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CSK vs DC: दिल्ली और सीएसके की क्या है कमजोरी और ताकत, पहले क्वालीफायर में गुरु व चेला का मुकाबला

IPL 2021 first qualifier match between CSK vs DC लीग मुकाबलों में दिल्ली ने दोनों मैच में सीएसके को हराया था। ऐसे में धौनी की सीएसके किस तरह से रिषभ की दिल्ली पर पार पाती है ये देखना दिलचस्प होने वाला है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 08:51 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 08:20 AM (IST)
CSK vs DC: दिल्ली और सीएसके की क्या है कमजोरी और ताकत, पहले क्वालीफायर में गुरु व चेला का मुकाबला
दिल्ली व सीएसके टीम के कप्तान रिषभ पंत व एम एस धौनी (एपी फोटो)

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान रिषभ पंत चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को अपना आदर्श और गुरु मानते हैं। पंत के टीम इंडिया में प्रवेश के दौरान धौनी ने उन्हें काफी कुछ सिखाया और एक तरह से कहा जा सकता है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार किया। जब भी धौनी मिलते हैं तो पंत उनसे बात करते हुए, कुछ पूछते हुए नजर आते हैं। धौनी भी उतनी ही शिद्दत से पंत को समझाते हैं। हालांकि वर्तमान सत्र में पंत की टीम दोनों बार धौनी की टीम को हरा चुकी है। अब देखना होगा कि रविवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में होने वाले क्वालीफायर-1 में कौन भारी पड़ता है। इस मुकाबले की विजेता टीम सीधे फाइनल में पहुंच जाएगी जबकि हारने वाली टीम को क्वालीफायर-2 में एलिमिनेटर की विजेता से भिड़कर फाइनल में पहुंचने का एक और मौका मिलेगा।

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11वीं बार प्लेआफ में पहुंची है चेन्नई : सीएसके ने पिछले साल चूकने के बाद फिर से प्लेआफ में जगह बनाई है। उसने जिन 12 आइपीएल में हिस्सा लिया है उनमें से 11 बार टीम प्लेआफ में पहुंची है। हालांकि इस सत्र में प्लेआफ में क्वालीफाई करने के बाद टीम को आखिरी तीन मैच में हार मिली है। चेन्नई अब तक आठ बार फाइनल में जगह बना चुकी है जिनमें से तीन बार उसने खिताब जीता है। इससे पता चलता है कि टीम जरूरत के समय में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की क्षमता रखती है।

डैड आर्मी को अनुभव पर भरोसा : जहां अधिकतर टीमें युवा जोश के साथ जाना चाहती हैं तो सीएसके को डैड आर्मी कहा जाता है। पिछले सत्र में खराब प्रदर्शन के कारण उसे बूढ़ी टीम भी कहा गया लेकिन इस बार उसने बताया कि अनुभव का क्या फायदा होता है। रुतुराज गायकवाड़ अपवाद कहे जा सकते हैं क्योंकि वह दो सत्र से ही टीम के साथ हैं। धौनी का सिद्धांत स्पष्ट है जो आजमाए जा चुके हैं, जिन्हें अनुभव है उन पर भरोसा रखो और यही वजह है कि उनकी टीम में रवींद्र जडेजा, अंबाती रायडू, सुरेश रैना, ड्वेन ब्रावो और फाफ डुप्लेसिस जैसे खिलाड़ी हैं। इनके अलावा जोश हेजलवुड और मोईन अली भी टीम में हैं। धौनी को टीम का संयोजन बनाने की कला में महारत हासिल है।

धौनी-रैना को दिखाना होगा दम : सीएसके के कप्तान लंबे समय से अच्छी फार्म में नहीं हैं। उन्होंने 14 मैचों में केवल 96 रन बनाए। आइपीएल के दिग्गज सुरेश रैना भी 12 मैचों में 160 रन ही बना पाए हैं। गायकवाड़ (533 रन) और डुप्लेसिस (546 रन) ने अच्छा किया है। आखिरी ओवरों में जडेजा (227) अपनी बल्लेबाजी का कमाल दिखाते रहे हैं। इसी तरह से शार्दुल ठाकुर (18 विकेट) और ड्वेन ब्रावो (12 विकेट) ने गेंदबाजी में अच्छा काम किया है। 

