Move to Jagran APP

IPL 2020 से ठीक पहले BCCI को लगा झटका, भारतीय कंपनी प्रायोजक से हटी

फ्यूचर ग्रुप को IPL से हटने के लिए बाध्य होना पड़ा क्योंकि कोविड--19 के कारण प्रतिकूल आर्थिक हालात के कारण उसे नुकसान का सामना करना पड़ा।

By Viplove KumarEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 07:35 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 12:19 AM (IST)
IPL 2020 से ठीक पहले BCCI को लगा झटका, भारतीय कंपनी प्रायोजक से हटी

नई दिल्ली, एजेंसियां। इंडियन प्रीमियर लीग 2020 से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को एक झटका लगा है। पुनर्गठन के दौर से गुजर रहा रिटेल समूह फ्यूचर ग्रुप आइपीएल के लिए बीसीसीआइ के केंद्रीय प्रायोजकों की सूची से हट गया है। फ्यूचर ग्रुप को हटने के लिए बाध्य होना पड़ा, क्योंकि कोविड--19 के कारण प्रतिकूल आर्थिक हालात के कारण उसे नुकसान का सामना करना पड़ा।

loksabha election banner

बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया, 'हां, फ्यूचर ग्रुप आइपीएल के केंद्रीय प्रायोजक से हट गया है और यही कारण है कि आइपीएल वेबसाइट से उनका लोगो हटा दिया गया है। इस समय इस मामले में मैं अधिक विस्तार से कुछ नहीं कहना चाहता।'

फ्यूचर ग्रुप के एक अधिकारी से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया, लेकिन उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने पुष्टि की है कि कंपनी की वित्तीय हालत के कारण उसके हटने की संभावना थी।

सूत्र ने कहा, 'कोविड-19 के शुरू होने के समय से ही फ्यूचर ग्रुप बुरी हालत में था। यह होना ही था कि वे बीसीसीआइ के केंद्रीय प्रायोजक पूल के हिस्से के रूप में 40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर पाएंगे। इसलिए उनका हटना हैरानी भरा नहीं है। फ्यूचर ग्रुप फिलहाल पुनर्गठन के दौर से गुजर रहा है और अगले कुछ हफ्ते में संभावित टेकओवर को लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों से बात चल रही है। इसलिए इस समय खेल प्रतियोगिताओं का प्रायोजन फ्यूचर ग्रुप की प्राथमिकता नहीं है।'

पता चला है कि आइपीएल के मुख्य प्रायोजक की दौड़ में ड्रीम 11 से पिछड़ने वाली ऑनलाइन शिक्षा की कंपनी अनएकेडमी क्रेडिट कार्ड भुगतान एप क्रेड के साथ आधिकारिक प्रायोजक बनने की राह पर है। फिलहाल आइपीएल वेबसाइट के अनुसार सिर्फ चार प्रायोजक हैं। ये मुख्य प्रायोजक के रूप में ड्रीम 11 के अलावा टाटा मोटर्स (अल्टरोज), पेटीएम और सिएट टायर्स हैं।

बीसीसीआइ आम तौर पर अपने केंद्रीय प्रायोजक पूल की आधी राशि फ्रेंचाइजियों के साथ बांटता है। हालांकि आइपीएल मुख्य प्रायोजक की राशि लगभग आधी होने (वीवो के 440 करोड़ रुपये की तुलना में ड्रीम 11 के 222 करोड़ रुपये) और कुछ प्रायोजकों के हटने से टीमों की कमाई पहले ही तुलना में कम होने की आशंका है।

एक फ्रेंचाइजी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमें पता है कि यह आदर्श स्थिति नहीं है, लेकिन इसके लिए आप बीसीसीआइ को दोषषी नहीं ठहरा सकते। यह वित्तीय संकट है। अगर फ्रेंचाइजियों ने अच्छे समय में फायदा कमाया है तो मुश्किल के समय में वे बीसीसीआइ के साथ ख़़डी हैं।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.