अब सचिन की आत्मकथा 'प्लेइंग इट माय वे' ने भी बना दिया एक नया रिकॉर्ड
सचिन तेंदुलकर निर्विवाद रूप से विश्व के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड्स दर्ज हैं और उन्होंने एक बार फिर उन्होंने अपना नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज कराया है। इस बार सचिन ने बल्ले से नहीं बल्कि अपनी ऑटोबायोग्राफी प्लेइंट इट माय वे की बदौलत
नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर निर्विवाद रूप से विश्व के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड्स दर्ज हैं और उन्होंने एक बार फिर उन्होंने अपना नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज कराया है। इस बार सचिन ने बल्ले से नहीं बल्कि अपनी ऑटोबायोग्राफी प्लेइंट इट माय वे की बदौलत रिकॉर्ड बनाया है। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक- ऑटोबायोग्राफी ने बिक्री के सभी रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं।
प्लेइंग इट माय वे ने अन्य वयस्क हार्ड कवर किताब जैसे जेके रॉलिंग की कैजुअल वेकेंसी, डॉन ब्राउन द्वारा लिखी इनफर्नो और वॉल्टर इसाकसन की स्टीव जॉब्स को भी बिक्री के मामले में पीछे छोड़ दिया है। किताब के रिलीज होने के पहले दिन, प्लेइंग इट माय वे ने प्री ऑर्डर और लाइफटाइम सेल्स के मामले में कैजुअल वेकेंसी, इनफर्नों और स्टीव जॉब्स को बहुत पीछे छोड़ दिया था।
किताब का प्रकाशन हैचेट इंडिया ने किया है जिसे छह नवंबर 2014 को जारी किया गया था। इसने कथा आधारित और गैर कथा आधारित वर्ग के वयस्क वर्ग के पेपरबैक में सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं जिसकी 1,50,289 प्रतियां आर्डर सब्सक्रिप्शंस से बिकी हैं। बोरिया मजूमदार तेंदुलकर की इस आत्मकथा के सह-लेखक थे। इसने खुदरा मूल्य के मामले में भी रिकार्ड बनाया है, इसकी कीमत 899 रुपए थी, जिससे 13.51 करोड़ रुपए की कमाई हुई।