पाकिस्तानी गेंदबाज ने की थी स्लेजिंग, सचिन ने कही ऐसी बात कि हो गए पानी-पानी
Saqlain Mushtaq sledged Sachin Tendulkar सचिन ने सकलैन मुश्ताक को ऐसी बात कही कि उन्होंने फिर सचिन पर स्लेजिंग ना करने की कसम खा ली।
नई दिल्ली, जेएनएन। सचिन तेंदुलकर जैंटलमैन गेम से जैंटलमैन खिलाड़ी थे। उनकी छवि विश्व क्रिकेट में बेहद विनम्र क्रिकेटर की थी और विवादों से उनका नाता दूर-दूर तक नहीं रहा। नब्बे के दशक में सचिन और सकलैन मुश्ताक के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती थी और एक मैच के दौरान ऐसी घटना घटी की पाकिस्तान का ये पूर्व स्पिनर शर्मसार हो गया था। उस घटना के बाद सकलैन ने कसम खाई थी कि वो जिंदगी में कभी भी सचिन पर स्लेजिंग नहीं करेंगे।
ये वाकया हुआ था कनाडा में साल 1997 में जहां सहारा कप से मैच खेले जा रहे थे। जब सचिन सकलैन के सामने थे तो उन्होंने सोचा कि सचि पर स्लेजिंग की जाए जिससे की उनका ध्यान बंट जाए। सकलैन ने ऐसा ही किया। इसके बाद सचिन उनसे पास आए और कहा कि मैंने कभी आपके साथ बुरा बर्ताव नहीं किया तो फिर आप मेरे साथ ऐसे व्यवहार क्यों नहीं कर रहे हैं। सकलैन ने ये भी बताया कि उस वक्त वो भी अपनी टीम में नए थे।
सकलैन ने कहा कि सचिन की बात पर मैं इतना शर्मसार हो गया कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं उनसे क्या कहूं। सकलैन ने कहा कि सचिन ने मुझसे कहा था कि मैं आपको एक इंसान और खिलाड़ी के रूप में बहुत सम्मान देता हूं। मैं इतना शर्मिंदा हुआ कि इसके बाद मैंने कभी उनके खिलाफ स्लेजिंग नहीं की। मैं आपको नहीं बता सकता कि मैंने उनसे क्या कहा लेकिन मैंने मैच के बाद उनसे माफी मांगी थी।
सकलैन ने कहा कि वो बेहद सौम्य और भद्र इंसान हैं। वैसे इस घटना के बाद जब वो मेरी गेंदों पर शॉट्स लगाते भी थे तब भी मैं स्लेजिंग के बारे में नहीं सोचता था। 1999 में चेन्नै टेस्ट मैच में दोनों के बीच यादगार मुकाबला देखने को मिला जब तेंदुलकर की 136 रन की शानदार पारी के बावजूद पाकिस्तान 12 रन से जीत दर्ज करने में सफल रहा था। इस मैच की दोनों पारियों में सकलैन ने सचिन के आउट किया था।
सकलैन ने इस मैच में कुल 10 विकेट लिए थे। उन्होंने कहा कि हम दोनों ही अपनी-अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए खेल रहे थे। उन्होंने कहा कि सचिन जिस तरह से खेल रहे थे वो कमाल का था। मैंने दोनों पारियों में उनका विकेट लिया जो मेरे लिए अविश्वसनीय था। उस मुकाबले में गेंद रिवर्स स्विंग हो रही थी और सचिन पूरे आत्मविश्वास के साथ वसीम अकरम को खेल रहे थे।