दिल्ली के पास अनुभव भी और युवा भी : दिल्ली को भी आरसीबी के खिलाफ अपना आखिरी लीग मैच गंवाना पड़ा। आरसीबी के एस. भरत ने अंतिम गेंद पर छक्का मारकर उसे हार का दर्द दिया। टीम के पास अनुभव और युवा शक्ति के जोश का अच्छा मिश्रण है। यह उसकी ओपनिंग जोड़ी में भी दिखाई देता है। जहां शिखर धवन जैसे अनुभवी खिलाड़ी उसके पास हैं तो पृथ्वी शा जैसे युवा ओपनर भी हैं। दिल्ली कैपिटल्स ने भले ही लीग चरण में 10 मैच जीते हैं लेकिन उसकी बल्लेबाजी में वैसा आत्मविश्वास नहीं दिखा। पृथ्वी शा (401 रन) और शिखर धवन (544 रन) ने कुछ अच्छी पारियां खेली हैं लेकिन यह मुकाबला जीतने के लिए उन्हें दबदबा बनाना होगा। कप्तान रिषभ पंत (362 रन) टुकड़ों में ही अच्छा प्रदर्शन कर पाए। मार्कस स्टोइनिस के चोटिल होने के कारण टीम का संतुलन गड़बड़ाया है। शिमरोन हेटमायर ने डेथ ओवरों में अच्छी भूमिका निभाई लेकिन कोई अन्य बल्लेबाज ऐसा नहीं कर पाया। दिल्ली का मजबूत पक्ष उसकी गेंदबाजी है। आवेश खान (22 विकेट), अक्षर पटेल (15 विकेट), कैगिसो रबादा (13 विकेट) और एनरिक नोत्र्जे (नौ विकेट) ने अब तक अपनी भूमिका बहुत अच्छी तरह से निभाई है।

सीएसके

मजूबत पक्ष-

1-धौनी जैसे अनुभवी कप्तान का होना

2-टीम में अनुभवी खिलाड़ियों की भरमार

3-रवींद्र जडेजा आलराउंडर की भूमिका शानदार तरीके से निभा रहे हैं

4-फाफ डु प्लेसिस और रुतुराज गायकवाड़ की ओपनिंग जोड़ी शानदार खेल रही है

5-प्लेआफ में पहुंचने का सबसे ज्यादा अनुभव

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कमजोर पक्ष-

1-बल्लेबाज के तौर पर धौनी और रैना का फार्म में नहीं होना

2-यूएई में दीपक चाहर को स्विंग नहीं मिलना

3-मध्यक्रम का बीच-बीच में चरमरा जाना

4-बहुत ज्यादा रवींद्र जडेजा पर निर्भर रहना

5-मोइन अली का विकेट नहीं ले पाना

दिल्ली कैपिटल्स

मजबूत पक्ष-

1-पूरे टूर्नामेंट के दौरान टीम ने गजब की निरंतरता दिखाई है

2-नोत्र्जे और रबादा जैसे तेज गेंदबाजों की जोड़ी

3-आवेश खान ने 22 विकेट लिए हैं

4-कोच पोंटिंग और कप्तान पंत की जोड़ी

5-सही समय पर अक्षर का विकेट झटकना

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कमजोर पक्ष-

1-यूएई में टीम के बल्लेबाज दबदबा नहीं बना सके हैं

2-सलामी जोड़ी बड़ी साझेदारी नहीं कर पा रही

3-कप्तानी का असर पंत की बल्लेबाजी पर पड़ा है

4-डेथ ओवरों में हेटमायर को अच्छा साथ नहीं मिलना

5-आलराउंडर मार्कस स्टोइनिस के चोटिल होना

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टीमें इस प्रकार हैं

चेन्नई सुपर किंग्स : महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान), सुरेश रैना, अंबाती रायडू, केएम आसिफ, दीपक चाहर, ड्वेन ब्रावो, फाफ डु प्लेसिस, इमरान ताहिर, एन जगदीसन, कर्ण शर्मा, लुंगी नगिदी, मिशेल सेंटनर, रवींद्र जडेजा, रुतुराज गायकवाड़ , शार्दुल ठाकुर, आर साई किशोर, मोइन अली, के गौतम, चेतेश्वर पुजारा, हरिशंकर रेड्डी, भगत वर्मा, सी हरि निशांत।

दिल्ली कैपिटल्स: रिषभ पंत (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, पृथ्वी शा, रिपल पटेल, शिखर धवन, शिमरोम हेटमायर, श्रेयस अय्यर, स्टीव स्मिथ, अमित मिश्रा, एनरिक नोत्र्जे, आवेश खान, बेन ड्वारशुइस, इशांत शर्मा, कैगिसो रबादा, कुलवंत खेजरोलिया, लुकमान मेरीवाला, प्रवीण दुबे, टाम कुर्रन, उमेश यादव, अक्षर पटेल, ललित यादव, मार्कस स्टोइनिस, रविचंद्रन अश्विन, सैम बिलिंग्स और विष्णु विनोद।


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