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रजत शर्मा ने फिर संभाला DDCA अध्यक्ष का कार्यभार, स्वीकार नहीं किया गया इस्तीफा

वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा को दोबारा डीडीसीए के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालना पड़ा है। उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 10:27 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 10:27 AM (IST)
रजत शर्मा ने फिर संभाला DDCA अध्यक्ष का कार्यभार, स्वीकार नहीं किया गया इस्तीफा
रजत शर्मा ने फिर संभाला DDCA अध्यक्ष का कार्यभार, स्वीकार नहीं किया गया इस्तीफा

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क।  दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के लोकपाल रिटायर्ड जस्टिस बदर दुर्रेज अहमद के आदेश के बाद वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने सोमवार को डीडीसीए का अध्यक्ष पद एक बार फिर से संभाल लिया। हालांकि, शीर्ष परिषद के सदस्यों ने रजत शर्मा को पत्र लिखकर कंपनी नियम का हवाला देते हुए कहा कि एक बार इस्तीफा देने के बाद वह फिर से पद नहीं संभाल सकते हैं।

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मालूम हो कि रजत शर्मा ने किसी का नाम लिए बिना डीडीसीए में लगातार चल रहे विवाद और दबाव के बीच शनिवार को पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद लोकपाल अहमद ने रविवार को शर्मा और अन्य अधिकारियों के इस्तीफों पर रोक लगा दी थी और उन्हें उनके पदों पर बने रहने के आदेश जारी किए थे। साथ ही निलंबित महासचिव विनोद तिहारा को दोबारा पद पर बहाल किए जाने पर रोक लगा दी थी।

दोबारा अध्यक्ष पद पर कार्यभार संभालने के बाद शर्मा ने बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने लिखा, 'लोकपाल के निदेश पर मैंने तत्काल प्रभाव से डीडीसीए के अध्यक्ष पद का प्रभार संभाल लिया है। मैं आप सभी से निवेदन करूंगा कि डीडीसीए के मामलों को ईमानदार और पारदर्शी तरीके से चलाने में मेरा सहयोग करें। आप सभी से मेरा आग्रह है कि आप शीर्ष परिषद की उस किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लें जो मेरी सहमति के बिना बुलाई या आयोजित की गई हो।'

रजत शर्मा ने स्पष्ट किया कि मंगलवार को शीर्ष परिषद की कोई भी बैठक नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे यह भी पता चला है कि लोकपाल ने 19 नवंबर को शाम 7.30 बजे होने वाली शीर्ष परिषद की बैठक के लिए कुछ चुनिंदा सदस्यों को नोटिस भेजा है इसलिए शीर्ष परिषद की बैठक मंगलवार को आयोजित करने का कोई मतलब नहीं है। मैं निर्देश देता हूं कि शीर्ष परिषद की बैठक या इस तरह की कोई भी निर्धारित बैठक रद कर दी गई है।"

दूसरी ओर, शीर्ष परिषद के आठ सदस्यों ने सोमवार को रजत शर्मा को भेजे पत्र में लिखा, "कंपनी एक्ट 2013 का अनुच्छेद 168 (1) स्पष्ट करता है कि एक बार कंपनी को भेजे जाने के बाद निदेशक का इस्तीफा तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएगा। कंपनी एक्ट 2013 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि एक बार कंपनी को भेजा गया इस्तीफा वापस लिया जा सके।" शीर्ष परिषद के जिन सदस्यों ने शर्मा को यह पत्र भेजा है उनमें राकेश बंसल, आलोक मित्तल, संजय भारद्वाज, रेनू खन्ना, राजन मनचंदा, अपूर्व जैन, नितिन गुप्ता और एसएन शर्मा शामिल हैं।


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