तो क्या अब भारत के लिए टेस्ट सीरीज में वापसी करना मुश्किल है?
आंकड़े बताते हैं कि भारत के लिए इस टेस्ट सीरीज में वापसी करना जरा मुश्किल है।
नई दिल्ली। पुणे टेस्ट में भारत को मेहमान टीम ने 333 रन के बड़े अंतर से हराया। इस हार के बाद अब टेस्ट सीरीज में वापसी करना भारतीय टीम के लिए एक बड़ी चुनौती है। आंकड़ों की मानें तो टेस्ट सीरीज में पहला मैच हारने के बाद भारतीय टीम काफी कम मौके पर ही सीरीज में वापसी कर पाई है। भारत के साथ ऐसा सिर्फ तीन बार ही हुआ है कि वो टेस्ट सीरीज का पहला मैच हारने के बाद सीरीज जीतने में सफल रहा है।
भारतीय टीम को चार टेस्ट मैचों की सीरीज में वापसी करने के लिए इंग्लैंड के खिलाफ 1972 -73 की सीरीज, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 की सीरीज और श्रीलंका के खिलाफ 2015 की सीरीज से प्रेरणा लेनी होगी, जिनमें पहला टेस्ट मैच हारने के बाद टीम ने जबर्दस्त वापसी की थी। वैसे इनमें से केवल इंग्लैंड वाली सीरीज ही ऐसी थी जिसमें चार या इससे अधिक टेस्ट खेले गए थे। बाकी दोनों सीरीज तीन-तीन टेस्ट मैचों की थी। भारत ने हालांकि दो अवसरों पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 1987-88 में और इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में चार टेस्ट मैचों की दोनों सीरीज का पहला मैच गंवाने के बाद 1-1 से बराबर करवाई थी।
भारत कुल आठ बार पहला टेस्ट हारने के बाद सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रहा है। भारत के लिए यह आंकड़ा थोडा राहत देने वाला है कि सीरीज के पहले टेस्ट मैच की तुलना में दूसरे टेस्ट मैच में उसका रिकॉर्ड बेहतर रहा है। भारतीय टीम ने अब तक दो या इससे अधिक टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट मैच के रूप में खेले गए 140 मैचों में से 38 में जीत दर्ज की जबकि 52 में उसे हार का सामना करना पड़ा। एक मैच टाई रहा और बाकी 49 मैच ड्रॉ रहे। सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में हालांकि उसका रेकार्ड 140 टेस्ट, 42 जीत और 38 हार और 60 ड्रॉ का है।