रोक सको तो रोक लो: गांगुली
लीड्स में शुक्रवार को भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज का पांचवां और अंतिम मैच खेला जाएगा और भारतीय टीम की नजरें क्लीन स्वीप
(गांगुली का कॉलम)
लीड्स में शुक्रवार को भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज का पांचवां और अंतिम मैच खेला जाएगा और भारतीय टीम की नजरें क्लीन स्वीप पर होंगी। जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ रही है भारतीय टीम बेहतर होती जा रही है। पिछले तीन वनडे में मिली जीत इस बात को साबित करती है। ऐसा लग रहा है कि इंग्लैंड और भारत वनडे क्रिकेट में दो अलग-अलग तरह का क्रिकेट खेल रहे हैं। इंग्लैंड टीम को देखें तो उसे देखकर 15 साल पहले का वनडे क्रिकेट याद आता है। दूसरी ओर भारतीय टीम है जो आधुनिक क्रिकेट का प्रदर्शन कर रही है, जो मैच दर मैच बेहतर होता जाता है।
सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी शानदार रही है। जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती है उनका स्कोङ्क्षरग रेट बढ़ता जाता है। यह दर्शाता है कि हमारा खेलने का यही तरीका है और हर चरण में हम हिटिंग जारी रखेंगे, तुम रोक सकते हो तो रोक लो। जेम्स एंडरसन से लेकर मोइन अली तक इंग्लिश गेंदबाजों के पास भारतीय बल्लेबाजों का कोई जवाब नहीं है।
अजिंक्य रहाणे के रूप में भारत को अच्छा ओपनर मिला है। रोहित शर्मा और रहाणे में से ओपनिंग कौन करेगा, यह बहस का विषय हो सकता है। मेरा मानना है कि दोनों ही अंतिम एकादश का हिस्सा होने चाहिए, लेकिन विदेश में जितने रन रहाणे ने बनाए हैं इससे ओपनर के तौर पर उनका पलड़ा भारी है। मैंने हमेशा ही उन खिलाडिय़ों का समर्थन किया है, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में तेज गेंदबाजी के खिलाफ रन बनाए हैं। ऐसे खिलाडिय़ों को नियमित तौर पर टीम का हिस्सा होना चाहिए और रहाणे ने यह जगह अपने बूते हासिल की है। उनकी तकनीक और शॉट चयन लाजवाब हैं और उन्होंने दिखाया है कि मसल्स नहीं होने के बावजूद गेंद को बाउंड्री के पार कैसे पहुंचाया जा सकता है। रहाणे की फॉर्म के कारण दूसरे छोर पर शिखर धवन को जमने का मौका दिया और उन्होंने खुलकर शॉट खेले। लीड्स में भी भारतीय बल्लेबाजों से इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।
भारत के लिए इस मैच में नए खिलाडिय़ों को आजमाने का मौका है। विश्व कप ज्यादा दूर नहीं है और युवा स्पिनर कर्ण शर्मा को मैच में खिलाया जाना चाहिए। वह सटीक लेग स्पिनर हैं और अगर वह अच्छा करते हैं तो उछाल भरी पिचों पर वह टीम के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। युवा बल्लेबाज संजू सैमसन को भी खिलाया जाना चाहिए। अगर उन्हें विकेटकीपर के तौर पर कप्तान धौनी के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है तो यह उपयुक्त समय हैं यह देखने का कि वह उपमहाद्वीप की सपाट पिचों के मुकाबले विदेश में तेज गेंदबाजों को कैसे खेलते हैं। इससे चयनकर्ताओं को कई सवालों का जवाब मिल सकता है।
दूसरी ओर वनडे में इंग्लैंड के प्रदर्शन की बात करें तो उनका खेल बद से बदतर होता गया है। छोटे प्रारूप में उन्होंने पिछले दो सालों से घर पर कोई सीरीज नहीं जीती है। मौजूदा टीम में ज्यादा खिलाड़ी ऐसे नजर नहीं आते जो टीम को मुश्किल से उबार सकें। हालांकि मोइल अली ने अपने पहले मैच में दिखा दिया कि अगर सकारात्मक सोच से बल्लेबाजी की जाए तो विपक्षी गेंदबाजों को कुंद किया जा सकता है।