IPL की इस नई टीम के मालिक पर गंभीर आरोप, रिपोर्ट में सट्टा लगाने वाली कंपनियों से संबंध की बात
ऐसी रिपोर्ट है कि सीपीसी कैपिटल ने सट्टा और जुआ खेलने वाली कंपनियों में बड़ा निवेश किया है। इस स्थिति में ऐसी किसी कंपनी को जिसकी सट्टेबाजी और जुआ में दिलचस्पी है उसे नई टीम सौंपना बीसीसीआइ के लिए खतरे से खाली नहीं होगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। बीसीसीआइ ने आइपीएल की नई अहमदाबाद फ्रेंचाइजी का स्वामित्व सीवीसी कैपिटल को दिया, लेकिन सट्टा लगाने वाली कंपनियों के साथ संपर्क रखने के कारण वह मुसीबत में घिर सकती है। ऐसी रिपोर्ट है कि सीपीसी कैपिटल ने सट्टा और जुआ खेलने वाली कंपनियों में बड़ा निवेश किया है। इस स्थिति में ऐसी किसी कंपनी को जिसकी सट्टेबाजी और जुआ में दिलचस्पी है उसे नई टीम सौंपना बीसीसीआइ के लिए खतरे से खाली नहीं होगा।
साल 2013 में मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी के कारण आइपीएल की काफी बदनामी हुई थी। इसी वजह से चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स को पर दो संस्करणों के लिए प्रतिबंध लगाया गया था। सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआइ का ध्यान सीवीसी कैपिटल की व्यापारिक गतिविधियों पर पड़ा, लेकिन यह हैरानी की बात है कि सत्यापन चरण के दौरान इस पर किसी का ध्यान कैसे नहीं गया।
सीवीसी कैपिटल ने 5,600 करोड़ रुपये की दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाकर अहमदाबाद फ्रेंचाइजी का स्वामित्व जीता। उन्होंने अदाणी ग्रुप को पीछे छोड़ा, जिसने 5,100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था। नीलामी प्रक्रिया में शामिल सूत्र ने बताया कि अदाणी ग्रुप अपने विकल्पों पर विचार करेगा, लेकिन अभी औपचारिक शिकायत नहीं की गई है।
i guess betting companies can buy a @ipl team. must be a new rule. apparently one qualified bidder also owns a big betting company. what next 😳😳😳 - does @BCCI not do there homework. what can Anti corruption do in such a case ? #cricket— Lalit Kumar Modi (@LalitKModi) October 26, 2021
इस बीच, आइपीएल के पूर्व चैयरमैन ललित मोदी ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा, 'मुझे लगता है कि सट्टा लगाने वाली कंपनी आइपीएल टीम खरीद सकती है। एक नया नियम है। जाहिर है कि बोली लगाने वाला भी एक बड़ी सट्टेबाजी कंपनी का मालिक है। बीसीसीआइ ने अपना होमवर्क नहीं किया। ऐसे मामलों में एंटी करप्शन क्या करेगा।'