इंग्लैंड वाली लय नहीं हासिल कर पा रहे हैं इशांत शर्मा, कर रहे हैं गलतियां
भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नो बॉल को लेकर घिरते जा रहे हैं।
अभिषेक त्रिपाठी, पर्थ। इस साल इंग्लैंड दौरे पर अपने करियर के चरम पर नजर आने वाले भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नो बॉल को लेकर घिरते जा रहे हैं। जहां एडिलेड टेस्ट में वह दोनों पारियों में पांच नो बॉल फेंकने के साथ 16 ऐसी नो बॉल डालने के लिए घिरे जिसे अंपायर ने पकड़ा नहीं, तो वहीं पर्थ में वह क्रीज पर ध्यान लगाने के कारण सही टिप्पे पर गेंद नहीं फेंक पाए। यही कारण है कि भारत के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज होने के बावजूद उन्हें पहले टेस्ट में कुल तीन विकेट मिले। दूसरे टेस्ट के पहले दिन वह दो विकेट हासिल करने में कामयाब रहे।
कहां है समस्या : दूसरे टेस्ट से ठीक पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के घरेलू प्रसारणकर्ता फॉक्स स्पोर्ट्स ने रहस्योद्घाटन किया कि भारत के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत ने एडिलेड में हुए पहले टेस्ट में दो अलग-अलग ओवरों में छह नो बॉल फेंकीं, जिन्हें मैदानी अंपायर पकड़ नहीं पाए। उन्होंने एक ओवर ऐसा फेंका जिसमें एक भी गेंद वैध नहीं थी, लेकिन अंपायर उन्हें पकड़ नहीं पाए। पहले टेस्ट की पहली पारी में दो और दूसरी पारी में तीन ऐसे मौके आए जब मैदानी अंपायरों ने इशांत की गेंद को नो बॉल करार दिया। फॉक्स स्पोर्ट्स के अनुसार इशांत ने पहले टेस्ट में कुल 16 गेंदें ऐसी फेंकीं, जिसे मैदानी अंपायर नो बॉल देने से चूक गए। इशांत ने दूसरे टेस्ट के पहले दिन शुरुआती घंटे में ही एक नो बॉल फेंकी। यही वजह थी कि इशांत दूसरे टेस्ट की शुरुआत में सही लाइन लेंथ पर गेंद फेंकने की जगह अपने पैर पर ज्यादा ध्यान दे रहे थे। उनका ध्यान नो बॉल नहीं फेंकने पर था और इस चक्कर में उनकी लाइन भटक गई, जिसका फायदा ऑस्ट्रेलियाई ओपनरों ने उठाया।
ऑस्ट्रेलिया में आई समस्या : इशांत ने इस साल अगस्त-सितंबर में इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों में 18 विकेट लिए थे और तब उनकी बहुत तारीफ हुई थी। वीवीएस लक्ष्मण और हरभजन सिंह से लेकर सुनील गावस्कर ने कहा था कि हमने इशांत को कभी इतनी बेहतरीन लाइन पर गेंदबाजी करते नहीं देखा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया आकर उनकी लाइन कुछ भटक गई है। इंग्लैंड में उन्होंने अपनी नो बॉल की समस्या पर काबू पा लिया था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में यह उभरकर फिर सामने आ गई। वह तो भला हो कि पर्थ टेस्ट में अंपायरों ने कड़ाई से निर्णय नहीं लिए, नहीं तो ऑस्ट्रेलिया को 16 और अतिरिक्त रन मिल सकते थे। अगर ऐसा होता तो ये रन भारत को पहले टेस्ट में 31 रन से मिली रोमांचक जीत पर असर डाल सकते थे।
दिग्गजों ने जताया गुस्सा : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज डेमियन फ्लेमिंग ने शुक्रवार को कहा कि यह पहले टेस्ट का दबाव ही था कि इशांत दूसरे टेस्ट के पहले ओवर में आगे वाले पैर को लाइन से पीछे रखने की कोशिश कर रहे थे। शायद वह लाइन को देखकर दौड़ रहे होंगे और इसलिए गेंद को किस लाइन पर रखना है, उस पर उनका ध्यान नहीं बन पा रहा होगा। लग रहा है कि वह नो बॉल को लेकर सचेत हो गए हैं। पहले टेस्ट में वह इसी कारण फिंच का विकेट लेने से चूक गए थे क्योंकि वह नो बॉल थी। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने दूसरे टेस्ट से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि उम्मीद है कि इस मुकाबले में अंपायर बेहतर तरीके से नो बॉल पर नजर रखेंगे। इसके अलावा पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग और ब्रेड हॉज ने अंपायरों के पहले टेस्ट में नो बॉल की समस्या पर ध्यान नहीं देने पर आलोचना की।