जल्दी कुछ नहीं किया तो भारतीय टेस्ट टीम में विकेटकीपर का संकट गहरा सकता है
भारतीय टीम के लिए अब विकेटकीपर की तलाश जरूरी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। महेंद्र सिंह धौनी ने जब टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा तो उनकी जगह भारतीय टेस्ट टीम में विकेटकीपर के तौर पर रिद्धिमान साहा को लाया गया। द. अफ्रीका के खिलाफ खेले जा रहे टेस्ट सीरीज के दौरान साहा चोटिल हो गए और एक बार फिर से टीम को पार्थिव पटेल नजर आए। दूसरे टेस्ट में पटेल का जलवा कुछ ऐसा रहा कि अगले यानी तीसरे टेस्ट मैच के लिए दिनेश कार्तिक को बुलावा भेजा गया। यानी साहा के चोटिल होने पर एक बार फिर से हमें उन विकेटकीपर की तरफ वापस लौटना पड़ा जिनका प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में कुछ ज्यादा खास नहीं रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अब टेस्ट टीम में विकेटकीपर के लिए नए खिलाड़ियों की तरफ कब सेलेक्टर्स का ध्यान जाएगा क्योंकि अगर नए विकेटकीपर को मौका नहीं दिया गया तो भारतीय टेस्ट टीम के लिए विकेटकीपर का संकट गहरा जाएगा और हमें कामचलाउ खिलाड़ियों से ही काम चलाना पड़ेगा।
विकेटकीपर की बात की जाए तो सबसे पहला सवाल ये है कि क्या हमारे पास बैकअप के लिए ऐसे विकेटकीपर हैं जो भारतीय टीम के लिए खेलने को तैयार हैं। टीम के चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने हाल ही में बयान दिया था कि सच तो ये है कि हमें जिस तरह के विकेटकीपर की तलाश है उस लेवल पर कोई नहीं है। हम खिलाड़ियों को इंडिया ए के लिए खेलने का मौका दे रहे हैं। यानी प्रसाद का साफ कहना है कि जो कुछ नाम विकेटकीपर के तौर पर सामने हैं वो अभी पूरी तरह से भारतीय टीम में आने के काबिल नहीं हैं तो सवाल अब भी वही है कि हमारा बैकअप क्या है।
भारतीय टीम के लिए विकेटकीपर के तौर पर जो नाम मुख्य रूप से सामने आता है उसमें पार्थिव और कार्तिक हैं जो लगभग 33 साल के हो चुके हैं। इनके बाद रिषभ पंत, ईशान किशन और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ी इसके लिए अगली पीढ़ी हैं। इन खिलाड़ियों की बल्लेबाजी को लेकर कुछ शंका जरूर है लेकिन इनमें से कुछ विकेट के पीछे कमाल कर सकते हैं। इससे साफ हो जाता है कि सही विकेटकीपर को चुनना और उन्हें तैयार करना एक बड़ी चुनौती है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर और चीफ सेलेक्टर किरण मोरे का कहना है कि भारतीय टीम में विकेटकीपर को लेकर कोई किसी तरह की मदद नहीं कर सकता। आपको नए विकेटकीपर को सामने लाने के लिए घरेलू मैचों पर नजर रखनी पड़ेगी और सही टैलेंट को चुनकर उन्हें तैयार करना होगा। मोरे ने कहा कि हमें विकेटकीपिंग कोच की भी जरूरत है जो टीम के साथ यात्रा करे और खेल से पहले उन्हें पूरी तरह से तैयार करे।