BCCI का फैसला, घरेलू टी-20 लीग में नहीं खेल पाएंगे बाहरी खिलाड़ी
घरेलू लीगों में इस वर्ष बाहरी प्रदेशों के खिलाड़ी नहीं खेल पाएंगे
नई दिल्ली, जेएनएन। तमिलनाडु क्रिकेट संघ की तमिलनाडु क्रिकेट लीग (टीएनपीएल) और कर्नाटक क्रिकेट संघ की कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) की तर्ज पर अन्य राज्य संघों ने घरेलू टी-20 क्रिकेट लीग कराए जाने की मांग की थी। जिस पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की रविवार को कोलकाता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि इन घरेलू लीगों में इस वर्ष बाहरी प्रदेशों के खिलाड़ी नहीं खेल पाएंगे। हालांकि बोर्ड आगे इस मामले में कोई हल निकालना चाहता है।
बैठक में बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी के साथ ही तकनीकी समिति के चेयरमैन सौरव गांगुली मौजूद थे। विनोद राय की अगुआई वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रतिनिधि के तौर पर राहुल जौहरी भी शामिल रहे।
मालूम हो कि उन्मुक्त चंद, शेल्डन जैक्सन, हनुमा विहारी जैसे खिलाड़ियों को सीओए ने तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में हिस्सा लेने से रोक दिया था। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि टीएनपीएल में इस वर्ष कोई हल नहीं निकल सकता है, लेकिन हम इसको लेकर रास्ता निकालना चाहते हैं। ज्यादातर सदस्यों को लगता है कि खिलाड़ियों को लीग में खेलने से प्रतिबंधित नहीं करना चाहिए।
वहीं, सौरव गांगुली ने कहा कि हमें इस विषय में एक संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। जब बात खिलाड़ियों के दूसरे प्रदेशों की टी-20 लीग में खेलने की हो तो हमें इस बात का ख्याल रखना होगा कि इससे इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल की गरिमा खराब ना हो।
नाडा पर कोई फैसला नहीं
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) पर बोर्ड की बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया है। कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना ने कहा कि सीईओ राहुल ने हमें बीसीसीआइ के मौजूदा फैसले से अवगत कराया है और साथ ही नाडा, आइसीसी के साथ बातचीत के बारे में भी बताया। हमें इसके संबंध में अभी कुछ बैठक और करनी होंगी।
वहीं बीसीसीआइ के लिए विराट कोहली और महेंद्र सिंह धौनी जैसे खिलाड़ियों को डोप टेस्ट के लिए मनाना मुश्किल होगा, क्योंकि भारतीय खिलाड़ी इसके खिलाफ हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी निजता पर सवाल उठेगा।
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