अपनी मर्जी से नहीं तो क्या कप्तानी छोड़ने के लिए धौनी को मजबूर किया गया !
खबरों बताती हैं कि धौनी पर कप्तानी छोड़ने का दबाव था।
नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धौनी ने अचानक ही भारतीय वनडे और टी 20 टीम की कप्तानी छोड़ दी। हालांकि उनके द्वारा अचानक लिए गए इस फैसले से सबको हैरानी जरूर हुई। अब धौनी ने कप्तानी खुद छोड़ी या उनके उपर इसके लिए दबाव था अब ये चर्चा का विषय बन गया है। खबरों के मुताबिक तो ये बातें सामने आईं हैं कि धौनी को कप्तानी छोड़ने के लिए उन पर दबाव बनाया गया था।
खबरों की मानें तो धौनी पर ये दबाव सेलेक्टर्स की तरफ से बनाया गया था। इस बात का प्रमाण उनके मेल से भी मिलता है कि उन्होंने अपनी मर्जी से कप्तानी नहीं छोड़ी थी। जिस दिन धौनी ने कप्तानी छोड़ी उस दिन उनकी मुलाकात चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद के साथ हुई थी। दोनों के बीच ये मुलाकात नागपुर में रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल के दौरान हुई थी जहां झारखंड और गुजरात के बीच मुकाबला खेला जा रहा था। धौनी नागपुर में झारखंड के मेंटर के तौर पर वहां मौजूद थे।
धौनी ने कप्तानी छोड़ने का फैसला दबाव में लिया था इसका अंदाजा उनके मेल से हो जाता है जिसमें उन्होंने लिखा था कि 'मैं भारत के वनडे कप्तान पद से इस्तीफा देता हूं और विराट कोहली का मेंटर बनने के लिए राजी हूं। ' मेल के आखिरी लाइन से साफ पता चलता है कि धौनी के उपर दबाव था क्योंकि उन्होंने लिखा था कि मैं विराट का मेंटर बनने को राजी हूं।
वैसे धौनी को कप्तानी से हटाने का सिलसिला पिछले वर्ष सितंबर में ही शुरू हो गया था। सितंबर में जब चयन समिति की बैठक हुई थी उसी दौरान उन्हें समझाया गया था कि 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया को नए रोडमैप की जरूरत है और अब विराट का वक्त आ गया है। शायद नागपुर में धौनी और प्रसाद जब मिले तो उनके बीच इस मुद्दे पर बातचीत हुई और इसके बाद धौनी ने कप्तानी छोड़ दी।
धौनी पर शायद वर्ल्ड कप 2015 के बाद से ही कप्तानी छोड़ने का दबाव बनने लगा था। इसके बाद उनका प्रदर्शन और गिरता गया। द. अफ्रीका के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज में भारत को 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 1-4 से वनडे सीरीज गंवानी पड़ी। वहीं न्यूजीलैंड के साथ पांच वनडे मैचों की सीरीज में भारत को मुश्किल से 3-2 से जीत मिली। वर्ष 2016 में धौनी की कप्तानी में भारत ने छह वनडे जीते और सात में टीम को हार मिली। टी 20 में भी भारत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था।