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शर्मीला टैगोर की हसरत होगी पूरी, बीसीसीआई ने आखिर किया ऐलान

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआई] ने पूर्व कप्तान दिवंगत मंसूर अली खान पटौदी की स्मृति में सालाना व्याख्यान शुरू करने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत 20 फरवरी को चेन्नई में महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर करेंगे। गौरतलब है कि इस मामले में बीसीसीआई की लेटलतीफी से पटौदी की पत्नी शर्मीला टैगोर काफी निराश थीं और उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष को इस बारे में पत्र भी लिखा था।

By Edited By: Published: Thu, 07 Feb 2013 09:05 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2013 09:05 AM (IST)

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआई] ने पूर्व कप्तान दिवंगत मंसूर अली खान पटौदी की स्मृति में सालाना व्याख्यान शुरू करने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत 20 फरवरी को चेन्नई में महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर करेंगे। गौरतलब है कि इस मामले में बीसीसीआई की लेटलतीफी से पटौदी की पत्नी शर्मीला टैगोर काफी निराश थीं और उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष को इस बारे में पत्र भी लिखा था।

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बीसीसीआई ने बुधवार को एक बयान में कहा, पहला मंसूर अली खान पटौदी स्मृति व्याख्यान पूर्व सलामी बल्लेबाज गावस्कर 20 फरवरी, 2013 को ताज कोरोमंडल, चेन्नई में देंगे। यह सालाना व्याख्यान भारतीय क्रिकेट सत्र का हिस्सा होगा। इसमें दुनिया भर के वक्ता इस खेल के बारे में अपनी राय रखेंगे ताकि खेल को और विकसित किया जा सके। टाइगर के नाम से मशहूर पटौदी ने 1961-62 से 1974-75 के बीच 46 टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व करके 2793 रन बनाए, जिसमें छह शतक शामिल थे। वह 40 टेस्ट में कप्तान रहे। विदेशी सरजमीं पर भारत की टेस्ट सीरीज में पहली जीत के समय पटौदी ही कप्तान थे। यह जीत 1967-68 में न्यूजीलैंड में मिली थी।

बोर्ड सचिव संजय जगदाले ने बयान में कहा, विश्व क्रिकेट में भारत का कद बढ़ाने में उनकी भूमिका अहम रही। साठ के दशक में जूनियर क्रिकेटरों की उन्होंने काफी हौसलाअफजाई की। यह व्याख्यान भारतीय क्रिकेट के लिए उनके योगदान को समर्पित है। पटौदी की पत्नी एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने व्याख्यान शुरू करने में देरी के लिए आलोचना की थी। बीसीसीआई ने इसी के बाद व्याख्यान शुरू करने का फैसला किया। शर्मिला ने पिछले साल भारत-इंग्लैंड सीरीज पटौदी के नाम पर कराने की भी मांग की थी। लेकिन बीसीसीआई ने यह कहते हुए अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी थी कि सीरीज पहले ही एंथोनी डी मेलो ट्रॉफी के नाम से जानी जाती है। डी मेलो बीसीसीआई के पहले सचिव थे।

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