मियांदाद का तर्क, कहा 'नए लड़के आ गए हैं, सचिन को जल्द भुला दिया जाएगा'
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी जावेद मियांदाद ने एक ऐसा बयान दिया है जो शायद सचिन तेंदुलकर के फैंस को उनके संन्यास के इस भावुक समय में ज्यादा रास नहीं आएगा। मियांदाद के मुताबिक इस दुनिया के इस कोने में लोगों का स्वभाव थोड़ा अलग है, यहां पर फैंस उन क्रिकेटरों को ज्यादा दिन याद नहीं रख पाते जो अपने करियर को ज्यादा लंबा खीं
कराची। पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी जावेद मियांदाद ने एक ऐसा बयान दिया है जो शायद सचिन तेंदुलकर के फैंस को उनके संन्यास के इस भावुक समय में ज्यादा रास नहीं आएगा। मियांदाद के मुताबिक इस दुनिया के इस कोने में लोगों का स्वभाव थोड़ा अलग है, यहां पर फैंस उन क्रिकेटरों को ज्यादा दिन याद नहीं रख पाते जो अपने करियर को ज्यादा लंबा खींचते हैं।
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कल से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर सचिन तेंदुलकर अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने उतरेंगे। उससे एक दिन पहले जावेद मियांदाद ने आज कहा, 'मेरा सोचना इस मामले में बाकी लोगों से थोड़ा अलग है। मुझे लगता है कि सचिन को पहले ही रिटायर हो जाना चाहिए था। वो ऐसे समय में जा रहे हैं जब भारतीय टीम और फैंस को नए हीरो और शानदार युवा खिलाड़ी मिल चुके हैं जो कहीं ना कहीं सचिन की जगह ले चुके हैं। सचिन को जो सम्मान मिल रहा है, उसके वो हकदार हैं क्योंकि इतने सालों में उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए काफी कुछ किया है और इस युग के मास्टर बल्लेबाजों में उनका नाम आना तय है। मैं भी उनको युवा क्रिकेटरों के लिए दुनिया भर में प्रेरणा के रूप में देखना चाहूंगा।'
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मियांदाद ने कहा, 'एक खिलाड़ी के तौर पर उनकी महानता के बारे में बात करके कोई फायदा नहीं क्योंकि वो जाहिर है, लेकिन मुझे लगता है उप-महाद्वीप के खिलाड़ियों को यह समझना होगा कि उन्हें कब संन्यास ले लेना चाहिए। मेरे हिसाब से दुनिया के इस कोने में खिलाड़ियों को इतना सम्मान और हीरो का दर्जा दे दिया जाता है कि उसका भी खेल छोड़ने का दिल नहीं करता और ऐसा मेरे जैसे कई और खिलाड़ियों के साथ हो चुका है। भारत खुशकिस्मत है कि उसे एक नई युवा टीम मिल चुकी है और शायद यही वजह बनेगी कि सचिन को लोग जल्दी भुला देंगे। मुझे लगता है कि सचिन को 2011 विश्व कप के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था। वो उनके लिए शानदार विदाई होती।' इसके अलावा मियांदाद ने यह भी इच्छा जाहिर की, कि उप-महाद्वीप में हर महान खिलाड़ी को संन्यास के समय ऐसे ही सम्मानित किया जाना चाहिए जैसे सचिन को किया जा रहा है।
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