माल्या विवाद से IPL फ्रेंचाइजी आरसीबी का भविष्य अधर में
विजय माल्या के अचानक लंदन जाने और बैंकों के उनसे हजारों करोड़ रुपए का बकाया वसूलने में हो रहे संघर्ष के बीच आइपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर (आरसीबी) के भविष्य पर भी संकट के बादल छा गए है।
नई दिल्ली। विजय माल्या के अचानक लंदन जाने और बैंकों के उनसे हजारों करोड़ रुपए का बकाया वसूलने में हो रहे संघर्ष के बीच आइपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर (आरसीबी) के भविष्य पर भी संकट के बादल छा गए है।
दस्तावेजों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरसीबी के मालिक माल्या ने इस फ्रेंचाइजी के ऐवज में भी लोन लिया हुआ है। माल्या ने आइपीएल की इस फ्रेंचाइजी को 2008 में 111.6 मिलियन डॉलर (करीब 476 करोड़ रुपए) में खरीदा था और उसके बाद से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। एक रिपोर्ट के अनुसार रॉयल चैलेंज स्पोर्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (आरसीएसपीएल) ने वार्षिक साधारण सभा में प्रस्ताव पारित किया था कि गवर्निंग बोर्ड विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से 500 करोड़ रुपए तक का लोन ले सकते हैं। इसके अलावा फ्रेंचाइजी द्वारा लिए गए अस्थायी लोन को मिला लिया जाए तो यह कंपनी की केपिटल से भी ज्यादा राशि हो जाएगी।
आरसीएसपीएल के पूर्व शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी पहले ही पैसे उठा चुकी है, लेकिन इसके डिटेल उनके पास मौजूद नहीं थे। माल्या ने 25 फरवरी 2016 को यूनाइटेड स्प्रिंट्स लिमिटेड (यूएसएल) के गैर कार्यकारी निदेशक और आरसीएसपीएल के निदेशक के पदों से इस्तीफा दे दिया था। यूके स्थित डिएगो से हुई डील के तहत यह इस्तीफा हुआ था। आरसीबी का स्वामित्व यूएसएल के पास है। इस समझौते के अनुसार विजय माल्या के बेटे सिद्धार्थ 2 वर्ष तक या आरसीबी के यूबी ग्रुप का हिस्सा बने रहने में से जो भी पहले होगा, उस अवधि के लिए आरसीएसपीएल के निदेशक बने रहेंगे।