाइनल : खिताबी मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेला गया। पहली बार श्रीलंकाई टीम फाइनल खेल रही थी। ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में सात विकेट पर 241 रन बनाए। जवाब में श्रीलंका ने 46.2 ओवरों में तीन विकेट पर ही लक्ष्य हासिल कर लिया। श्रीलंका पहली बार विश्व चैंपियन बनीं। अरविंद डिसिल्वा (107) को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया।

ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज की टीमों में डर : ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज की टीमों ने आतंकी गुट लिट्टे से असुरक्षा का हवाला देते हुए अपनी टीमों को श्रीलंका नहीं भेजा। इसके कारण श्रीलंका को दोनों टीमों के खिलाफ मैचों में वॉकओवर मिला और श्रीलंका को पूरे अंक दे दिए गए।

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