आइपीएल सीजन 2018 में वानखेड़े में नहीं होगा साफ पानी का इस्तेमाल
इस वर्ष होने वाले आइपीएल मैचों में पिच या अन्य काम में पीने लायक साफ पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
मुंबई, प्रेट्र। वानखेड़े स्टेडियम में इस वर्ष होने वाले आइपीएल मैचों में पिच या अन्य काम में पीने लायक साफ पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने बांबे हाई कोर्ट से कहा है कि चाहे खरीद कर या बीएमसी द्वारा उपलब्ध कराए गए साफ पानी का इस्तेमाल खेल मैदान से संबंधित काम में नहीं किया जाएगा।
24 जनवरी को सुनवाई के दौरान एमसीए के वकील एएस खांडेपारकर ने हाई कोर्ट से कहा कि एसोसिएशन केवल रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली से संरक्षित पानी का ही इस्तेमाल करेगा। इसके अलावा वानखेड़े स्टेडियम में पिछले वर्ष निर्मित अपने रिंग वेल से पानी लेगा। यह रिंग वेल टायलेट एवं स्वच्छता बनाए रखने के लिए तैयार किया गया था। खांडेपारकर ने कहा कि आइपीएल मैच में रोजना इन उद्देश्यों के लिए करीब 3,30,000 लीटर पानी की जरूरत होगी।
जस्टिस एएस ओका और जस्टिस पीएन देशमुख ने पूछा कि एमसीए मुंबई में भविष्य में होने वाले आइपीएल मैचों में भी इसका पालन करेगा? इसके जवाब में खांडेपारकर ने कहा कि वह भविष्य के मैचों के बारे में इस तरह का कोई बयान नहीं दे सकते हैं।
खंडपीठ एनजीओ लोकसत्ता मूवमेंट द्वारा 2016 में दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी। एनजीओ ने उस वर्ष मुंबई एवं अन्य शहरों में आइपीएल मैचों का विरोध किया था। उस समय महाराष्ट्र में सूखे की जैसी स्थिति थी जिस कारण एनजीओ ने विरोध किया था। हाई कोर्ट के आदेश के कारण 2016 में मैच राज्य से बाहर कराने पड़े थे। आइपीएल ने अदालत से भविष्य में होने वाले आइपीएल मैचों में राज्य के साथ ही राष्ट्रीय जल नीति के प्रावधान का पालन सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया था।